Hub क्या है और इसके प्रकार कितने हैं?

हेल्लो दोस्तों! आज हम इस पोस्ट में Hub in Hindi (हब क्या है?) के बारें में पढेंगे. और इसकी working, advantages को भी देखेंगे. इसे आप पूरा पढ़िए, यह आपको आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-

Hub in Hindi – हब क्या है?

Hub एक नेटवर्किंग डिवाइस है जिसका प्रयोग एक network में बहुत सारीं devices को connect करने के लिए किया जाता है.

हब को repeater भी कहते है। यह एक layer 1 डिवाइस होती है। Hub कम्युनिकेशन के लिए computers को आपस में जोड़ता है।

Hub बुद्धिमान (intelligent) डिवाइस नहीं होता है क्योंकि यह लॉजिकल और फिजिकल एड्रेस के आधार पर डेटा को forward नहीं कर सकता।

यह OSI model के लेयर 1 (फिजिकल लेयर) में कार्य करता है.

Hub में बहुत सारें ports होते हैं. हब किसी भी एक पोर्ट से आने वाले डेटा पैकेट्स को अन्य सभी ports में भेज देता है. यह receiving कंप्यूटर (पोर्ट) पर निर्भर करता है कि वह decide करें कि वह पैकेट उसके लिए है या नहीं.

hub in Hindi

Working of Hub in Hindi – हब की कार्यविधि

हब में data packets को frame कहते हैं. जब भी कोई पोर्ट frame को send करता है तो hub उस फ्रेम को सभी ports में forward कर देता है।

हब frame के type को भी अलग अलग नहीं करता है चाहे frame uni-cast हो चाहे multicast हो या broadcast हो, hub सभी फ्रेम को सभी ports में forward कर देता है।

हालांकि एक हब frame को सभी ports को भेजता है लेकिन frame वही पोर्ट accept करता है जिसका MAC address फ्रेम के destination MAC address से match करता है। बाक़ी hosts इसे receive करने के बाद discard कर देते है ।

उदाहरण के लिए – अगर हमको कंप्यूटर 1 से कंप्यूटर 2 में डेटा भेजना है तो जैसे ही कंप्यूटर 1 डेटा भेजता है तो hub यह check नहीं करता है कि उसका destination क्या है वह इन डेटा सिग्नलों को अन्य सभी कंप्यूटरों (2,3,4,5…) पर भेज देता है. कंप्यूटर 2 इन डेटा सिग्नलों को ले लेता है जबकि अन्य कंप्यूटर इसे discard (निरस्त) कर देते है.

Hubs का प्रयोग लोकल एरिया नेटवर्क (LAN) में विभिन्न कंप्यूटरों को star या hierarchical टोपोलॉजी में connect करने के लिए किया जाता है.

Types of Hub in Hindi – हब के प्रकार

Hub दो प्रकार का होता है:-

  1. passive hub
  2. active hub

1:- passive hub:- यह सिग्नल को जैसा है उसी स्थिति में आगे भेज देता है इसलिए इसे power supply की जरुरत नहीं होती है.

2:- active hub:- इसमें सिग्नल को दुबारा generate किया जाता है, इसलिए ये भी repeater की तरह कार्य करते है. इन्हें multiport repeater कहते है. इसमें power supply की जरुरत होती है.

Advantages of Hub in Hindi – हब के फायदे

इसके फायदे निम्नलिखित हैं;-

  1. यह दूसरी devices की तुलना में सस्ता होता है.
  2. यह बहुत सारीं network media को support करता है.
  3. यह नेटवर्क की कुल दूरी (total distance) को बढ़ा सकता है।
  4. एक हब internet के traffic को monitor कर सकता है और उसे analyze कर सकता है.
  5. यह network की performance को बाधित (disturb) नही करता.

Disadvantages of Hub in Hindi – हब के नुकसान

इसके नुकसान निम्नलिखित हैं:-

  1. इसके पास collision detection का तंत्र (mechanism) नहीं होता.
  2. यह data को दुबारा से transmit नहीं कर सकता.
  3. यह full duplex mode में कार्य नहीं करता.
  4. यह data को filter नहीं करता.
  5. यह network traffic को कम नहीं कर सकता.

CSMA/CD (Carrier Sense Multiple Access with Collision Detection)

एक हब half duplex communication पर कार्य करता है. मतलब या तो कोई पोर्ट डेटा send कर सकता है या receive कर सकता है। दोनों काम एक साथ नहीं किये जा सकते है।

हब में frames बहुत ज्यादा crash होते है क्योंकि जब कोई एक पोर्ट frame send कर रहा होता है तो दूसरा पोर्ट भी उसी समय frame सेंड कर रहा होता है। इसे collision कहते है।

Collision से बचने के लिए एक technique का प्रयोग किया जाता है जिसे CSMA/CD (Carrier Sense Multiple Access with Collision Detection) कहते है।

इस technique में कोई भी port फ्रेम send करने से पहले चेक करता है की link खाली है या नहीं। यदि लिंक में कोई signal होता है तो ये port इन्तजार करता है। जब लिंक खाली हो जाती है। तब ये port अपना frame सेंड करता है।

CSMA CD (Carrier Sense Multiple Access with Collision Detection) in Hindi

जब collision होता है तो फ्रेम send करने वाले port को इसका पता चल जाता है। जो frames भेजे गए थे वो frames destroy हो जाते है। और ports एक jam signal send करते है। जो यह बताता है कि दोनों ports इंतजार करने वाले है।

इसमें दोनों hosts का waiting time अलग-अलग होता है। यानि एक पोर्ट यदि वापस frame सेंड करने से पहले 10 second wait करेगा तो दूसरा पोर्ट 15 second wait करेगा ताकि दुबारा collision ना हो।

Collision Domain क्या है?

ईथरनेट में वह नेटवर्क एरिया जिसमें टकराये हुए डेटा पैकेट्स (frames) को detect किया जा सकें, collision domain कहलाता है.

याद रखे जब भी hub से connect हुए दो device एक साथ frames send करेंगे तो collision होगा। इसलिए hub से connected सभी devices एक ही collision domain के अंदर आती है। हब single collision domain को प्रस्तुत करता है।

single collision domain in hindi

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

Hub का क्या काम है?

हब का कार्य दो या दो से अधिक networking devices को connect करना होता है.

हब के कितने प्रकार होते हैं?

हब के दो प्रकार होते हैं. Passive और Active

क्या हब के पास IP address होता है?

हाँ

हब intelligent (बुद्धिमान) device क्यों नहीं होते?

क्योंकि ये data packets को सभी computer को भेज देते हैं

हब switch से ज्यादा तेज (fast) होता है?

नहीं. switch ज्यादा तेज होता है.

Reference:- https://www.tutorialspoint.com/what-are-hubs-in-computer-network

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