आज हम आपको इस पोस्ट में बहुत ही आसान भाषा में बताएँगे कि Networking device in Hindi (नेटवर्किंग डिवाइस क्या होती है?) इसे आप पूरा पढ़िए आपको यह आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-
टॉपिक
Networking Device in Hindi – नेटवर्किंग डिवाइस क्या है?
Networking device वे equipment (उपकरण) होते है जिनके द्वारा दो या दो से अधिक कंप्यूटर या नेटवर्क को आपस में connect किया जाता है. जिससे कि वे आपस में एक-दूसरे के साथ डेटा share कर सकें तथा कम्युनिकेशन कर सकें.
networking device निम्नलिखित होते है.
- Repeater (रिपीटर)
- hub (हब)
- switch (स्विच)
- bridge (ब्रिज)
- router (राऊटर)
- Gateway (गेटवे)
- Modem (मॉडेम)
Repeater (रिपीटर) क्या है?
- Repeater एक नेटवर्किंग डिवाइस है जो कि डेटा सिग्नल को receive करता है और उस सिग्नल को regenerate तथा replicate करके आगे भेज देता है.
- यह OSI मॉडल के लेयर 1 (physical layer) में कार्य करता है.
- रिपीटर का प्रयोग signal को नष्ट होने से पहले regenerate (दुबारा से जनरेट) करने के लिए किया जाता है. सिग्नल को regenerate इसलिए किया जाता है क्योंकि जब सिग्नल एक जगह से दूसरी जगह में जाते है तो वह weak (कमजोर) होते जाते है इसलिए सिग्नल के नष्ट होने से पहले दुबारा generate किया जाता है जिससे कि सिग्नल नष्ट ना हो.
- यह डिजिटल तथा एनालॉग दोनों प्रकार के सिग्नलों को replicate तथा regenerate कर सकता है.
- रिपीटर दो प्रकार का होता है analog repeater तथा digital repeater.
- Analog repeater सिग्नल को केवल amplify करता है. जबकि digital repeater सिग्नल को reconstruct करके उसमें से errors को हटाके आगे भेजते है.
Hub (हब) क्या है?)
Hub एक networking device है जिसका प्रयोग बहुत सारें कंप्यूटरों या networking device को एक साथ जोड़ने के लिए किया जाता है.
यह OSI मॉडल के लेयर 1 (फिजिकल लेयर) में कार्य करता है.
Hub में बहुत सारें ports होते हैं. हब किसी भी एक पोर्ट से आने वाले डेटा पैकेट्स को अन्य सभी ports में भेज देता है. यह recieving कंप्यूटर (पोर्ट) पर निर्भर करता है कि वह decide करें कि वह पैकेट उसके लिए है या नहीं.
अगर हमको कंप्यूटर 1 से कंप्यूटर 2 में डेटा भेजना है तो जैसे ही कंप्यूटर 1 डेटा भेजता है तो hub यह check नहीं करता है कि उसका destination क्या है वह इन डेटा सिग्नलों को अन्य सभी कंप्यूटरों (2,3,4,5…) पर भेज देता है. कंप्यूटर 2 इन डेटा सिग्नलों को ले लेता है जबकि अन्य कंप्यूटर इसे discard (निरस्त) कर देते है.
hubs का प्रयोग लोकल एरिया नेटवर्क (LAN) में विभिन्न कंप्यूटरों को star या hierachical टोपोलॉजी में connect करने के लिए किया जाता है.
हब के प्रकार
hub दो प्रकार का होता है:-
- passive hub
- active hub
1:- passive hub:- यह सिग्नल को जैसा है उसी स्थिति में आगे भेज देता है इसलिए इसे power supply की जरुरत नहीं होती है.
2:- active hub:- इसमें सिग्नल को दुबारा generate किया जाता है, इसलिए ये भी repeater की तरह कार्य करते है. इन्हें multiport repeater कहते है. इसमें power supply की जरुरत होती है.
इसे पूरा पढ़िए – Hub क्या है और इसकी working
Switch (स्विच) क्या है?)
switch एक नेटवर्किंग डिवाइस है जो कि नेटवर्क डिवाइसों तथा सेगमेंट्स को आपस में जोड़ता है. इसे multiport bridge भी कहते है. क्योंकि इसकी कार्यविधि bridge के समान ही है.
यह star टोपोलॉजी में काम में आती है.
यह OSI model के लेयर 2 (डेटा लिंक लेयर) में कार्य करता है. लेकिन आजकल ऐसे स्विच भी आ गये है जो कि osi model के लेयर 3 (नेटवर्क लेयर) में कार्य करते है.
switch में कई पोर्ट लगे होते है जब switch से होकर डेटा आता है तो switch डेटा में डेस्टिनेशन कंप्यूटर का एड्रेस पढ़ लेता है और उसे डेस्टिनेशन कंप्यूटर को भेज देता है. यह फ्रेम के mac address को check करता है.
switches ट्रैफिक को कम कर देती है. और collision domain को सेगमेंट्स में विभाजित कर देती है.
switches में built-in hardware chips होती है जो कि switching का कार्य करती है. अतः इसकी स्पीड बहुत तेज होती है और ये कई ports के साथ आते हैं.
