hello दोस्तों! आज मैं आपको operational data vs decision support data in hindi (ऑपरेशनल डेटा और डिसिशन सपोर्ट डेटा के मध्य अंतर) के बारें में पूरे विस्तार से बताऊंगा तो चलिए पढना शुरू करते है:-
operational data को daily operations के transactions को support करने के लिए optimize किया जाता है. ज्यादातर ऑपरेशनल डेटा को relational database में स्टोर किया जाता है.
operational data और decision support data के मध्य अंतर
तो चलिए अब इनके मध्य अंतर को पढ़ लेते है:-
1:- time span:- operational data वर्तमान समय में हुए transactions के status को दर्शाता है. अर्थात् यह छोटे समय के transactions को show करता है.
जबकि decision support (DSS) data बहुत अधिक समय के transactions की summary को दर्शाता है अर्थात् यह operational data का एक historic time होता है. यह time variant होता है. यह बहुत सालों के डेटा की एक summary होता है.
2:- data volatility:- decision support डेटा जो है वह non-volatile होता है अर्थात् इसे बदला नहीं जा सकता. जबकि operational डेटा, volatile होता है, इसे change किया जा सकता है.
3:- data dimensions:- DSS डेटा के बहुत सारें dimensions हो सकते है जबकि operational data का केवल एक dimension होता है.
4:- granularity:- operational डेटा, atomic detail data होता है.
decision support डेटा जो है वह summarize data होता है.
5:- data model:- operational data को relational DBMS में स्टोर किया जाता है जबकि ज्यादातर DSS डेटा को multidimensional DBMS में स्टोर किया जाता है.
6:- complexity:- ऑपरेशनल डेटा की complexity कम होती है जबकि DSS डेटा बहुत complex होता है.
निवेदन:- तो दोस्तों कैसी लगी आपको यह operational data vs decision support data in hindi की पोस्ट. अगर आपके लिए यह helpful रही हो तो इसे अपने अपने दोस्तों के साथ अवश्य share कीजिये तथा आपके जो भी questions उन्हें कमेंट में पूछ सकते है मैं उनका answer देने की कोशिश जरुर करूंगा. धन्यवाद. जय हिंदी.
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