hello दोस्तों! आज हम इस पोस्ट में बहुत ही आसान भाषा में what is e-commerce in HINDI (ई-कॉमर्स क्या है?) और इसके प्रकार के बारें में पूरे विस्तार से पढेंगे, तो चलिए शुरू करते हैं:-
टॉपिक
- 1 what is E-Commerce in hindi (ई-कॉमर्स क्या है?)
- 2 Types of E-Commerce in hindi (ई-कॉमर्स के प्रकार)
- 3 B2B (business to business)
- 4 B2C (business to consumer)
- 5 C2B (consumer to business)
- 6 C2C (consumer to consumer)
- 7 B2A (business to administration)
- 8 C2A (consumer to administration)
- 9 advantage of E-commerce in hindi (ई-कॉमर्स के लाभ )
- 10 disadvantage of E-commerce in hindi ई-कॉमर्स की हानियाँ
- 11 components and examples of e-commerce in Hindi
what is E-Commerce in hindi (ई-कॉमर्स क्या है?)
e-commerce दो शब्दो से मिलकर बना है e तथा commerce. E–commerce का पूरा नाम electronic commerce है. e का अर्थ होता है इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क अर्थात इंटरनेट तथा commerce का अर्थ होता है सामान / वस्तुओ या सेवाओं को खरीदना तथा बेचना| इस प्रकार e-commerce का अर्थ होता है की इंटरनेट के माध्यम से वस्तुओ और सेवाओं को खरीदना तथा बेचना|
आज market मे e-commerce की बहुत बड़ी बड़ी कम्पनियाँ है | जैसे की :- OLX , amazon , flipkart, ebay, paytm आदि . जो की इंटरनेट के माध्यम से व्यापार करने की सुविधा प्रदान करते है |
हम ज्यादातर सामान तथा सेवाओं को बेचने तथा खरीदने के लिए e-payments का प्रयोग करते है जैसे:- credit card, debit card, internet banking, e-wallet आदि.
Types of E-Commerce in hindi (ई-कॉमर्स के प्रकार)
e-commerce के 6 निम्नलिखित प्रकार है:-
- B2B (business to business)
- B2C (business to consumer)
- C2B (consumer to business)
- C2C (consumer to consumer)
- B2A (business to administration)
- C2A (consumer to administration)
B2B (business to business)
इस प्रकार के e-commerce में seller तथा buyer दोनों business organization होते है| अर्थात एक बिज़नस आर्गेनाइजेशन अपने प्रोडक्ट को दूसरे बिज़नस आर्गेनाइजेशन को बेचती है|
उदाहरण के लिए एक manufacturer अपना सामान wholesaler को बेचता है तथा wholesaler उस सामान को retailer को बेचता है. यहाँ पर manufacturer, wholesaler तथा retailer तीनों के अपने business है.
उपर दिया गया चित्र एक B2B मॉडल है. इसमें तीन business है:- manufacturer, wholesaler तथा retailer. manufacturer के पास अपनी वेबसाइट है जहाँ से wholesaler, manufacturer से सामान खरीदता है.
जब wholesaler सामान का order वेबसाइट के माध्यम से देता है तो manufacturer को वेबसाइट के द्वारा order का पता चल जाता है और वह उस सामान को wholesaler को भेज देता है. सामान मिल जाने के बाद wholesaler इस सामान को retailer को बेच सकता है इस प्रकार के बिज़नस को B2B मॉडल कहते है.
B2C (business to consumer)
इस प्रकार के e-commerce मे आर्गेनाइजेशन या कंपनी सीधे consumer को अपना प्रोडक्ट ऑनलाइन बेचता है ये सबसे ज्यादा उपयोग होने वाला इ– कॉमर्स है|
इसमें कस्टमर प्रोडक्ट को ऑनलाइन वेबसाइट में देख सकता है तथा उसे order कर सकता है. कंपनी को order की जानकारी मिल जाने के बाद कंपनी प्रोडक्ट को सीधे कस्टमर को भेज देती है.
उदहारण:- amazon, flipkart, myntra आदि. इनका प्रयोग हम आजकल daily life में करते है.
C2B (consumer to business)
consumer to business ई-कॉमर्स एक ऐसा e-commerce है जिसमें consumer जो है वह business organisation को प्रोडक्ट या सर्विस प्रदान करते है. यह B2C model का एकदम उल्टा model है.
C2B में, कस्टमर अपने प्रोडक्ट या सर्विस को कम्पनी को बेचता है. उदाहरण के लिए अगर आप graphic designer है तो आप अपने ग्राफ़िक्स को डिजाईन करके कंपनियों को बेच सकते है.
आप अपने ग्राफ़िक्स को fiverr तथा freelancer websites के द्वारा बेच सकते है. अगर कंपनी को आपके ग्राफ़िक पसंद आये तो वह आपसे direct ही ग्राफ़िक खरीद सकते है.
C2C (consumer to consumer)
इस प्रकार के e-commerce में seller तथा buyer दोनों consumer होते है| अर्थात एक consumer अपने प्रोडक्ट को दूसरे consumer को वेबसाइट के माध्यम से बेचते है|
अर्थात् अगर आपके पास कोई प्रोडक्ट है जैसे:- car, लैपटॉप, बाइक या अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान आदि तो आप इस सामान को दूसरे consumers को वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन बेच सकते है.
