लैच तथा फ्लिप फ्लॉप में क्या अंतर है?

आज हम इस पोस्ट में latch तथा flip flop के मध्य अंतर को पढेंगे आप इसे पूरा पढ़े आपको समझ में आ जायेगा.

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लैच तथा फ्लिप फ्लॉप में अंतर (difference between latch and flip flop in hindi)

इनके मध्य निम्न अंतर है:-

what is latch in hindi

latch (लैच) एक bistable multi-vibrator के समान होता है अर्थात् ऐसी डिवाइस जिसकी दो स्थायी अवस्थाएं (stable states) होती है. ये स्टेट्स high output तथा low output होती हैं. लैच में एक फीडबैक पथ होता है इसलिए इसमें सूचना स्टोर की जा सकती है.

अतः लैच एक मैमोरी डिवाइस हो सकती है तथा यह data का एक बिट तब तक स्टोर कर सकती है जब तक इसे power मिलती है. जैसा कि शब्द “latch” से स्पष्ट है, लैच सूचना को लैच (latch-onto) तथा hold कर सकता है.

लैच, वैसे तो flip-flop के समान ही है परन्तु synchronous डिवाइस नहीं है. तथा flip flop की भांति ‘clock-edge’ पर ऑपरेट नहीं होते.

फ्लिप फ्लॉप लैच के समान ही एक bi-stable device है. इसमें भी एक bit स्टोर करने के लिए एक फीडबैक पथ होता है. फ्लिप फ्लॉप एक synchronous डिवाइस है जबकि लैच asynchronous डिवाइस है. फ्लिप फ्लॉप एक edge-triggered डिवाइस है, यह अपनी state तब बदलता है जब कंट्रोल सिग्नल high से low अथवा low से high होता है, जबकि लैच में इनपुट परिवर्तित होते ही आउटपुट परिवर्तित हो जाता है.

जिस प्रकार transistors को प्रयुक्त कर gates (गेट्स) बनाये जाते है उसी प्रकार gates प्रयुक्त कर latch बनाये जा सकते है तथा latch प्रयुक्त कर flip flop बनाये जा सकते है,

अधिकांश लोग फ्लिप फ्लॉप तथा लैच को एक ही समान मानते है. परन्तु इनके मध्य में अंतर उपर दिया गया है.जो कि सभी के लिए लाभदायक होगा.

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