file organization in hindi dbms

File organization in hindi:- (फाइल आर्गेनाइजेशन)

file organization

फाइल, records की एक श्रेणी होती है जो कि बाइनरी फोरमेट में स्टोर रहती है.

DBMS में, सभी डेटा records हार्ड डिस्क में स्टोर रहती है. हार्ड डिस्क में बहुत सारें blocks होते हैं इन blocks में ये डेटा records स्टोर रहते हैं. तथा file records इन डिस्क ब्लॉक्स में mapped होती है.

“file organization हमें यह डिफाइन करता है कि file records किस प्रकार इन डिस्क ब्लॉक्स में mapped होती है.”

types of file organization in hindi (फाइल आर्गेनाईजेशन के प्रकार):-

इसके प्रकार निम्नलिखित हैं:-

1:- sequential file organization

2:- heap file organization

3:- hash file organization

4:- cluster file organization

1:- sequential file organization:-

यह dbms में सबसे सरल फाइल organization की विधी है इसमें records को एक के बाद एक क्रमबद्ध तरीके से organise किया जाता है. इसमें records को search key/key field के अनुसार ascending या descending ऑर्डर में organise किया जाता है.

इसमें आप बीच में किसी नए रिकॉर्ड को नहीं डाल सकते बल्कि उसे अंत में डाला जाता है.

sequential records को ऐसी डिवाइस जैसे मैग्नेटिक टेप में स्टोर किया जाता है जो कि sequential एक्सेस की अनुमति देती हो.

इसमें अगर आपको किसी particular रिकॉर्ड को एक्सेस करना है तो आपको इसके पहले के सभी records को read करना पड़ेगा. जैसे अगर आपको रिकॉर्ड 12 को एक्सेस करना है तो आपको रिकॉर्ड 11 तक सभी records को भी read करना पड़ेगा. क्योंकि इसमें कोई random key नहीं होती जिससे कि आप रिकॉर्ड को search कर सकें.

2:- heap file organization:-

इसमें records को कही भी रख दिया जाता है तथा इसमें किसी भी प्रकार की sorting नहीं होती है. इसलिए इसे unorder file organization भी कहते है.

इसमें नए records को फाइल के last page में insert किया जाता है. अगर last page की मैमोरी full हो तो तब फाइल में नया page बनाया जाता है और नये रिकॉर्ड को उसमें insert किया जाता है.

इसके लाभ:-

1:- यह बहुत ही सरल फाइल आर्गेनाईजेशन है.

2:- इसमें records को insert करना बहुत सरल है.

3:- अगर टेबल में बहुत सारा डेटा load हो रहा हो तो उसके लिए यह बेस्ट विधी है.

इसकी हानियाँ:-

1:- इसमें कोई sorting नहीं है अर्थात् records को क्रमबद्ध तरीके से नहीं रखा जाता है जिससे records को ढूंढने में समय बहुत चला जाता है.

2:- बहुत बड़े डेटाबेस टेबल के लिए यह अपर्याप्त है.

3:- अगर हम किसी टेबल के कुछ selected tuples को एक्सेस करते है तो इसके लिए यह विधी अच्छी नहीं है.

3:- hash file organization:-

hash file organization में hash function का प्रयोग records को स्टोर करने के लिए किया जाता है. hash function एक गणितीय फंक्शन है जो कि columns/attributes पर apply किया जाता है. जिससे कि हमें records के स्टोर करने की लोकेशन का पता चलता है.

इसे direct file organization भी कहते है क्योंकि इसमें records को order में नहीं रखा जाता बल्कि लोकेशन के हिसाब से रखा जाता है.

इसके लाभ:-

  • इसमें किसी transaction के बाद records को sort करने की जरुरत नहीं होती.
  • चूँकि इसमें records को लोकेशन के आधार पर स्टोर किया जाता है जिसके कारण हम records को आसानी से search करके आसानी से एक्सेस कर सकते है.
  • इस विधी से बहुत सारें transactions किये जा सकते है और प्रत्येक transaction एक दूसरे पर depend नहीं होते है.
  • यह ऑनलाइन transaction जैसे:- ऑनलाइन बैंकिंग, टिकट बुकिंग सिस्टम आदि के लिए suitable है.

हानियाँ:-

  • इसमें records को बिना किसी क्रम के अव्यस्थित लोकेशन पर स्टोर किया जाता है जिससे छोटी फाइलों का मैमोरी space बर्बाद हो जाता है.
  • अगर जिस एट्रिब्यूट को हमें एक्सेस करना है वह hashed नहीं है तो हमें पूरी टेबल को read करना पड़ता है.

cluster file organization:-

इसमें एक या एक से अधिक tables के सम्बन्धित attributes को एक ही disk block में रखा जाता है. इनको एक ही disk block में इसलिए रखा जाता है क्योंकि ये सामन्यतया एक दूसरे के साथ प्रयोग किये जाते है.

cluster file organization केवल छोटे डेटाबेस के लिए ही अच्छा है बड़े डेटाबेस के यह inappropriate है.

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