Test Case in Hindi – टेस्ट केस क्या है? – Software Testing

Hello दोस्तों! आज हम इस पोस्ट में Test Case in Hindi (सॉफ्टवेयर टेस्टिंग में टेस्ट केस क्या है?) के बारें में पढेंगे और इसके types और advantages को भी देखेंगे. इसे आप पूरा पढ़िए, आपको यह आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-

Test Case in Hindi – टेस्ट केस क्या है?

Software testing में, एक Test Case एक document होता है जिसमें conditions का एक set (समूह) होता है. इसके द्वारा tester यह निर्धारित करता है कि सॉफ्टवेयर customer की जरूरतों के अनुसार काम काम कर रहा है.

दूसरे शब्दों में कहें तो, “एक टेस्ट केस operations (कार्यों) का एक set होता है जिन्हें software application की कार्यक्षमता को verify करने के लिए execute किया जाता है.”

एक Test Case में किसी भी जरूरत को verify करने के लिए test steps, precondition, postcondtion आदि सम्मिलित रहते हैं.

Test Case में बिशेष conditions होती है जिनका प्रयोग करके टेस्टर expected (अपेक्षित) और actual (वास्तविक) results की तुलना करता है. तुलना करके tester को पता चलता है कि सॉफ्टवेयर customer की आवश्यकताओं को पूरा कर पा रहा है या नहीं.

Test Case को अच्छे से लिखने के लिए experience की आवश्यकता होती है और experience लगातार काम करने से ही आता है.

Test Case का Format

एक test case के निम्नलिखित parameters या elements होते है. ज्यादातर सभी company नीचे दिए गये format को use करती हैं.

Test Suite IDtest suite की id..
Test Case IDtest case की id.
Test Case Summaryटेस्ट केस की summary (सारांश).
Related Requirementटेस्ट केस से सम्बन्धित requirement की id.
Prerequisitesटेस्ट को execute करने से पहले की preconditions
Test Script  / Proceduretest को execute करने की step-by-step प्रक्रिया.
Test Datatest के दौरान प्रयोग किये जाने वाला data.
Expected Resulttest का expected परिणाम.
Actual Resulttest को execute करने के बाद प्राप्त वास्तविक परिणाम.
Statuspass या fail. अगर test को execute नहीं किया है तो अन्य status ‘not executed’ होगा
Remarkstest case पर किया जाना वाला comment.
Created Byजिसने test case लिखा है उस author का नाम.
Date of Creationtest case को create की date.
Executed Bytest को execute करने वाले person का नाम.
Date of Executiontest को execute करने की date.
Test Environmentइसमें हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और नेटवर्क आदि आते हैं.

Test Case को लिखने के फायदे

टेस्ट केस को लिखने के निम्नलिखित फायदे हैं:-

  • यह अच्छे test coverage को सुनिश्चित करता है..
  • यह सॉफ्टवेयर की quality को बढ़ाने में मदद करते हैं.
  • ये maintenance और support में लगने वाली cost को कम करते हैं.
  • यह user की आवश्यकताओं को verify करने में help करता है.
  • tester को अलग-अलग तरीके से software को test करने में मदद करता है.
  • Test cases को future में दुबारा से प्रयोग किया जा सकता है. हम इन्हें दूसरे project में इस्तेमाल कर सकते हैं.

Types of Test cases in Hindi – टेस्ट केस के प्रकार

इसके प्रकार नीचे दिए गये हैं:-

  1. Function Test Cases
  2. Integration test cases
  3. User interface test cases
Types of test cases in Hindi - software testing

Functional Test Cases

इसका प्रयोग यह check करने के लिए किया जाता है कि सॉफ्टवेयर का इंटरफ़ेस पूरे system और users के साथ work कर रहा है या नहीं. यह test case सॉफ्टवेयर के functions के failure और success को identify करता है.

इस test case को ज्यादातर Quality Assurance (QA) team के द्वारा लिखा जाता है. यह black box testing की तरह होता है. क्योंकि इसे software के internal structure को पता किये बिना लिखा जाता है.

Integration Test Cases

integration test cases का प्रयोग यह निर्धारित करने के लिए किया जाता है कि सॉफ्टवेयर के अलग-अलग units आपस में अच्छे से interact कर रहे हैं या नहीं.

ये टेस्ट केस client / server और distributed systems के लिए उपयोगी होते हैं.

इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि modules या units आपस में अच्छे से interact कर रहे है.

User Interface Test Case

GUI (graphical user interface) का मुख्य मकसद user की जरूरतों के आधार पर GUI को test करना है. इसमें text, button, table और जो भी चीजें display हो रही है उन्हें test करना होता है. इसमें menus, sub menu को भी देखना होता है.

अच्छे Test case को लिखने का तरीका

एक अच्छे test case को लिखने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:-

  1. Test Case हमेशा simple (सरल) और transparent (पारदर्शी) होना चाहिए.
  2. टेस्ट केस को हमेशा customer की जरुरत के आधार पर लिखना चाहिए अर्थात् end user को ध्यान में रखकर बनाना चाहिए.
  3. test cases को repeat नहीं करना चाहिए.
  4. हमें कुछ भी assume (कल्पना) नहीं करनी चाहिए. और specification document के आधार पर टेस्ट केस को लिखना चाहिए.
  5. यह 100% coverage को सुनिश्चित करना चाहिए. हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी requirements (जरूरतें) specification document में mention हो.
  6. test cases अवश्य identify होने चाहिए.
  7. टेस्ट केस को create करने के बाद उसे अपने साथियों के साथ review करना चाहिए. जिससे कि छुपे हुए defects पता चल सकें.

References:- https://www.javatpoint.com/test-case

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