VLAN क्या है और इसके Types, Advantage

Hello दोस्तों! आज हम इस पोस्ट में What is VLAN in Hindi (VLAN क्या हैं?) के बारें में पढेंगे और इसके Types, Advantages, और configuration को भी देखेंगे. इसे आप पूरा पढ़िए, आपको यह आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-

What is VLAN in Hindi

VLAN का पूरा नाम Virtual Local Area Network है. यह एक नेटवर्क है जिसे एक या एक से अधिक LAN से create किया जाता है. यह OSI model के layer 2 (data link layer) पर कार्य करता है.

VLAN की मदद से हम अलग-अलग networks में मौजूद devices को एक logical network में combine (संयोजित) कर सकते हैं.

Virtual LAN एक ऐसी technology है जिसके माध्यम से हम एक LAN के hosts (devices) को दूसरे LAN से connect कर सकते हैं. VLAN के माध्यम से connect किये गये hosts ऐसे काम करते हैं जैसे कि वो physically उस LAN से connected हों. लेकिन जैसा कि आपको पता यह कनेक्शन physical होने की बजाय logical होता है.

VLAN को broadcast domain के size को कम करने के लिए layer 2 switch पर create किया जाता है.

VLAN भी LAN की तरह ही होता है परन्तु VLAN के द्वारा हम बहुत सारीं devices को virtual तरीके से आपस में connect कर सकते हैं. नीचे आपको इसका चित्र दिया गया है.

vlan in hindi

Advantages of VLAN in Hindi

VLAN को इस्तेमाल करने के बहुत सारें फायदे हैं जिन्हें नीचे दिया जा रहा है.

  1. यह broadcast की समस्या को solve कर देता है.

  2. यह broadcast domain के size को कम करता है.

  3. इसका प्रयोग करके हम security को और भी ज्यादा बेहतर बना सकते हैं.

  4. यह device management को सरल और आसान बना सकता है.

  5. इसके द्वारा हम logical रूप से connect हुई devices का एक समूह बना सकते हैं.

  6. VLAN का प्रयोग करने से हमारा बहुत सारा पैसा और समय बचता है क्योंकि इसमें सभी डिवाइस logically connect रहती है और हमें physically डिवाइसों को connect करने की आवश्यकता नहीं पड़ती.

  7. इसकी performance बहुत ही ज्यादा अच्छी होती है और यह latency को भी कम करता है.

  8. इसके द्वारा हम अपने network को आसानी से segment कर सकते हैं.

  9. VLAN के द्वारा फालतू का broadcast traffic खत्म हो जाता है. इसमें messages उन्ही devices या hosts को भेजे जाते है जो VLAN में होते हैं. LAN के बाकी hosts को broadcast messages नही भेजे जाते जिससे अनावश्यक traffic खत्म हो जाता है.

  10. यह बहुत ही flexible होता है. इसके द्वारा हम कहीं से भी किसी भी group (समूह) में जुड़ सकते है और हमें physically move होने की जरूरत नहीं पड़ती.

  11. यह traffic को share करके congestion को कम कर सकता है.

Types of VLAN in Hindi

इसके तीन प्रकार होते हैं जो कि निम्नलिखित हैं:-

  1. Port based VLAN – इसे static VLAN भी कहते हैं. इसमें network administrator एक virtual network बनाने के लिए switch या bridge पर ports को assign करता है.

  2. Protocol VLAN – इसमें traffic को protocol के आधार पर handle किया जाता है. एक switch या bridge ट्रैफिक प्रोटोकॉल के आधार पर आने वाले frames को seperate (अलग) करता है, discard (निरस्त) करता है, और forward करता है.

  3. Dynamic VLAN – इसमें network administrator नेटवर्क मेम्बरशिप को device की विशेषताओं के आधार पर define करता है.

VLAN Range in Hindi

नीचे आपको महत्वपूर्ण VLAN Ranges के बारें में दिया गया है.

RangeDescription
VLAN 0-4095यह एक reserved VLAN है. इसे देखा और प्रयोग नहीं किया जा सकता है.
VLAN 1यह switches का default VLAN है. इसे delete और edit नहीं किया जा सकता परन्तु इसे इस्तेमाल किया जा सकता है.
VLAN 2-1001यह एक सामान्य VLAN range है. हम इसे create, delete और edit कर सकते हैं.
VLAN 1002-1005यह रेंज token rings और FDDI के लिए CISCO default होता है.
VLAN 1006-4094यह VLAN की extended range होती है.