इसमें डेटा frames के रूप में जाता है तथा यह भी bridge की तरह डेटा फ़िल्टरिंग करता है.
Types of Switch in Hindi – स्विच के प्रकार
Switch के मुख्यतया दो प्रकार होते हैं जो कि निम्नलिखित हैं:-
- Unmanaged Switches – इस प्रकार के Switch का इस्तेमाल अधिकतर Home Network या छोटे Business मे किया जाता है। ये स्विच Plug–in होते है और ये तुरंत work करने लगते है क्योंकि इन्हे किसी प्रकार के Configuration की आवश्यकता नहीं होती है।इनके लिए छोटे Cable Connection की आवश्यकता होती है। इसके द्वारा एक network में devices एक दूसरे से connect हो सकती है. Switches की Category मे इन Switches का Price सबसे कम होता है।
- Managed Switches :- इस प्रकार के Switches मे उच्च स्तर की Security, Precision Control और Network के Full Management के Features होते है। इस प्रकार के Switches को Large Network वाले business मे Use किया जाता है।
इसे पूरा पढ़ें:- Switch क्या है और इसकी working क्या है?
Bridge (ब्रिज) क्या है?
यह एक networking device है जो कि नेटवर्क सेगमेंट्स को आपस में जोड़ता है. तथा डेटा फ़िल्टरिंग का कार्य भी करता है.
bridge में केवल दो पोर्ट होते हैं एक incoming (आने वाला) और outgoing (जाने वाला).
bridge डेटा को भेजने से पहले destination एड्रेस को check करता है. यदि bridge को डेस्टिनेशन एड्रेस मिल जाता है तो वह डेटा को भेजता है अन्यथा वह डेटा को ट्रांसमिट नहीं करेगा.
bridges का उपयोग डेटा signals और ट्रैफिक को maintain करते हुए नेटवर्क को बढ़ाने के लिए किया जाता है.
यह osi model के लेयर 2 (डेटा लिंक लेयर) पर काम करता है. इसमें डेटा frames के रूप में जाता है.
इसे पूरा पढ़ें:- Bridge क्या है और इसके प्रकार
Router in hindi (राऊटर) क्या है?
router एक inter networking device है जो कि दो या दो से अधिक नेटवर्क को आपस में जोडती है.
router में एक ऐसा सॉफ्टवेर होता है जिसकी मदद से डेटा एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क में भेजा जाता है.
यह networking device अलग अलग protocols पर कार्य कर सकता है.
router में mac address के स्थान पर ip address काम में ली जाती है अर्थात् IP एड्रेस के आधार पर router डेटा को आगे ट्रांसमिट करता है. इसी कारण से यह अलग अलग protocols पर कार्य कर सकता है.
यह collision domain तथा broadcast domain दोनों को नियंत्रित करता है.
यदि डेटा पैकेट का डेस्टिनेशन अन्य नेटवर्क पर है तो router से डेटा पैकेट भेजा जाएगा इसलिए बिना router के इन्टरनेट काम नहीं करता है.
यह osi model के लेयर 3 (नेटवर्क लेयर) में कार्य करता है.
यह डेटा को IP address के आधार पर फ़िल्टर करता है.
router, नेटवर्क एड्रेस को स्टोर करने तथा डेटा पैकेट्स को सही port पर भेजने के लिए route tables बनाता है.
इसे पूरा पढ़ें:- Router क्या है?
Gateway (गेटवे) क्या है?
Gateway एक हार्डवेयर डिवाइस होती है जो कि एक दरवाजे की तरह काम करती है। गेटवे एक बहुत महत्वपूर्ण नेटवर्क डिवाइस है जिसके द्वारा ही हम अपने कंप्यूटर या अन्य डिवाइस में इंटरनेट एक्सेस कर पाते हैं.
गेटवे ही वह डिवाइस होती है जो दो विभिन्न प्रोटोकॉल वाले नेटवर्क को आपस में जोडती है, और डाटा का आदान – प्रदान करने में सुविधा देती है.
गेटवे एक नेटवर्क के लिए Entry और दुसरे के लिए Exit Point के रूप में काम करता है, क्योंकि सभी डेटा को रूट किये जाने से पहले गेटवे से गुजरना पड़ता है.
गेटवे के द्वारा हम LAN नेटवर्क को WAN के साथ connect कर सकते हैं. यदि हमें कोई ऐसा data प्राप्त करना है जो कि हमारे नेटवर्क में उपलब्ध नहीं है तो हम गेटवे का इस्तेमाल करके दुसरे नेटवर्क से data को प्राप्त कर सकते हैं. गेटवे के बिना इन्टरनेट एक्सेस नहीं किया जा सकता है.
