Hello दोस्तों! आज हम इस पोस्ट में What is DHCP in Hindi के बारें में पढेंगे और इसकी working, advantages तथा configuration को भी देखेंगे. आप इसे पूरा पढ़िए, आपको यह आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-
टॉपिक
What is DHCP in Hindi
DHCP का पूरा नाम Dynamic Host Configuration Protocol है. यह एक नेटवर्क मैनेजमेंट प्रोटोकॉल है जिसका प्रयोग एक नेटवर्क पर hosts को automatically आईपी एड्रेस assign करने के लिए किया जाता है. यह host को IP Address इसलिए assign करता है ताकि ये एक दूसरे से communicate कर सकें.
DHCP को local networks के साथ-साथ बड़े networks पर भी implement (लागू) किया जा सकता है. DHCP एक default protocol है जिसका इस्तेमाल ज्यादातर सभी routers और दूसरे networking devices पर किया जाता है.
DHCP को RFC (Request for Comments) 2131 भी कहते हैं.
“किसी भी network में यदि कोई host किसी दूसरे host से communicate करना चाहता है तो इसके लिए उसके पास एक यूनिक IP address होना चाहिए।
ये IP addresses आप manually भी हर host पर configure कर सकते है। लेकिन यदि network काफी बड़ा है तो ये approach काम नहीं करेगी। बड़े network में आप हर host के पास manually जाकर IP addresses को assign नहीं कर सकते है। इस problem को solve करने के लिए DHCP का इस्तेमाल किया जाता है।“
Dynamic Host Configuration Protocol का काम hosts को IP address assign करना होता है। ये IP address, आटोमेटिक assign किये जाते है.
DHCP एक client/server protocol होता है। इसका port number 67 होता है।
Hosts को IP address प्रदान करना DHCP का प्रमुख काम होता है। लेकिन यह IP address के अलावा बहुत सी information (सूचना) hosts को प्रदान करता है। ऐसी कुछ सामान्य information की list नीचे दी जा रही है।
- IP address (Ex – 193.123.2.1)
- Subnet Mask (Ex – 244.244.0.0)
- Domain Name (Ex – www.websitename.com)
- Default Gateway (Ex. 10.0.0.0.1)
- DNS Server Address
Advantages of DHCP in Hindi – DHCP के फायदे
इसके फायदे निम्नलिखित हैं:-
- DHCP के कारण IP address configuration में errors (गलती) होने की संभावना बिलकुल कम हो जाती है.
- इसका इस्तेमाल करने से आपको IP address की list को manage करने की आवश्यकता नहीं होती है। साथ ही आपको ये भी manage करने की आवश्यकता नहीं होती कि कौन-सा IP address free है और कौन-सा assign किया जा चूका है। ये काम DHCP आपने-आप कर लेता है।
- यदि आप host को किसी दूसरे network में move करते है तो DHCP उसे नया IP address assign कर देता है।
- इसके द्वारा किसी network में नए clients को add करना बहुत आसान हो जाता है.
- इसके द्वारा IP address को दुबारा से use किया जा सकता है इससे कम IP address की जरूरत पड़ती है.
- इसे implement और use करना बहुत आसान होता है.
- यह बहुत सारें scopes को सपोर्ट करता है जैसे:- multicast scope, super scope आदि.
इसे पढ़ें:- Router क्या है और इसके प्रकार
Components of DHCP in Hindi
DHCP के Components नीचे दिए जा रहे हैं:-
- DHCP Server – यह एक network device है जो कि IP address और दूसरी information को स्टोर किये रहता है. यह एक server या router होता है जो कि host की तरह कार्य करता है.
- DHCP Client – यह device होती है जो DHCP server से configuration information को recieve करती है. यह device एक mobile, computer और दूसरी device हो सकती है.
- IP Address Pool – यह IP addresses की range होती है जो कि DHCP client के लिए available रहती है. IP address को lowest से highest के क्रम में assign किया जाता है.
- Subnet – IP networks दो या दो से अधिक segments में विभाजित किया जाता है जिसे subnet कहते हैं. subnet के द्वारा network को manage करना आसान होता है.
- Lease – यह एक time होता है जिसमें DHCP client आईपी एड्रेस की information को hold करके रखता है. जब lease समाप्त हो जाता है तो DHCP client को इसे दुबारा से renew करना पड़ता है.