VLAN Configuration in Hindi

VLAN को create करना

VLAN create करने के लिए हम vlan कमांड का इस्तेमाल करते है। इस command को global configuration mode में execute किया जाता है। इसका उदाहरण नीचे दिया जा रहा है।

switch(config)#vlan 100

ऊपर दी गयी command एक VLAN create करती है जिसका number 100 है। जैसे ही आप इस command को execute करते है तो आप VLAN configuration mode में enter हो जाते है।

VLAN को नाम देना

VLAN configuration mode में आप VLAN का नाम configure कर सकते है। VLAN का नाम configure करना optional है। इसका उदाहरण नीचे दिया जा रहा है।

switch(config-vlan)#name yugal

ऊपर दी गयी कमांड के द्वारा vlan 100 को yugal नाम दिया है। इसके बाद VLAN configuration mode से बाहर आने के लिए आप exit command को execute कर सकते है।

यदि कोई स्विच VTP (VLAN Trunking Protocol) पर काम कर रहा है तो वह आसानी से 1006 से लेकर 4094 numbers तक VLAN के रूप में use कर सकता है। इन्हें extended range VLANs कहा जाता है।

VLANs को show करना

सभी create किये गये VLANs को देखने के लिए आप show vlan कमांड को execute करते है। इसे privileged execution mode में execute किया जाता है। इसका उदाहरण निचे दिया जा रहा है.

switch#show vlan

यदि आप global configuration mode में है तो सभी VLANs को इस प्रकार देख सकते है।

switch(config)# do show vlan

VLANs को remove करना

किसी VLAN को remove करने के लिए no vlan कमांड का use किया जाता है। इस command के बाद वह VLAN number देते है जिसे आप remove करना चाहते है। इस command को global configuration mode में execute किया जाएगा। इसका उदाहरण नीचे दिया जा रहा है।

switch(config)# no vlan 100

यदि आप एक साथ कई VLANs को remove करना चाहते है तो इसके लिए आप उन VLANs की range देते है। इसका उदाहरण नीचे दिया जा रहा है।

switch(config)# no vlan 50-77

VLAN Membership in Hindi

एक बार जब आप VLAN को create कर लें तो इस VLAN में आप ports को add करते है। किसी भी port को VLAN का member दो प्रकार से बनाया जा सकता है।

Statically

इस तरीके में आप manually किसी port को VLAN में add करते है। आप चाहे तो एक single port को VLAN में add कर सकते है या फिर एक साथ ports के group को भी VLAN में add कर सकते है। जो भी host उस port से connected होता है वह VLAN का member बन जाता है।

आइये अब देखते है कि आप किस प्रकार एक port को statically VLAN assign कर सकते है।

किसी भी port को VLAN assign करने के लिए आपके पास उस port का access होना चाहिए। इसलिए सबसे पहले आप उस port के configuration mode में enter होते है जिसे आप VLAN assign करना चाहते है। इसका उदाहरण नीचे दिया जा रहा है।

switch(config)# interface gi 1/10

जैसे ही आप ऊपर दी गयी command को execute करते है आप port configuration mode में enter हो जाते है। इसके बाद आप VLAN का port type configure करते है। इससे पता चलता है की port access या trunk किस type का है। इसका उदाहरण निचे दिया जा रहा है।

switch(config-if) switchport mode access

ऊपर दी गयी command के द्वारा port का type access configure किया गया है। इसके बाद आप इस access port को VLAN assign करते है। इसका उदाहरण नीचे दिया जा रहा है।

switch(config-if) switchport access vlan 100

आपके द्वारा किया गया VLAN configuration startup config file में stored रहता है, इसलिए यदि switch को reboot भी किया जाता है तो भी आपका VLAN database में maintain रहता है।

Dynamically

Host के Mac address के आधार पर आप VLAN को dynamically configure कर सकते है। ऐसा करने से एक host उसी VLAN में रहता है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की वह किस port से connected है.

Dynamic VLAN assignment के लिए हमें अलग database की आवश्यकता होती है ताकि Mac address और VLAN की information को maintain किया जा सके। इस functionality को provide करने के लिए Cisco ने VMPS (VLAN Membership Policy Server) develop किया है जिसके माध्यम से dynamic VLAN configuration आसानी से हो जाता है।

Static VLAN ज्यादा use होता है इसलिए यँहा पर आपको उसके बारे में ही detail से बताया जा रहा है।

Reference:- https://www.guru99.com/vlan-definition-types-advantages.html

निवेदन:- अगर आपको यह पोस्ट helpful लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य share कीजिये और आपके इससे सम्बन्धित या किसी और subjects से related कोई question तो आप नीचे comment करके बता सकते हैं. Thanks.

Leave a Comment