Stop & wait protocol in hindi:-
आज हम stop & wait protocol के बारें में पढेंगे तो चलिए शुरू करते है:-
इसका प्रयोग connection oriented कम्युनिकेशन में किया जाता है तथा इसका प्रयोग डेटा लिंक लेयर तथा ट्रांसपोर्ट लेयर में होता है.
stop & wait protocol में सेन्डर एक समय में केवल एक डेटा पैकेट को ही रिसीवर को send करता है और रिसीवर को जब डेटा पैकेट प्राप्त होता है तो वह sender को acknowledgement भेजता है.
sender दूसरा पैकेट तभी send करता है जब पिछले वाले पैकेट की acknowledgement उसके पास आ गयी हो.
डेटा पैकेट भेजने की यह प्रक्रिया तब तक चलती रहती है जब तक कि sender के पास भेजने के लिए डेटा होता है.
stop & wait protocol का मुख्य फायदा है इसकी accuracy.
क्यूंकि यह अगला डेटा पैकेट तभी भेजता है जब पिछले वाले की acknowledgement मिल गयी हो. इससे डेटा पैकेट के lost हो जाने की संभावना खत्म हो जाती है.
stop & wait protocol का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि यह डेटा पैकेट्स के ट्रांसमिशन की गति को बहुत धीमा (slow) कर देता है.
क्योंकि sender अगला पैकेट तब तक नहीं भेजता जब तक उसे पहले वाले कि acknowledgement प्राप्त नही हो जाती. इस कारण sender तथा reciever दोनों को infinite समय के लिए इन्तजार करना पड़ता है.
इसे भी पढ़ें:- subnetting क्या है?
निवेदन:- आपके लिए यह पोस्ट थोड़ी सी भी helpful रही हो तो हमें comment के माध्यम से बताइये तथा इस पोस्ट को अपने दोस्तों के share करें. धन्यवाद.
thank you sir. thank you sooo much
Welcome vishal..
yah bhut achha lag hame pad kar bahut hi achha samjh me aaya
It was to help full for me… Thanku
welcome priya 🙂
Thanks very much sir for this notes
Sir,FDDI ke baare m btayea?
Very help full content
It helped me a lot.
Thank you for this simple notes…..