Entrepreneurship Process in Hindi – उद्यमिता की प्रक्रिया क्या है?

हेल्लो दोस्तों! आज मैं आपको Entrepreneurship Process in Hindi (उद्यमिता की प्रक्रिया) के बारें में पूरे विस्तार से बताऊंगा. मैंने पहले भी Entrepreneurship के अन्य topics को लिखा हुआ है आप उन्हें भी पढ़ सकते हैं, तो चलिए शुरू करते हैं:-

Entrepreneurship Process in Hindi – उद्यमिता की प्रक्रिया

उद्यमिता की प्रक्रिया को procedures और methods के एक समूह के रूप में व्यक्त किया जा सकता है और इन procedures और methods को entrepreneurs (उद्यमियों) के द्वारा follow किया जाता है. उद्यमिता लगातार चलने वाली एक process है जिसे उद्यमी के द्वारा अपने नए व्यापार की योजना बनाने तथा launch करने के लिए follow करने की आवश्यकता होती है.

उद्यमिता प्रक्रिया के सभी चरणों (phases) के कुछ अर्थ और functions (कार्य) होते हैं।

इसके निम्नलिखित 5 phases होते है.

  1. Discovery (खोजना)
  2. Business plan को develop करना.
  3. Resources को एकत्रित करना.
  4. company को manage करना.
  5. Harvesting

1:- Discovery (खोजना):- 

यह सबसे पहला phase होता है. इस फेज में उद्यमी business के नए ideas को जनरेट करता है, नये अवसरों को पहचानता है और बाजार का study को करता है.

अवसरों को पहचानना और उनका मूल्यांकन करना एक बहुत ही मुश्किल कार्य होता है. एक उद्यमी business के अवसरों पहचानने के लिए कर्मचारियों, उपभोक्ताओं, तकनीकी लोगों आदि सहित सभी व्यक्तियों से इनपुट लेता है। अर्थात् वह हर प्रकार के व्यक्तियों से information को इक्कठा करता है.

जब opportunity (अवसर) को पहचान लिया जाता है, तो इसका अगला step इसको evaluate (मूल्यांकन) करना होता है.

एक उद्यमी खुद से कुछ सवाल पूछकर एक अवसर की दक्षता (efficiency) का मूल्यांकन कर सकता है। जैसे कि:- क्या इस अवसर में invest करना चाहिए?, क्या इससे लाभ हो सकता है?, क्या प्रस्तावित समाधान संभव हैं?, इससे जुड़े जोखिम (risks) क्या हैं? आदि. सबसे ऊपर entrepreneur को यह देखना होता है कि उसकी skills और hobby क्या हैं.

2:- Business plan को विकसित करना:-

अवसर की पहचान हो जाने के बाद, एक उद्यमी को एक business plan बनाने की आवश्यकता होती है। business की योजना किसी भी नए उद्यम की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है.

एक business plan को बनाने के लिए उद्यमी को इसमें अपना बहुत सारा समय लगाना चाहिए. एक Business plan में बहुत सारीं चीजों का विवरण होना चाहिए जैसे:- लक्ष्य (goals) और उद्देश्य (objectives) का विवरण, पैसों की आवश्यकता का विवरण, products और services का पूरा विवरण, आदि।

3:- Resources को एकत्रित करना:-

Entrepreneurship Process का तीसरा फेज resources को इकट्ठा करना होता है. इसमें उद्यमी उन स्रोतों (sources) की पहचान करता है जहाँ से finance और मानव संसाधन (human resources) की व्यवस्था की जा सकती है।

यहां, उद्यमी अपने नए  व्यवसाय के लिए investors को और व्यावसायिक गतिविधियों को करने के लिए कर्मचारियों को ढूंढता है।

4:- company को manage करना:-

एक बार जब धन जुटा लिया जाता है और कर्मचारियों को काम पर रख लिया जाता है, तो अगला step निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए व्यवसाय के कार्य शुरू करना होता है।

सबसे पहले, उद्यमी को management के structure को तय करना होता है अर्थात् यह तय करना होता है कि जब कोई problem आएगी तो उसे कैसे हल किया जाएगा.

5:- Harvesting:- उद्यमशीलता की प्रक्रिया का अंतिम चरण harvesting का होता है। जिसमें, एक उद्यमी व्यवसाय की भविष्य की संभावनाओं पर निर्णय लेता है जैसे कि:- उसकी growth और development. इसमें, actual growth की तुलना plan की गयी growth से की जाती है.

फिर इसके बाद business operation को बढ़ाने के लिए इसकी growth के अनुसार निर्णय लिया जाता है.

Entrepreneurship Process in hindi
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