Types of Software Testing in Hindi – सॉफ्टवेयर टेस्टिंग के प्रकार

हेल्लो दोस्तों! आज हम इस पोस्ट में Types of software testing in Hindi (सॉफ्टवेयर टेस्टिंग के प्रकार) के बारें में पूरे विस्तार से पढेंगे, इसे मैंने बहुत ही आसान भाषा में लिखा है, यह आपको आसानी से समझ में आ जायेगा, तो चलिए शुरू करते हैं:-

Types of Software Testing in Hindi

software testing एक program को execute करने की प्रक्रिया है जिसका मुख्य उद्देश्य errors को खोजना होता है. अगर हम अपने software को errors से मुक्त करना चाहते है तो हमें testing करनी पड़ती है.

Software testing के बहुत सारें types होते हैं. और प्रत्येक testing की अपनी विशेषताएं, लाभ और हानियाँ होती हैं. तो आइये इनके बारें में पढ़ते हैं:-

1:- Unit Testing  (यूनिट टेस्टिंग)

Unit testing एक प्रकार की functional testing है जिसमें प्रत्येक units या components को test किया जाता है. इस टेस्टिंग को software के coding phase में पूरा किया जाता है. इसको ज्यादातर programmer के द्वारा पूरा किया जाता है. इसे component testing भी कहते हैं.

इसे पूरा पढने के लिए क्लिक करें:- Unit Testing क्या है?

2:- integration testing (इंटीग्रेशन टेस्टिंग)

इसमें सभी units और components को एक समूह में combine किया जाता है. और उनको समूह में test किया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य यह देखना होता है कि ये units आपस में एक साथ कार्य कैसे करते हैं. यह टेस्टिंग 4 प्रकार की होती हैं:-

  • top down
  • bottom up
  • sandwich
  • big-bang

इसे पूरा पढ़ें:- integration testing क्या है?

3:- Alpha Testing (अल्फा टेस्टिंग)

यह टेस्टिंग सबसे ज्यादा प्रयोग की जाने वाली टेस्टिंग है, इसका मुख्य उद्देश्य software को users के लिए release करने से पहले सभी प्रकार के issues और erros को identify करना होता है. इस टेस्टिंग को software engineers और QA staff के द्वारा किया जाता है.

इसे पढने के लिए click करें:- Alpha Testing क्या होती है?

4:- Beta Testing (बीटा टेस्टिंग)

इस प्रकार की टेस्टिंग को customers के द्वारा पूरा किया जाता है. इसके लिए software के एक version को release किया जाता है परन्तु यह केवल limited users के लिए ही होता है. इसमें users अपने feedback देते है जिससे software में आने वाले bugs, या defects का पता चलता है.

बीटा टेस्टिंग तब सफल होती है जब customer सॉफ्टवेयर से संतुष्ट होते हैं. और उनकी जरूरत के हिसाब से यह software होता है.

5:- Stress Testing (स्ट्रेस टेस्टिंग)

यह टेस्टिंग तकनीक software की stability (स्थिरता) और reliability (विश्वसनीयता) को verify करता है. इसका मुख्य उद्देश्य यह देखना होता है कि सॉफ्टवेयर heavy load की अवस्था में कब crash होता है. अर्थात इसमें software की क्षमता के बारें में पता लगाया जाता है. इससे यह पता चलता है कि सॉफ्टवेयर कितना load सह सकता है.

heavy load से मतलब है कि- इसमें बहुत बड़े amount का data स्टोर करना, बहुत सारें programs को एक साथ open करना आदि.

इसे पूरा पढ़ें:- स्ट्रेस टेस्टिंग क्या है?

6:- Recovery testing (रिकवरी टेस्टिंग)

यह एक प्रकार की टेस्टिंग है जो यह validate करता है कि जब एक सॉफ्टवेयर crash हो जाता है तो वह recover कैसे होता है. यह टेस्टिंग यह निर्धारित करती है कि एक software के crash हो जाने के बाद वह वापस फिर से कार्य कर सकता है या नहीं. इसे testing team के द्वारा perform किया जाता है.

इसे पूरा पढने के लिए click करें:- recovery testing in Hindi

7:- Security testing (सिक्यूरिटी टेस्टिंग)

यह एक प्रक्रिया है जो यह निर्धारित करता है कि सॉफ्टवेयर data को सुरक्षित रख सकता है या नहीं. इसमें यह check किया जाता है कि software बाहरी और आंतरिक खतरों से कैसे सुरक्षित रहेगा.

इसमें यह भी देखा जाता है कि अगर किसी hacker ने इसमें attack कर दिया तो यह कैसे behave करेगा. और hacker के attack के बाद data की security को कैसे maintain किया जाएगा.

इसे पढ़ें:- Security Testing क्या है?

8. Smoke Testing in Hindi

इसे build verification testing भी कहते है. जब development team के द्वारा नया build प्रदान किया जाता है तो software testing team उस build को validate करती है और यह सुनिश्चित करती है कि कोई issues या bugs नहीं है.

यदि build में कोई problem आती है तो उसे reject कर दिया जाता है और developer team को इसके बारें में बता दिया जाता है. यह टेस्टिंग software के सभी components को test करती हैं.

Types of Software Testing in Hindi

9. Regression testing

यह टेस्टिंग यह सुनिश्चित करती है कि software में किया गया बदलाव सॉफ्टवेयर की working में कोई समस्या उत्पन्न कर रहा है या नहीं.

अर्थात यह check करता है कि अगर हम software में कुछ changes करें तो सॉफ्टवेयर की working में कोई बुरा प्रभाव पड़ रहा है या नहीं.

इस प्रकार की टेस्टिंग के लिए automation testing tools का प्रयोग किया जाता है.

10. System Testing

इसमें सॉफ्टवेयर को यह पता करने के लिए test किया जाता है कि वह अलग-अलग operating system में अच्छी तरह कार्य करता है. अर्थात इसमें यह पता किया जाता है कि सॉफ्टवेयर सभी ऑपरेटिंग सिस्टम को support करता है या नहीं.

यह black box प्रकार की टेस्टिंग है और इसे test team के द्वारा पूरा किया जाता है.

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11. Performance Testing

इसे performance engineer के द्वारा किया जाता है. इसे runtime performance को test करने के लिए किया जाता है. इसमें सॉफ्टवेयर की speed और effectiveness (प्रभावशीलता) को टेस्ट किया जाता है.

इसमें विभिन्न प्रकार के performance और load tools का प्रयोग किया जाता है.

12. Ad-hoc testing

इसको बिना किसी planning और documentation के परफॉर्म किया जाता है. इसमें टेस्टर bugs या errors को खोजने के लिए सॉफ्टवेयर को break करने का प्रयास करता है. इसे टेस्टिंग टीम के द्वारा पूरा किया जाता है.

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