- DHCP Relay – यह एक TCP/IP host होता है जो DHCP messages को client और server के मध्य forward करता है.
DHCP कैसे कार्य करता है?
Host के request करने से लेकर उसे IP address assign करने की process तक के कुछ steps होते है। इन steps को नीचे समझाया गया है।
- सबसे पहले, क्लाइंट उपलब्ध servers के लिए discover message को broadcast करता है। यह message नेटवर्क में DHCP server को discover करने के लिए use किया जाता है।
- इसके बाद जो server इस message को receive करता है वह client को offer message भेजता है। Offer message के द्वारा server खुद की existence (मौजूदगी) को show करता है।
- इसके बाद क्लाइंट, server को IP address और दूसरी information के लिए Request message को broadcast करता है।
- इसके बाद सर्वर, client को एक unicast acknowledgement message के द्वारा information भेजता है।
Disadvantages of DHCP in Hindi
इसके नुकसान निम्नलिखित हैं:-
- इसका सबसे बड़ा नुकसान इसकी security (सुरक्षा) है क्योंकि इसमें client को authenticate करने के लिए सुरक्षित mechanism (तंत्र) नहीं है.
- कभी-कभी, hosts को IP addresses assign करते वक्त IP addresses के मध्य conflict (टकराव) हो सकता है.
- इसमें internet की गतिविधियों को trace कर पाना मुश्किल होता है.
इसे पढ़ें:-
DHCP Configuration in Hindi
किसी भी network में DHCP server का महत्वपूर्ण role होता है। DHCP server को किसी router या switch पर configure किया जा सकता है। यदि आप DHCP server को configure कर रहे है तो आपके पास नीचे दी गयी information होनी चाहिए।
Requirements
- आपके पास network ID होनी चाहिए।
- आपको ये भी पता होना चाहिए की ऐसे कौन-से addresses है जो पहले से use किये जा रहे है।
- आपको network के default router (default gateway) का address भी पता होना चाहिए।
- DNS (Domain Name System) server का address भी आपको पता होना चाहिए।
ऊपर वो information बताई गयी है जो किसी भी DHCP server को configure करने के लिए required (जरुरी) है। नीचे DHCP server को configure करने के लिए कुछ steps दिए जा रहे है। इन steps को follow करते हुए आप आसानी से DHCP को configure कर सकते है।
Steps
- सबसे पहले आप उन addresses को बाहर (exclude) करते है जो पहले से दूसरे purpose के लिए use किये जा रहे है या reserved है।
- इसके बाद आप subnet के लिए यूनिक name से pool को create करते है।
- इसके बाद आप वो network ID और subnet mask set करते है जो सर्वर, hosts को IP addresses assign करने के लिए इस्तेमाल करेगा।
- इसके बाद आप default gateway के address को set करते है।
- इसके बाद DNS server के address को set किया जाता है।
- यदि आप पहले से set किये हुए lease time को use नहीं करना चाहते तो आप lease time को days, hours और minutes में set कर सकते है।
Example –
नीचे DHCP configuration का example दिया जा रहा है।
router(config)#ip dhcp excluded-address 192.168.16.1 192.168.16.10
router(config)#ip dhcp pool ehindistudy
router (dhcp-config)#network 192.168.10.0 255.255.255.0
router (dhcp-config)#default-router 192.168.10.1
router (dhcp-config)#dns-server 4.4.4.4
router (dhcp-config)#lease 2 15 2
ऊपर दिए गए उदाहरण को ध्यान से देखिये सबसे पहले network Id और broadcast address को exclude किया गया है। इसके बाद ehindistudy के नाम से एक pool को create किया गया है। इसके बाद network और subnet mask को define किया गया है। Network को network Id के द्वारा define किया गया है। इसके बाद default gateway और DNS server को define किया गया है। सबसे आखिर में lease time को define किया गया है। Default lease time 24 घंटे का होता है। लेकिन यदि आप इसे change करना चाहते है तो कर सकते है।
Reference:- https://www.javatpoint.com/dynamic-host-configuration-protocol
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Mind blowing Explaination.
Thanks and regards
shubham tyagi
Thanks shubham, i glad you like this post.