What is buffering & spooling in hindi:-
Buffering in hindi (बफरिंग):-
buffer एक temporary एरिया होता है जहाँ डेटा main मैमोरी में ट्रान्सफर होने से पहले कुछ समय के लिए स्टोर होता है.
बफरिंग kernel के i/o subsystem के द्वारा उपलब्ध की जाने वाली बहुत ही महत्वपूर्ण सेवा है.
buffering तीन कारणों के लिए की जाती है:-
*सेन्डर तथा रिसीवर के मध्य डेटा ट्रान्सफर की गति को नियंत्रित करने के लिए.
*विभिन्न size के डिवाइसों के मध्य डेटा ट्रान्सफर को adjust करने के लिए.
*एप्लीकेशन I/O के लिए copy semantics को सपोर्ट करने के लिए.
Copy semantics यह सुनिश्चित करता है कि जब डेटा buffer तथा main मैमोरी के मध्य ट्रान्सफर होगा तब buffer के डेटा या contents में कोई बदलाव नही होगा.
ऑपरेटिंग सिस्टम तीन प्रकार की बफरिंग उपलब्ध कराती है…
1:-single buffer
2:-Double buffer
3:-circular buffer
1:- single buffer:- इसमें केवल एक सिस्टम बफर का प्रयोग डेटा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ट्रान्सफर करने के लिए किया जाता है.
जब एक यूजर प्रोग्राम i/o ऑपरेशन के लिए request करता है तो डेटा इस सिस्टम बफर में तब तक ट्रान्सफर होता है जब तक कि डेटा का पूरा ब्लॉक ट्रान्सफर नहीं हो जाता है. इसके बाद सिस्टम बफर इस पूरे ब्लॉक को यूजर प्रोग्राम को ट्रान्सफर कर देता है तथा दूसरे ब्लॉक के ट्रान्सफर होने का इन्तजार करता है.
2:- double buffer:- इसमें डेटा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ट्रान्सफर करने के लिए दो buffers का प्रयोग किया जाता है.
डेटा को सबसे पहले i/o डिवाइस से प्रथम सिस्टम बफर में ट्रान्सफर किया जाता है फिर इसे दूसरे सिस्टम बफर में ट्रान्सफर किया जाता है तथा अंत में डेटा को यूजर प्रोग्राम को ट्रान्सफर किया जाता है.
3:- circular buffer:- इसका प्रयोग तब किया जाता है जब यूजर को लगातार डेटा के बहुत बड़े ब्लॉक की जरुरत होती है. इसमें बहुत सारें सिस्टम buffers का प्रयोग किया जाता है.
सबसे पहले डेटा i/o डिवाइस से प्रथम बफर में ट्रान्सफर होता है तथा इसके बाद दूसरे, दूसरे के बाद तीसरे, तीसरे के बाद चौथे इस प्रकार यह क्रम चलता है तथा अंतिम बफर के बाद यह डेटा यूजर प्रोग्राम को ट्रान्सफर कर दिया जाता है.
spooling in hindi (स्पूलिंग):-
spool एक बफर है या हम कह सकते है कि यह एक टेम्पररी स्टोरेज एरिया होता है जो कि i/o jobs के डेटा को स्टोर करता है. यह स्टोरेज एरिया I/O devices (जैसे:- प्रिंटर) के लिए accessible होता है.
SPOOL का पूरा नाम simultaneous peripheral operation line है.
Spooling एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें डेटा को टेम्पररी स्टोरेज एरिया जिसे हम spool कहते है में भेजा जाता है. जहाँ वह कुछ समय के लिए स्टोर रहता है.
उदाहरण के लिये:- माना कि एक यूजर ने 50 पेज प्रिंट करने है और प्रिंटर 1 मिनट में केवल 10 पेजों को ही प्रिंट कर पाता है तो हमें सभी को प्रिंट करने में 5 मिनट लग जायेंगे. यदि CPU को प्रिंटिंग के इस कार्य को खत्म होने का इन्तजार करना पड़ें तो कंप्यूटर इन 5 मिनट में कुछ अन्य काम नही कर पायेगा.
इस प्रकार की परेशानी से बचने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम spooling तकनीक का प्रयोग करता है.
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Are yr oracle ka koi bhi questions ke Answer nhi he is site pe
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You happy…or kuch maayne nhi rkhta…thnks for the cmnt
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Welcome pooja…keep learning
Thank u so much sir…
Thanks .. exam nikla die bhai ne
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Thanks & Regards
Saurabh singh
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Example aur dete to fresser ko bhi clear ho jata.
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Aaj mai is notes ko padh rha hu its very help full