Types of Gateway – गेटवे के प्रकार
इसके प्रकार निम्नलिखित हैं:-
1. Network Gateway
Network Gateway सबसे सामान्य प्रकार का Gateway है। जो दो अलग अलग Protocol का पालन करने वाले Network को आपस में जोड़ने का काम करता है।
2. IoT Gateway
IoT का पूरा नाम Internet of Thing होता है। यह IoT Environment में Device से सेंसर डेटा को एकत्रित करता है। उसे सेंसर प्रोटोकॉल के बीच अनुवाद करता है फिर Cloud Network पर भेज देता है।
3. Media Gateway
Media Gateway एक Network के डेटा Format को दूसरे Network के लिए आवश्यक Format में बदलता है।
4. Bidirectional Gateway
वह Gateways जिसके द्वारा डेटा को दोनो दिशाओं में transmit किया जा सकता है। वह Bidirectional Gateway कहलाता है।
इसे पूरा पढ़ें – गेटवे क्या है और इसके प्रकार
Modem (मॉडेम) क्या है?
मॉडेम एक हार्डवेयर डिवाइस है जिसका उपयोग एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर में संचार (communication) करने के लिए किया जाता है। यह डिवाइस दो कंप्यूटर के बीच कम्युनिकेशन में के लिए telephone lines का प्रयोग करता है।
दुसरे शब्दो में कहे तो modem एक Input और output device है जिसका उपयोग टेलीफोन लाइन पर डेटा को एक डिवाइस से दुसरे डिवाइस में transfer करने के लिए किया जाता है।
Types of Modem in Hindi – मॉडेम के प्रकार
1– External Modem – यह एक तरह का मॉडेम है, जिसे कंप्यूटर सिस्टम के बाहरी हिस्से में एक cable का उपयोग करके जोड़ा जाता है।
2- Internal Modem
इस मॉडेम को on-board modem के नाम से भी जाना जाता है। Internal modem को सिस्टम के motherboard पर इनस्टॉल किया जाता है।
3- Wireless Modem
यह modem cable के बिना सिस्टम के साथ connect होता है। सरल शब्दो में कहे तो वायरलेस मॉडेम को सिस्टम के साथ कनेक्ट करने के लिए किसी भी प्रकार की केबल की आवश्यकता नहीं पड़ती।
इसे पूरा पढ़े – मॉडेम क्या है और इसके प्रकार
Collision kya hota hai?
collision का अर्थ होता है ‘टकराव’.
नेटवर्क में दो कंप्यूटर के द्वारा एक साथ डेटा ट्रांसमिट करने पर collision (टकराव) की स्थिति आ जाती है. दोनों computers के डेटा पैकेट्स जब आपस में मिलते है तो वह टकराकर नष्ट हो जाते है.
Collision domain क्या होता है?
ईथरनेट में वह नेटवर्क एरिया जिसमें टकराये हुए डेटा पैकेट्स को detect किया जा सकें, collision domain कहलाता है.
hub और repeaters में collision domain को आगे ट्रांसमिट कर दिया जाता है जबकि switches, routers तथा bridge में collision को आगे नहीं भेजा जाता है.
वह डिवाइस जो दो कंप्यूटर या नेटवर्क को आपस में एक दूसरे के साथ जोड़ता है उसे नेटवर्किंग डिवाइस कहते हैं.
इसके बहुत प्रकार होते हैं. जैसे- हब, स्विच, रिपीटर, राऊटर, गेटवे और मॉडेम आदि.
Reference:- https://www.geeksforgeeks.org/network-devices-hub-repeater-bridge-switch-router-gateways/
निवेदन:- दोस्तों इस networking device in Hindi टॉपिक से exam में question अवश्य आता है इसलिए आप इसे अच्छी तरह पढ़ लीजिये. अगर आपके लिए यह पोस्ट helpful रही हों तो कृपया हमें comment के द्वारा बताइए तथा इस पोस्ट को ओने दोस्तों के साथ share करें. धन्यवाद.
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Firewall and access point ke baare me bhi thoda bataaye kyunki aapne network devices me unhe chodd diye hai
Bhi थोड़ा विस्तार में बताया करो
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Thanks ye question hai me ne old question pepar dekhi hai
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Thanks sir Internet potocol ke bare me Kuchh post kijiye plz
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Thanku so much sir
Hardware requirements of a network. Please
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please aap hame network ke types ko hindi me btaye
What is Ethernet?
बहुत अछि जानकारी मैं बहुत दिन से इस बारे में कंफ्यूज था लेकिन इस पोस्ट के माध्यम से अछि तरह से समझ गया हूँ| धन्यवाद
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