What is tunneling in hindi (टनलिंग क्या है?)

क्या आपको पता है कि what is tunneling in hindi (टनलिंग क्या है?) और tunneling protocols कितने होते हैं? एवम् इसका प्रयोग कहाँ किया जाता है. अगर आपको इसके बारें में जानना है तो आप सही जगह पर आये हैं आज मैं आपको इसके बारें में पूरे विस्तार से बताऊंगा यह networking का एक महत्वपूर्ण topic है तो चलिए शुरू करते हैं:-

टनलिंग क्या है? (what is tunneling in hindi)

tunneling को port forwarding (पोर्ट फॉरवार्डिंग) भी कहते है. यह एक protocol होता है जिसके द्वारा data को सुरक्षित तरीके से एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क में भेजा जाता है.

टनलिंग के द्वारा हम किसी एक network के data को दूसरे network के द्वारा भेज सकते है. ज्यादातर इसका प्रयोग private network के data को public network के द्वारा भेजने के लिए किया जाता है.

tunneling में private नेटवर्क का data छोटे टुकड़ों में टूट जाता है जिन्हें packets कहते हैं. ये पैकेट्स tunnel से होकर गुजरते है जैसे ही पैकेट्स tunnel से होकर जाते है वैसे ही data की encryption तथा encapsulation की process होती है.

इसमें private network के data तथा protocols को public network के transmission units के साथ encapsulate कर दिया जाता है. encapsulate करने से private data जो है वह public data की तरह लगता है और हम data को internet में transmit कर सकते है. (इन्टरनेट एक पब्लिक नेटवर्क हैं.)

जब data packets अपने destination पर पहुँच जाते है तो अंत में इनका de-capsulation तथा decryption होता है.

data को tunnel के द्वारा भेजने का मुख्य उद्देश्य security को बढ़ाना होता है चूँकि tunneling के द्वारा हम data की सम्पूर्ण जानकारी को छुपा सकते है इसलिए इसका गलत इस्तेमाल भी होता है.

tunneling
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types of tunneling (VPN) protocols in hindi 

इसके प्रकार बहुत सारें है जो कि नीचे दिए गये है;-

  1. L2TP
  2. PPTP
  3. INTERNET PROTOCOL SECURITY (IPsec)
  4. Secure socket layer (SSL) तथा transport layer security (TLS)
  5. OpenVPN
  6. Secure shell (SSH)

1:- L2TP – इसका पूरा नाम layer 2 tunneling protocol (लेयर 2 टनलिंग प्रोटोकॉल) है. जिसका प्रयोग internet service provider (ISP) के द्वारा virtual private network (VPN) के ऑपरेशन को enable करने के लिए किया जाता है.

L2TP जो है वह OSI model के data link layer की तरह ही है परन्तु यह वास्तव में session layer protocol है.

L2TP के बारें में पूरा पढने के लिए – click करो.

2:- PPTP – इसका पूरा नाम point-to-point tunneling protocol (पॉइंट-टू-पॉइंट टनलिंग प्रोटोकॉल) है. यह tunnel को create करता है तथा data packet को encapsulate करता है. यह PPP (point-to-point protocol) का प्रयोग data को encrypt करने के लिए करता है.

PPTP सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाने वाला VPN protocol है तथा इसका प्रयोग windows 95 के समय से किया जाता है.

PPTP को पूरा पढने के लिए क्लिक करें.

3. internet protocol security (IPsec) in hindi

 IPsec का प्रयोग नेटवर्क में इन्टरनेट कम्युनिकेशन को सुरक्षित करने के लिए किया जाता है.

यह internet communication को सुरक्षित करने के लिए session को authenticate करता है और connection के दौरान प्रत्येक data packet को encrypt करता है.

IPsec के दो modes होते है:- transport mode तथा tunneling mode.

transport mode डेटा पैकेट्स में मैसेज को encrypt करता है और tunneling mode पूरे डेटा पैकेट को encrypt करता है.

IPsec का प्रयोग अन्य security protocols के साथ भी किया जाता है.

4:- secure socket layer (SSL) and transport layer security (TLS) –

SSL तथा TLS ब्राउज़र में VPN connection को create करते हैं. इन दोनों का प्रयोग ज्यादातर shopping websites में किया जाता है. क्योंकि shopping websites में users क्रेडिट कार्ड तथा डेबिट कार्ड से shopping करते हैं. और SSL और TLS इन cards की जानकारी को secure करते हैं.

SSL को पूरा पढ़ें.

5:- OpenVPN – OpenVPN एक open source VPN होता है जो कि point to point एवं site-to-site कनेक्शन बनाने के लिए उपयोगी होता है.

6:- secure shell (SSH) – secure shell (SSH) जो है वह VPN tunnel का निर्माण करता है और tunnel को encrypt करता है.

SSH के बारें में पूरा पढ़ें – SSH क्या है?

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