हेल्लो दोस्तों, आज हम बात करने वाले हैं कि what is channel coding (चैनल कोडिंग क्या है?) तथा इसके fundamentals क्या है? एवं इसकी विभिन्न प्रकार की techniques को पढेंगे तो चलिए शुरू करते हैं:-
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what is channel coding in hindi (चैनल कोडिंग क्या है?)
channel coding को forward error control coding (FECC) भी कहते है. यह एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा digital communication systems में bit errors को detect तथा correct किया जाता है.
channel coding की प्रक्रिया को transmitter तथा receiver दोनों तरफ perform किया जाता है. transmitter side में चैनल कोडिंग को encoder कहा जाता है जहाँ modulation से पहले parity bits को add किया जाता है.
receiver side में चैनल कोडिंग को decoder कहते है. चैनल कोडिंग के द्वारा receiver जो है वह ट्रांसमिशन में हुए errors को detect तथा correct करता है. transmission में error जो है वह noise, fading तथा interference के कारण हो सकते है.
चैनल कोडिंग theory का मुख्य उद्देश्य ऐसे codes को खोजना है जो कि तेजी से transmit हो, बहुत सारें valid code words को contain करते हो तथा बहुत सारें errors को detect तथा correct कर सकें.
इसे 1948 में claude elwood shannon ने प्रस्तावित किया था.
types of channel codes in hindi (चैनल कोड के प्रकार)
चैनल कोड के दो प्रकार होते हैं:-
1:- block codes
2:- convolutional codes
block codes में, information bits के साथ parity bits भी add की जाती है. इसमें information bits ब्लॉक में code होती है. तथा इसमें एक समय में केवल एक ही block को encode किया जाता है.
जबकि convolutional codes में, information bits एक अनुक्रम (sequence) में फैली रहती है. अर्थात् इसमें information bits जो है वह block में नही होती बल्कि sequence में होती है.
block codes की memory नहीं होती जबकि convolutional codes की मैमोरी होती है.
convolutional codes जो है वह block codes की तुलना में छोटे codewords का प्रयोग करते है.
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