MOSFET in hindi – मोसफेट क्या है और इसकी कार्यविधि

हेल्लो दोस्तों! आज मैं आपको इस पोस्ट में what is MOSFET in hindi (मोसफेट क्या है तथा इसकी कार्यविधि, applications ) के बारें में विस्तार पूर्वक पढेंगे. तो चलिए शुरू करते हैं:-

MOSFET क्या है?

MOSFET  का फुल फॉर्म metal oxide semiconductor field effect transistor है. यह एक अर्धचालक युक्ति है जिसका प्रयोग इलेक्ट्रॉनिक युक्तियों में switching और इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल को amplify करने के लिए किया जाता है.

यह एक चार टर्मिनल वाली युक्ति है, जिसके टर्मिनल source(S), gate(G), drain(D) और body(B) हैं. body को आमतौर पर source टर्मिनल से जोड़ दिया जाता है जिससे यह तीन टर्मिनल वाली युक्ति बन जाती है जैसे कि FET.

MOSFET का उपयोग एनालॉग और डिजिटल दोनों परिपथों में हो सकता है.

MOSFET चैनल की चौड़ाई परिवर्तित होने की वजह से काम करता है. चैनल वो होता है, जहाँ से charge carrier (इलेक्ट्रान या होल) प्रवाहित होते हैं. charge, carrier source से चैनल में प्रवेश लेते हैं और drain से बाहर निकलते हैं. चैनल की चौड़ाई gate पर वोल्टेज लगाने से नियंत्रित की जाती है. gate टर्मिनल, source और drain के बीच में लगा होता है. gate टर्मिनल (metal oxide gate electrode), चैनल से silicon dioxide की एक बहुत पतली परत से अलग किया गया होता है.

construction

MOSFET की संरचना FET की तरह ही होती है. एक oxide लेयर, जिसके साथ gate जुड़ा रहता है, substrate के साथ लगा दी जाती है. यह oxide की परत कुचालक की तरह काम करती है. इसलिए MOSFET का दूसरा नाम IGFET (insulated gate field effect transistor) भी है.

मोसफेट की संरचना में एक कम dope किया हुआ substrate एक ज्यादा dope किये हुए क्षेत्र में प्रसारित कर दिया जाता है. जिस प्रकार का substrate उपयोग किया जाता है उसके आधार पर हम MOSFET को p type या n type MOSFET कह सकते हैं.

मोसफेट दो तरीकों से कार्य करता है-

  1. depletion mode
  2. enhancement mode

depletion mode– जब gate पर कोई वोल्टेज नहीं होती तब चैनल अधिकतम चालकता दर्शाता है. जैसे ही gate पर वोल्टेज धनात्मक या ऋणात्मक होता है तो चैनल की चालकता घटती है. इसका उपयोग युक्ति को OFF करने के लिए किया जाता है.

enhancement mode– जब gate पर कोई वोल्टेज नही होती तब MOSFET काम नहीं करता तब इसमें कोई भी धारा प्रवाहित नही होती. जैसे ही gate पर वोल्टेज बढती है तो MOSFET की चालकता बढ़ जाती है. इसका उपयोग युक्ति को ON करने के लिए होता है.

MOSFET operation in hindi (कार्यविधि)

इस की कार्यविधि MOS capacitor पर निर्भर करती है. MOS capacitor, MOSFET का मुख्या अंग होता है. oxide की परत के नीचे जो अर्धचालक की सतह होती है (source और drain के बीच में), उस सतह को gate टर्मिनल पर धनात्मक और ऋणात्मक वोल्टेज देने पर p टाइप से n टाइप में परिवर्तित  किया जा सकता है.

जब हम धनात्मक gate वोल्टेज लागु करते हैं तब oxide की परत के नीचे मौजूद hole एक प्रतिकारक बल के कारण नीचे substrate में धकेल दिए जाते हैं. depletion क्षेत्र में ऋणात्मक आवेश की जनसँख्या में काफी वृद्धि हो जाती है. इससे इलेक्ट्रॉन्स की बहुतायत वाला चैनल बन जाता है.

