hello friends! आज हम इस पोस्ट में what is counter in hindi (काउंटर क्या है तथा इसके प्रकार) के बारें में detail में पढेंगे तो चलिए start करते है:-
टॉपिक
काउंटर क्या है?
Counter एक डिजिटल डिवाइस है जिसका प्रयोग किसी विशेष event (घटना) को store करने तथा display करने के लिए किया जाता है.
दूसरे शब्दों में कहें तो, “काउंटर एक digital circuit है जिसका प्रयोग pulses को count करने के लिए किया जाता है.”
Digital computers और अन्य डिजिटल सिस्टम में किसी निश्चित समय अंतराल में हुए किसी event को record करने के लिए काउंटिंग कि आवश्यकता होती है.
सामान्य रूप से एक electronic काउंटर का प्रयोग किसी निश्चित समय अंतराल में input line में आने वाली pulses की counting के लिए होता है.
काउंटर में memory होना बहुत आवश्यक है क्योंकि इसे अपनी पिछली अवस्थाओं (states) को याद रखना होता है. काउंटर synchronous या asynchronous हो सकते हैं.
Synchronous counter in hindi (सिंक्रोनस काउंटर क्या है?)
synchronous का मतलब होता है कि जब कोई चीज किसी अन्य के साथ समय के आधार पर मिलती हो. synchronous signals एक ही clock rate पर संपन्न होते हैं और सभी clock एक ही reference clock को follow करती हैं.
synchronous counter में, सभी फ्लिप फ्लॉप के across क्लॉक इनपुट एक ही source का प्रयोग करती है और उसी समय में समान clock सिग्नल उत्पन्न करती है. इसलिए वह काउंटर जो समान समय में, समान source से, समान clock सिग्नल प्रयोग करता है वो synchronous counter कहलाता है.
Asynchronous counter in Hindi
Asynchronous का मतलब होता है कि जब कोई चीज किसी एक समय पर एक साथ संपन्न नही होती है. asynchronous counter में फ्लिप फ्लॉप एक दूसरे के साथ एक क्रम में जुड़े रहते हैं. तो इसलिए प्रत्येक फ्लिप फ्लॉप उसके पिछले वाले फ्लिप फ्लॉप से ट्रिगर (trigger) होता है.
इनमें clock pulse जो है वह ripple होती है. ripple clock pulse के कारण इसे ripple counter भी कहा जाता है.
3 bit binary ripple काउंटर
इस काउंटर में तीन master slave JK फ्लिप फ्लॉप प्रयोग किये जाते हैं. इसमें तीनों फ्लिप फ्लॉप को supply से connect कर दिया जाता है. इनपुट clock pulse की negative edge पर फ्लिप फ्लॉप की state (अवस्था) change होती है.
इसमें फ्लिप फ्लॉप serially (क्रम के अनुसार) connect रहते हैं इसलिए पहले फ्लिप फ्लॉप की आउटपुट दूसरे फ्लिप फ्लॉप के लिए इनपुट होती है और दूसरे फ्लिप फ्लॉप की आउटपुट तीसरे फ्लिप फ्लॉप के लिए इनपुट होती है. तो इसलिए यह एक asynchronous काउंटर है.
जब clock pulse फ्लिप फ्लॉप को supply की जाती है तब clock pulse के negative होने पर पहला फ्लिप फ्लॉप toggle होता है और तब तक उसी अवस्था मैं रहता है जब तक clock pulse दोबारा negative न हो जाये. इस प्रकार इसकी आवृति clock pulse की आवृति की आधी होती है. अब क्योंकि दूसरे फ्लिप फ्लॉप की इनपुट पहले फ्लिप फ्लॉप की आउटपुट होती है तो जब पहले फ्लिप फ्लॉप कि आउटपुट negative होती है तब दूसरा फ्लिप फ्लॉप toggle होता है. और जब तक पहले फ्लिप फ्लॉप की आउटपुट दोबारा negative नही होती तब तक ये उसी अवस्था में बना रहता है. इसी प्रकार से यही तीसरे फ्लिप फ्लॉप के साथ भी होता है.
यह काउंटर 2n तक वैल्यू count कर सकता है यहाँ n=3 है क्योंकि फ्लिप फ्लॉप कि संख्या तीन है इसलिए यह 23=8 values को काउंट कर सकता है. यह अधिकतम 7 तक काउंट कर सकता है(000, 001, 010, 011, 100, 101, 110, 111). 7 तक काउंट होने के बाद यह वापस 000 पर set हो जाता है और दोबारा काउंटिंग start करता है.
4 bit asynchronous (ripple) काउंटर
इस counter में n की संख्या 4 है क्योंकि इसमें 4 JK फ्लिप फ्लॉप प्रयोग होते हैं . यह काउंटर 24=16 values को काउंट कर सकता है.
इसकी कार्य प्रणाली भी 3 bit बाइनरी काउंटर की तरह होती है. इसमें चारों फ्लिप फ्लॉप series में connect रहते हैं. पहले फ्लिप फ्लॉप को clock pulse दी जाती है और दूसरे फ्लिप फ्लॉप के लिए इनपुट पहले वाले की आउटपुट pulse होती है और तीसरे के लिए दूसरे की और इसी प्रकार चोथे के लिए तीसरे की आउटपुट इनपुट होती है.
