Shift Register in Hindi – शिफ्ट रजिस्टर क्या है और इसके प्रकार

हेल्लो दोस्तों! आज इस पोस्ट में आपको what is shift register in Hindi (शिफ्ट रजिस्टर क्या है और इसके प्रकार) के बारें में पूरे detail में बताऊंगा. इस पोस्ट को आप पूरा पढ़िए. तो चलिए शुरू करते है:-

SHIFT REGISTER in Hindi (शिफ्ट रजिस्टर क्या है?)

शिफ्ट रजिस्टर flip-flop से मिलकर बना होता है इसमें फ्लिप फ्लॉप इस प्रकार chain में लगे हुए होते हैं कि प्रत्येक फ्लिप फ्लॉप की आउटपुट अगले फ्लिप फ्लॉप की इनपुट होती है. और इस प्रकार व्यवस्थित होने के कारण ये एक ऐसा circuit बनता है जो इसमें स्टोर bit array को एक position shift करता है.

शिफ्ट रजिस्टर के सारे फ्लिप फ्लॉप एक ही clock द्वारा trigger होते हैं. n शिफ्ट रजिस्टर bit array को left या right shift कर सकते हैं.

4 bit shift register in hindi
चित्र

Shift left register

shift register में clock pulse apply करके data को left या right शिफ्ट किया जा सकता है. shift left रजिस्टर में, जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है, data को एक स्थान बांये शिफ्ट किया जाता है.

माना कि हमारे पास data D=D1D2D3D4 है अब इसमें शिफ्ट left करने पर D4 D3 के स्थान पर, D3 D2 के स्थान पर और D2 Dके स्थान पर आ जाता है. यहाँ पर D1 lost हो जाता है और D4 के स्थान पर इनपुट पर जो bit है वो आ जाती है. इनपुट bit 1 या 0 हो सकती है.

माना हमारे पास data D=1101 है. इस पर left शिफ्ट करने पर यह 1010 हो जाती है (जब इनपुट data bit 0 हो). इसमें LSB के स्थान पर इनपुट किया गया data आ जाता है.

Shift right register

shift right रजिस्टर में data को दांये शिफ्ट किया जाता है. शिफ्ट right operation में data 1 स्थान दायें शिफ्ट होता है.

माना हमारे पास data D=0001 है अब अगर इनपुट data bit 1 हो तो यह data शिफ्ट right operation के बाद D=1000 हो जायेगा. इसमें MSB के स्थान पर इनपुट किया गया data आ जाता है.

शिफ्ट रजिस्टर में data को इनपुट करने की दो विधियाँ होती हैं-

1). serial
2). parallel

इसी प्रकार data को out करने की भी दो विधियाँ होती हैं-

1). serial
2). parallel

data in और data out करने की इन विधियों के आधार पर shift register चार प्रकार के होते हैं-

1). serial in serial out (SISO)

2). serial in parallel out (SIPO)

3). parallel in parallel out (PIPO)

4). parallel in serial out (PISO)

serial in serial out (SISO)

इस रजिस्टर में data को in तथा out, serial में किया जाता है. इसमें एक समय पर एक bit को left या right शिफ्ट किया जाता है. serial in serial out (SISO) रजिस्टर में यदि चौथे फ्लिप फ्लॉप की आउटपुट पहले फ्लिप फ्लॉप की इनपुट में दे दी जाये तो यह एक रिंग काउंटर की तरह काम करेगा और हम इसे रिंग काउंटर की तरह प्रयोग कर सकते हैं.

serial in parallel out (SIPO)

इस रजिस्टर में data को serial में in किया जाता है. एक bit एक समय मैं load होती है और data parallel मैं out होता है. data parallel में out होने के लिए सभी bits को एक समय पर उपलब्ध होना होता है तो जब तक सभी bits आउटपुट के लिए उपलब्ध न हों तब तक data को स्टोर किया जाता है.

parallel in parallel out (PIPO)

इस रजिस्टर में data parallel मै in किया जाता है और same clock pulse में parallel में out कर दिया जाता है.

IC 7495

IC 7495 में 4 बिट shift register का प्रयोग होता है. यह parallel in parallel out शिफ्ट रजिस्टर होता है. इसमें शिफ्ट लेफ्ट शिफ्ट राईट serial input भी हो सकता है.

parallel in serial out (PISO)

इस रजिस्टर में data parallel में load किया जाता है और एक bit एक समय में serial में out कर दी जाती है.

Universal shift register

एक universal shift register वो रजिस्टर होता है जिसके पास data को right शिफ्ट तथा left शिफ्ट और साथ ही साथ data को parallel में load करने कि काबिलियत हो.

universal shift register, शिफ्ट right, शिफ्ट left , parallel इनपुट , parallel आउटपुट , serial इनपुट जैसे कार्य कर सकता है.

एक universal शिफ्ट रजिस्टर के कुछ मापदंड होते हैं जैसे इसमें एक शिफ्ट right control होना चाहिए जो शिफ्ट right operation और serial इनपुट और आउटपुट operation को trigger कर सके, इसमें शिफ्ट left कंट्रोल होना चाहिए जो शिफ्ट left operation कर सके, इसमें parallel load कंट्रोल होना चाहिए जो parallel data ट्रान्सफर को enable कर सके , इसमें parallel आउटपुट lines होनी चाहिए इसमें एक CLK इनपुट होना चाहिए जो सारे operation को synchronize कर सके, इसमें एक ऐसी अवस्था होनी चाहिए जो रजिस्टर में मौजूद सूचना को unchanged रख सके.

Buffer register in hindi

buffer रजिस्टर का प्रयोग बाइनरी word को स्टोर करने में किया जाता है. इसे फ्लिप फ्लॉप का प्रयोग कर बनाया जाता है क्योंकि हर फ्लिप फ्लॉप एक single – bit स्टोर कर सकता है.

तो इसलिए एक n bit का बाइनरी word स्टोर करने के लिए हमें n फ्लिप फ्लॉप का buffer रजिस्टर design करना होगा. ज्यादातर buffer रजिस्टर में D फ्लिप फ्लॉप का प्रयोग किया जाता है.

buffer register का इनपुट पर कोई control नहीं होता तो ये uncontrolled आउटपुट दे सकता है. इसलिए यह बहुत उपयोगी नहीं होता है. इसकी इस कमी को को दूर करने के लिए इसमें control होना आवश्यक होता है.

Controlled buffer register

कंट्रोल्ड buffer रजिस्टर में एक control line जोड़ दी जाती है. यह data को control करने के काम आती है. जब control line low पर होती है तब सारे फ्लिप फ्लॉप reset हो जाते हैं और आउटपुट 0000 होती है. जब कंट्रोल line high पर होती है तब रजिस्टर कार्य करने के लिये तैयार हो जाता है. इसमें data clock pulse आने पर circulate होता रहता है और change नहीं होता.

Tri state buffer register

यदि किसी buffer रजिस्टर में इनपुट कंट्रोल्ड switch लगा दें जिसको electronically कंट्रोल किया जा सके तो इस प्रकार के buffer रजिस्टर को tri state buffer रजिस्टर कहते हैं.

control या enable सिग्नल लगाने से यह तब ही आउटपुट देगा जब enable सिग्नल high हो , enable सिग्नल low होने पर यह आउटपुट नहीं देगा.

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