उदहारण :- OLX, Quicker आदि इसके उदाहरण है|
यहाँ उपर दिए गये चित्र में consumer1 तथा consumer2 है. इसमें consumer1 अपने सामान को बेचना चाहता है. अपने प्रोडक्ट की details वह OLX वेबसाइट में publish करता है. और consumer2 उस प्रोडक्ट की details को वेबसाइट में देखता है अगर वह प्रोडक्ट वह खरीदना चाहता है तो वह consumer1 से सीधे contact कर सकता है. और इस तरह वह प्रोडक्ट बिक जायेगा.
B2A (business to administration)
business to administration ई-कॉमर्स को business to governement (B2G) ई-कॉमर्स भी कहते है.
B2A में, business organisation तथा government agency वेबसाइट के द्वारा सूचना का आदान प्रदान करते है.
C2A (consumer to administration)
C2A (consumer to administration) ई-कॉमर्स को consumer to government ई-कॉमर्स भी कहते है.
इसमें consumer तथा government agency के मध्य सूचना का आदान प्रदान वेबसाइट के माध्यम से होता है.
advantage of E-commerce in hindi (ई-कॉमर्स के लाभ )
इसके लाभ निम्नलिखित है:-
- e-commerce के द्वारा हम अपने व्यापर का लेन देन नेशनल तथा इंटरनेशनल मार्किट तक कर सकते है|
- किसी प्रोडक्ट का ख़रीदने से पहले हम उस प्रोडक्ट के बारे मे रिव्यु तथा कमेंट पढ़ के उस प्रोडक्ट की quality के बारे मे जान सकते है जिससे हममे सामान का ख़रीदने मे आसानी होती है|
- e-commerce का उपयोग हम 24 * 7 hour कर सकते है|
- e-commerce मे सारा काम आर्गेनाइजेशन तथा कंस्यूमर के बीच होता है इसमें 3rd पार्टी की जरूरत नहीं पड़ती जिसका सीधा फायदा आर्गेनाइजेशन को होता है|
- घर बैठे बैठे हम कोई भी सामान ऑनलाइन खरीद सकते है| हमें बाहर जाकर सामान खरीदने की जरुरत नहीं पड़ती है.
disadvantage of E-commerce in hindi ई-कॉमर्स की हानियाँ
इसकी हानियाँ निम्नलिखित है:-
- इ–कॉमर्स के लिए हाई स्पीड इंटरनेट की जरूरत पड़ती है कभी कभी low speed के कारण इ–कॉमर्स की वेबसाइट कम नहीं करती|
- इ– कॉमर्स के लिए कंप्यूटर मोबाइल तथा इंटरनेट की जानकारी होनी जरुरी है|
- जब हम कोई सामान खरीदते है तो उस सामान का पहुंचने मे 2 -3 या इससे अधिक दिन लग जाते है|
- सिक्योरिटी को ध्यान रखनापड़ता है| क्योकि जब हम ऑनलाइन payment करते है तो सिक्योरिटी को होना जरुरी है नहीं तो अकाउंट हैक या फिर हमारी इनफार्मेशन हैक हो सकती है|
- इ–कॉमर्स की जब कोई नहीं वेबसाइट market मे आती है तो उस वेबसाइट पे भरोसा करना थोड़ा मुश्किल होता है|
components and examples of e-commerce in Hindi
- Online – Shopping :- ऑनलाइन शॉपिंग इ – कॉमर्स मार्केट का एक बहुत बड़ा उदहारण है | क्योकि इ– कॉमर्स मार्केट मे ऑनलाइन शॉपिंग का बहुत ज्यादा क्रेज है| ऑनलाइन शॉपिंग मे हम घर ऑफिस की छोटी से लेकर बड़ी चीज को आसानी से खरीद सकते है इसके लिए ऑनलाइन शॉपिंग की बहुत कम्पनी है जैसे की :- myntra , flipkart etc .
- Electronic Payments :- जब हम किसी वस्तु या सामान को ऑनलाइन खरीदते है तो उसके लिए हम payment internet के द्वारा करते है | जिसे हम इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट्स कहते है | ये पेमेंट हम क्रेडिट तथा डेबिट कार्ड या अन्य तरिके से करते है | इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट करने के अलग अलग तरिके होते है | 1 . Pre -Paid 2 . pay – now 3 . Pay – later
- Net Banking :- नेट बैंकिंग को इंटरनेट बैंकिंग , ऑनलाइन बैंकिंग भी कहते है | नेट बैंकिंग प्रत्येक बैंक द्वारा दी जाने वाली ऐसी service है जिसके द्वारा हम घर ऑफिस मे बैठे– बैठे इंटरनेट की सहायता से अपने बैंक अकाउंट को access कर सकते है तथा पासबुक , एटीएम आदि के लिए अप्लाई मनी ट्रांसफर आदि सेवा को आसानी से प्राप्त या पूरा कर सकते है |
- Online – Ticket :- इंटरनेट के माध्यम से हम किसी मूवी शो या फिर किसी बड़े प्रोग्राम, क्रिकेट मैच आदि के टिकट ऑनलाइन ख़रीद सकते है
इसे भी पढ़ें:– EDI क्या है?
निवेदन:- अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो मुझे कमेंट के द्वारा बताइए तथा इसे अपने दोस्तों के साथ share करें.
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Sir me e-commerce ki meaning bhi nahi janta tha but aapke explanation se mene bahut hi good information gain ki ab me ye kisi or ko bhi explain kara sakta hu
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Thank you Ise padhne ke baad sab kuchh achhe se samjh Aa jata hai or Maine apne DCA ke sare exam isi se padh kar diye hai or me paas bhi ho gya hu