धनात्मक आवेश n+ source से और drain से और इलेक्ट्रॉन्स को आकर्षित करते हैं. अब यदि drain और source के बीच वोल्टेज लागू कर दी जाये तो धारा बिना किसी रुकावट के source और drain के बीच प्रवाहित होगी और gate वोल्टेज चैनल में इलेक्ट्रॉन्स को नियंत्रित करेगा. यदि हम धनात्मक वोल्टेज की जगह ऋणात्मक वोल्टेज लागु करें तो एक hole चैनल oxide layer के नीचे बन जायेगा.

p channel MOSFET

p channel MOSFET में source और drain के बीच p चैनल का क्षेत्र होता है. यह एक चार टर्मिनल वाली युक्ति होती है जिसके चार टर्मिनल source, drain, gate और body हैं.

drain और source बहुत ज्यादा डोप किये हुए p+ क्षेत्र होते हैं और body या substrate n टाइप होता है. धारा का प्रवाह धनात्मक रूप से आवेशित hole द्वारा होता है.

जब हम ऋणात्मक gate वोल्टेज लगाते हैं तो oxide की परत के नीचे मौजूद इलेक्ट्रॉन्स प्रतिकारक बल के कारण नीचे की तरफ substrate में धकेल दिए जाते हैं. depletion क्षेत्र धनात्मक आवेश से भर जाता है जो कि donor atom से जुड़े रहते हैं. ऋणात्मक gate वोल्टेज p+ source और drain से चैनल क्षेत्र में और hole को आकर्षित करता है. और इस प्रकार धारा source और drain के बीच प्रवाहित होने लगती है.

p channel mosfet in hindi

n channel मोसफेट

इसमें source और drain के बीच में n चैनल क्षेत्र होता है. यह एक चार टर्मिनल युक्ति है. drain और source बहुत ज्यादा डोप किये हुए n+ प्रकार के क्षेत्र होते हैं.और substrate या body p टाइप होती है.

इसमें धारा ऋणात्मक रूप से आवेशित इलेक्ट्रॉन्स के कारण प्रवाहित होती है. जब हम धनात्मक gate वोल्टेज लगाते हैं तब depletion layer के नीचे मौजूद hole प्रतिकारक बल के कारण नीचे की दिशा में substrate में धकेल दिए जाते हैं.

depletion क्षेत्र ऋणात्मक आवेश से भर जाता है जो कि acceptor atom के साथ जुड़े रहते हैं. धनात्मक वोल्टेज n+ प्रकार के  drain और source से और इलेक्ट्रॉन्स को चैनल में आकर्षित करता है. इसमें धारा source और drain के बीच प्रवाहित होने लगती है.

n channel mosfet in hindi
चित्र

applications of MOSFET in hindi (अनुप्रयोग)

1). इसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक युक्तियों की switching में किया जाता है.

2). इनका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल को amplify करने में किया जाता है.

3). इसको डिजिटल परिपथों में use किया जाता है.

4). मोसफेट का प्रयोग high frequency amplifier कीं तरह किया जा सकता है.

5). इसको passive element (प्रतिरोधक, प्रेरित्र और संधारित्र) की तरह उपयोग किया जा सकता है.

6). इलेक्ट्रॉनिक DC relay में इसका प्रयोग किया जा सकता है.

7). इसको switch mode power supply (SMPS) में use किया जा सकता है.

निवेदन:- अगर आपके लिए यह आर्टिकल helpful रहा हो तो इस अपने दोस्तों के साथ अवश्य share कीजिये और आपके किसी टॉपिक को लेकर कोई सवाल है तो आप उसे नीचे comment करके बता सकते है. धन्यवाद.

6 thoughts on “MOSFET in hindi – मोसफेट क्या है और इसकी कार्यविधि”

  1. Sorry Sir you already uploaded different types of multiplexing technique in networking
    I don’t see that
    Your upload material is most helpful for us

    Reply

Leave a Comment