जब clock pulse negative में जाती है तब पहला फ्लिप फ्लॉप toggle होता है और जब तक वह दोबारा negative में नहीं आती यह अपनी अवस्था नही बदलता, इसी प्रकार दूसरा फ्लिप फ्लॉप पहले फ्लिप फ्लॉप कि negative pulse पर ही ट्रिगर होता है. और इसी प्रकार तीस्रेर और चौथे के लिए भी यही होता है.
Divide by N ripple काउंटर–
ripple काउंटर 2n values तक काउंट कर सकता है. तो ऐसी values जो 2n के रूप मैं ना हों उनको काउंट करना मुमकिन नही होता है. लेकिन हम ripple काउंटर में कुछ modification करके ऐसी वैल्यू भी काउंट कर सकते हैं जो 2n के रूप में व्यक्त नहीं की जा सकती. इस तरह के काउंटर को divide by N काउंटर कहते हैं.
ऐसे काउंटर बनाने के लिए आवश्यक फ्लिप फ्लॉप इस तरह लिए जाते हैं कि 2n>N हो. यहाँ n फ्लिप फ्लॉप की संख्या है तथा N काउंटर का काउंट है, यानि कि हमें N वैल्यू तक काउंट करना है. इस प्रकार ऐसे काउंटर मैं फ्लिप फ्लॉप कि कुछ states को छोड़ दिया जाता है. एक n फ्लिप फ्लॉप वाले counter से N फ्लिप फ्लॉप वाला काउंटर बनाने के लिए 2n-N states को छोड़ना पड़ता है.
इसमैं एक फीडबैक gate भी लगाया जाता है तो जैसे ही काउंट N होता है वैसे ही सारे फ्लिप फ्लॉप 0 में reset हो जाते हैं. फीडबैक circuit एक NAND gate होता है जिसकी इनपुट उन फ्लिप फ्लॉप की आउटपुट होती है जिनकी वैल्यू काउंट N पर 1 हो.
Decade counter in hindi
ऐसा काउंटर जिसकी N वैल्यू 10 हो उस काउंटर को decade काउंटर कहते हैं. यहाँ 4 फ्लिप फ्लॉप का होना जरूरी है क्योंकि 24=16>10 और n=4 है. इसमें 10 के काउंट पर दूसरे और चौथे फ्लिप फ्लॉप कि आउटपुट 1 है तो इन दोनों कि आउटपुट को NAND gate के इनपुट पर दे दिया जाता है. और NAND gate की आउटपुट को सारे फ्लिप फ्लॉप पर apply कर दिया जाता है और सारे फ्लिप फ्लॉप जीरो पर reset हो जाते हैं.
UP/DOWN counters in hindi
काउंटर का प्रयोग बहुत सारी अलग अलग applications में होता है. कुछ counters जीरो से शुरू होकर एक निश्चित वैल्यू तक काउंट करते हैं ऐसे काउंटर को up counter कहते हैं. और कुछ काउंटर एक पहले से set वैल्यू से जीरो तक काउंट करते हैं ऐसे काउंटर को down counter कहते हैं. और कुछ counters ऐसे भी होते हैं जो up और down काउंटर दोनों की तरह काम करते हैं ऐसे काउंटर को up/down counter कहते हैं.
काउंटर से काउंटिंग कराने के लिए प्रत्येक फ्लिप फ्लॉप को उससे पिछले फ्लिप फ्लॉप की true आउटपुट दी जाती है. जिससे फ्लिप फ्लॉप ट्रिगर होता है. इसमें काउंट up तथा काउंट down करने के लिए दो control line दी जाती हैं. जब हमे काउंट up करना हो तब काउंट up control line High पर रहती है तथा काउंट down control line low पर रहती है. जब हमे काउंट down करना हो तब काउंट down control line high पर रहती है तथा काउंट up control line low पर रहती है.
Ring counter in hindi
ring counter, एक shift रजिस्टर होता है जो फ्लिप फ्लॉप से मिलकर बना होता है. इसमें last फ्लिप फ्लॉप की आउटपुट पहले फ्लिप फ्लॉप की इनपुट में दी जाती है जिससे एक गोले का आकार या ring का structure बनता है. ring काउंटर इस तरह बनाया जाता है कि सिर्फ एक फ्लिप फ्लॉप की आउटपुट 1 हो और बाकी कि आउटपुट 0 हो. किसी काउंटर का MOD या MODULUS उसकी unique states होती हैं और n फ्लिप फ्लॉप वाले ring काउंटर का MOD n होता है.
4 bit synchronous ring counter
इसमें चार फ्लिप फ्लॉप प्रयुक्त किये जाते हैं. माना प्रारंभ में Q0=1 तब बाकी के फ्लिप फ्लॉप 0 पर होते हैं (Q1=Q2=Q3=0). अतः इसका starting काउंट 0001 है. जब पहली clock pulse की positive pulse अप्लाई होती है तब 1 Q0 से Q1 में चला जाता है. अब Q1=1 हो जाता है और बाकी 0 हो जाते हैं(Q0=Q2=Q3=0). अब इसका काउंट 0010 हो जाता है. इसी प्रकार ये pulse आगे बढती है और यह क्रम दोहराता चला जाता है इसलिए इसे ring counter कहते हैं.
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