hello दोस्तों! आज मैं आपको इस पोस्ट में what is change control in hindi (चेंज कंट्रोल क्या है तथा इसके steps क्या है?) के बारें में बताऊंगा, तो चलिए start करते है.
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what Change Control in hindi (चेंज कंट्रोल क्या है?)
change control एक प्रक्रिया है इसका प्रयोग यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि system या product में किये गये changes (बदलावों) को सही ढंग से और नियंत्रित तरीके से किया गया है.
दुसरे शब्दों में कहें तो, “ चेंज कंट्रोल product या system में होने वाले सभी changes को manage करने की एक approach है.”
इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि कोई भी अनावश्यक change ना हो, सभी changes (बदलाव) documented हो. क्योंकि अगर system में कोई अनावश्य बदलाव हो जाता है तो उससे अन्य सर्विस disturb हो सकती है.
software life cycle में change control को manually setup किया जाता है. इसमें human और automated tools दोनों का प्रयोग किया जाता है.
process of change control
इस प्रक्रिया में steps को एक बाद एक पूरा किया जाता है. इसके निम्नलिखित steps होते हैं:-
1:- change request identification
इसके सबसे पहले स्टेप में change को करने की आवश्यकता क्यों है यह identify किया जाता है तथा इसे change request form में describe किया जाता है. इसमें यह describe किया जाता है कि change की कितनी importance है और इसे implement करना कितना difficult है.
2:- change request assessment
इस step में change को करने में होने वाले risks और benefits को evaluate किया जाता है. यदि change request को accept कर लिया जाता है तो उसे development team को बदलाव करने के लिए दे दिया जाता है.
यदि change अगर valid नहीं है तो इसे reject कर दिया जाता है. और reject करने के reason को डॉक्यूमेंट में लिखकर client को भेज दिया जाता है.
इसमें change request को analyze करने के लिए उपयुक्त resources को निर्धारित किया जाता है.
इस stage में reject किये हुए change request को बंद कर दिया जाता है.
3:- planning
change को करने वाली team की जिम्मेदारी होती है कि वह इसे design तथा implement करने के लिए एक detailed plan तैयार करे. और अगर change असफल रहा तो उसे कैसे remove किया जाए इसकी जिम्मेदारी भी team की होती है.
4:- designing and testing
software को change करने के लिए team प्रोग्राम को design करती है तथा इसे टेस्ट करती है. यदि यह लगता है कि change सफल रहेगा तो टीम approval के लिए तथा implement की date के लिए request करती है.
5:- implementation and review
इस step में टीम program को implement करती है और client जो है वह change का review करते है.
6:- final assessment
यदि क्लाइंट implement किये गये change से संतुष्ट रहता है तो change request को बंद कर दिया जाता है. और अगर client संतुष्ट नहीं है तो प्रोजेक्ट का दुबारा से मूल्यांकन किया जाता है और steps को फिर से repeat किया जाता है.
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Software reuse bhi btaiye…