requirement elicitation (gathering) in hindi and requirement elicitation techniques in hindi

REQUIREMENT ELICITATION in hindi

Elicitation का अर्थ collect करना होता है और requirement Elicitation का मतलब requirement को collect करना होता है।

Requirement elicitation एक ऐसी प्रोसेस है जिसमें सॉफ्टवेयर के requirements को collect करने के लिए customers, stake holders तथा end users के साथ interact किया जाता है.

requirement elicitation को कभी कभी requirement gathering भी कहते है.

किसी भी software को बनाने के लिए सबसे पहले requirements को जानने व समझने की आवश्यकता होती है। और इन सभी requirements को collect करने के लिए एक medium (माध्यम) की आवश्यकता होती है जो software  से related सभी आवश्यक जानकारी को collect करते है। ये medium stack-holder या end-user होते है। सभी आवश्यक  requirements developer को end-user या stack-holder द्वारा दी जाती है।

Stockholder एक individual person होते है जो system या organization से direct या indirect कनेक्ट होते है। जैसे :- manager , tester , software engineer , developer आदि.

इन end-user या stack-holder द्वारा दी गयी requirement को collect करके software बनाया जाता है। software development process तभी सफल हो सकता है जब customer और developer के बीच प्रभावशाली partnership हो। requirement elicitation technique की सफलता customer , developer , user और analyst के समझदारी के ऊपर depend करता है।

Problem arises during requirement gathering (requirement को इक्कठा करने समय आने वाली परेशानियाँ)

Problem of scope :- जब software बना रहे होते है तो उसकी boundary को mention किया जाता है। एक software की fix boundary है या नहीं उसे mention किया जाता है। एक software की boundary fix होनी चाइये यदि software की boundary fix नहीं होती है तो problem create हो जाती है।

उदाहरण के लिए :- software बनने के लिए cost व budget कितना होगा , developer की salary कितनी होगी यह सब mention किया जाता है।

Software को बनते समय यदि scope को define नहीं किया गया तो problem create हो जाती है। इसलिए software बनते समय scope को पूरी तरह से define करना चाइये और सभी information mention करनी चाइये।

Problem of understanding: – software से संबंधित सभी modules के बारे में पूरी जानकारी होनी चाइये तभी software से संबंधित information collect कर सकते है। यदि software के सभी modules को अच्छे से समझ नहीं पाएंगे तो information भी collect नहीं कर सकते।

Problem of volatility (अस्थायी) :- environment तथा user के जरिये मिली जानकारी fix नहीं होती है। किसी भी software को बनने के लिए उसका scope fix होना चाइये यदि scope change होगा तो information collect नहीं कर पाएंगे।

problem of communication:- यह बहुत ही बड़ा issue है इमसें miscommunication, language barries, गलत assumption आदि आते है. अगर हम user को समझ ही नहीं पा रहे कि वो कहना क्या चाहता तो यह बहुत बड़ी बाधा बन जाता है.

Method (techniques) of requirement elicitation 

requirement elicitation  के निम्नलिखित तरीके है –

1:- Interview – interview method के द्वारा यह समझा जाता है कि software से customer की क्या उम्मीदें है। इस method में end-user और stackholder से interview लिया जाता है यह interview software की कार्यसूची के base पर लिया जाता है और software से सम्बंधित सभी requirements को collect करते है। इसमें पहले user से interview लिया जाता है उसके बाद stackholder से लिया जाता है।

2:- Scenario :- scenario एक step by step process होता है scenario का मतलब steps की series होती है। scenario में यह देखा जाता है कि किस प्रकार की और कितनी input की requirement होगी। इसमें user की जरुरत के अनुसार step by step information या requirement को collect किया जाता है।

3:- Questionnaire :- questionnaire जो है वह requirement collect करने का सबसे अच्छा method है। इसमें कम समय और कम cost में सॉफ्टवेयर से सम्बंधित महत्वपूर्ण information को collect करते है।इस method में एक बहुत बड़ी problem होती है कि सब अलग अलग information देते है क्योंकि सबका अलग अलग field होता है सब अपने अपने department का पूरा knowledge देते है। और सभी information को collect करके arrange किया जाता है इसमें सभी information सही है या जरूरी नहीं होता है। जो information सही होता है उसका use किया है।

4:- On side observation: – किसी company या organization जहाँ software को develop किया जा रहा है वहाँ जाकर information collect करना on side observation कहलाता है।

5:- Prototype :– किसी भी software को बनाने के लिए use में आने वाले component के बारे में हमे कोई जानकारी नहीं होती है। इसलिए उस component के बारे में पूरी information collect करने के लिए prototype model का use किया जाता है।

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