z-buffer algorithm in hindi (hidden surface elimination)

z-buffer algorithm in hindi

जब हम किसी ऐसी picture को देखते है जिसमें objects तथा surfaces पारदर्शी (transparent) नही होते है, तो हम view से उन objects को नहीं देख सकते जो सामने वाले objects के पीछे होते है. हमें इन hidden surfaces को हटाना पड़ता है जिससे कि realistic screen image प्राप्त हो.

इन hidden surfaces को identify करना तथा इन्हें remove करना hidden-surface problem कहलाता है.

hidden surface problems को हटाने के लिए दो approaches का प्रयोग किया जाता है:- object space method और image-space method. object space method को physical coordinate system में implement किया जाता है तथा image-space method को screen coordinate system में implement किया जाता है.

Z-buffer algorithm in hindi

z-buffer algorithm को depth-buffer algorithm भी कहते है. यह 3D graphics में image depth coordinates का management होता है.

इस method को cutmull ने विकसित किया था. यह एक image space approach है. इस method में प्रत्येक surface के Z-depth को test किया जाता है जिससे कि हमें सबसे नजदीकी visible surface प्राप्त हो सके.

इस method में प्रत्येक surface को अलग-अलग one pixel position में process किया जाता है. एक pixel के लिए depth value को compare किया जाता है और सबसे नजदीकी surface यह निर्धारित करता है कि frame buffer में कौन सा color डिस्प्ले होगा.

इसे polygon के surfaces पर बहुत ही प्रभावी ढंग से apply किया जाता है. surfaces को किसी भी क्रम में process किया जा सकता है. इसमें नजदीकी polygons को override करने के लिए दो buffers- frame buffer और depth buffer का प्रयोग किया जाता है.

depth buffer का प्रयोग (x,y) position के लिए depth values को store करने के लिए किया जाता है.

frame buffer का प्रयोग color value की intensity value को स्टोर करने के लिए किया जाता है.

z-coordinates को range [0,1] पर normalize किया जाता है. z-coordinate की 0 वैल्यू back clipping pane को दर्शाती है और z-coordinate की 1 वैल्यू front clipping pane को दर्शाती है.

z-buffer algorithm in hindi
इमेज सोर्स

algorithm:-

step1:- सबसे पहले buffer values को सेट करेंगे.

Depthbuffer (x,y) = 0
framebuffer (x,y) = background color

Step 2:- प्रत्येक polygon को process करेंगे (एक समय में केवल एक polygon)

एक polygon की प्रत्येक pixel position (x,y) के लिए depth z कैलकुलेट करेंगे.

if Z > depthbuffer (x,y)
compute surface color,
set depthbuffer (x,y) = z,
framebuffer (x,y) = surfacecolor (x,y)

advantage of z-buffer algorithm in hindi

इसके लाभ निम्नलिखित है:-

1:- इसे आसानी से implement किया जा सकता है.

2:- अगर इसे hardware में implement करेंगे तो यह speed की problem को कम कर देता है.

3:- यह एक समय में केवल एक object को ही process करता है.

disadvantage:-

इसकी हानियाँ निम्नलिखित है:-

1:- इसे बहुत अधिक memory की आवश्यकता होती है.

2:- इस process में बहुत अधिक समय लगता है.

निवेदन:- तो दोस्तों मुझे उम्मीद है कि z-buffer algorithm in hindi की यह post आपके लिए helpful रही होगी. इसे अपने दोस्तों के साथ जरुर share कीजिये तथा आपके जो questions है वह आप comment करके पूछ सकते है.

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