आपको पता है कि what is SONET in hindi (सोनेट क्या है?) तथा इसका architecture क्या है? आज हम इस पोस्ट में मैं आपको इसके बारें में विस्तार से बताऊंगा तो चलिए शुरू करते है:-
SONET IN HINDI
Sonet का पूरा नाम Synchronous Optical Network (सिंक्रोनस ऑप्टिकल नेटवर्क) हैं। इसको Bellcore ने 1980s में develop किया था। वर्तमान मे यह ANSI Standard है। इसको सबसे पहले North America मे use किया गया है। इसका modified version SDH ( Synchronous Digital Hierarchy ) विकसित किया गया। इसे जापान, यूरोप, व अमेरिका के अलावा सभी जगह use किया जाता है।
सोनेट का प्रयोग telephone system मे किया जाता है। Sonet के द्वारा standardized rates का प्रयोग किया जाता है। यह different types के signals को multiplexer द्वारा STS (synchronous transport signal) में convert करके optical single में convert करता है. इसे OC ( optical carrier ) कहते है।
सोनेट एक ऐसी technology है जो अलग अलग capacity के signals को optical carrier में convert करता है तथा standardized rates को use करते हुए fiber optic के माध्यम से data को कम time में एक जगह से दूसरी जगह securely ट्रान्सफर करता है।
Sonet एक synchronous network है। इसके द्वारा multiple digital data को transfer किया जाता है। इसमें digital signals को optical signals में convert किया जाता है।
Sonet Architecture in hindi
Sonet एक ऐसी technology है जिसमें multiple signals को STS (synchronous transport signal ) में covert किया जाता है। इसके द्वारा पहला signal STS1 develop किया जिसे कि oc1 में convert किया गया। OC1 (STS1) की speed 15.84 mbps है। यह सोनेट की base rate है। सोनेट ने OC1 से लेकर OC192 तक के signals establish किए हैं। OC192 की speed 9.95 gbps है।
सोनेट के standards जो है वह SDH से पहले develop हुए थे। SDH के signal level को STM (synchronous transport module) कहते हैं। STM1 की speed 155.20 Mbps है जो STS 3 (OC3) के बराबर है।
Sonet Frames in hindi
sonet के signals बहुत प्रकार के होते हैं। इन signals को differentiate करने के लिए इन्हें data को blocks में store किया जाता है।,ये block Frame कहलाते हैं। sonet के frame के द्वारा 9*90n की matrix use की जाती हैं। यहां पर n STS (OC) levels को define करता है।
जैसे कि STS1 में 9 row 90 (90*1) columns की matrix होती है । STS 3 9 row व 270(90*3) columns की matrix होती है। STS (OC 1) में 810 bytes के block होते हैं। यह 9 row व 90 columns में divide होता है
Frame में columns को दो भागों में विभाजित किया जाता है।
- Transport overhead – ये starting के 3 columns होते हैं
- Synchronous payload envelop – ये last के 6 columns में होते हैं।
Starting के 3 columns का प्रयोग section line overhead के लिए किया जाता है। इसकी ऊपर वाली तीन लाइनो में section overhead का use किया जाता है। 9 bytes store करता है। और नीचे वाली छ लाइनों में line overhead का use किया जाता है। जो कि 18 bytes store करता है। SPE (Synchronous payload envelop) data और path overhead contain करता है।
SONET LAYERS in hindi
Sonet मे 4 layers होती है।
- PATH LAYER – यह layer signal के source से destination तक होने वाले movement के लिए responsible होती है। इस layer में multiplexer से demultiplexer तक होने वाली process होती है। इस layer में path layer overhead को add किया जाता है।
- Line layer- यह layer signal के physical line की ओर होने वाले movement के लिए responsible होती है। इस layer में line layer overhead को frame में add किया जाता है।
- Section layer- यह layer errors को control करती है। यह layer signal केphysical line की ओर होने वाले movement के लिए responsible होती है। इस layer में section layer overhead को frame में add किया जाता है।
- Photonic layer – यह लेयर OSI model की physical layer की तरह कार्य करतीं है।
Sonet के द्वारा निम्न devices use की जाती है।
- STS multiplexer / demultiplexer
- re-generators
- Add/drop multiplexer
- Terminal
STS multiplexer / demultiplexer – STS multiplexer के द्वारा multiple capacity signals को STS में convert किया जाता है। Demultiplexer के द्वारा STS को different capacity के signals मे convert किया जाता है।
Regenerators – regenerator optical signals को strength provide करता है।
Add/drop multiplexer – यह signals के insertion या extraction को allow करता है।
Terminal – terminal से हमें digital signals प्राप्त होते हैं।
Very nice article.
Thanks for sharing