Hello दोस्तों! आज हम इस पोस्ट में स्पेक्ट्रम विश्लेषक क्या है? (What is Spectrum Analyzer in Hindi) के बारें में पढेंगे. इसे आप पूरा पढ़िए, यह आपको समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-
स्पेक्ट्रम विश्लेषक क्या है? (What is Spectrum Analyzer in Hindi)
“Spectrum analyzer एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जिसका प्रयोग दिए गये input signal के magnitude को मापने के लिए किया जाता है. इसका उपयोग मुख्य रूप से ज्ञात और अज्ञात signals के स्पेक्ट्रम की ताकत को मापने के लिए किया जाता है।”
किसी भी संयुक्त सिग्नल में मूल आवृत्ति के साथ-साथ बहुत से संनादी भी होते हैं। इनमें से प्रत्येक घटक के साथ कुछ-न-कुछ ऊर्जा होती है। तरंग विश्लेषक द्वारा सिग्नल के प्रत्येक घटक के आयाम का क्रमशः मापन किया जाता है।
यदि सिग्नल के सभी घटकों में निहित ऊर्जा का एक साथ अध्ययन किया जाये, तब सम्पूर्ण सिग्नल का स्पेक्ट्रम दिखाई देता है। स्पेक्ट्रम अर्थात् सिग्नल के सभी घटकों के आयाम की आवृत्ति के सापेक्ष निरूपित किया जाना।
स्पेक्ट्रम को प्रदर्शित करने के लिये CRO का प्रयोग किया जाता है। किसी सिग्नल के स्पेक्ट्रम के अध्ययन द्वारा, हमें उसकी Band width, विभिन्न प्रकार के माडुलेशन का प्रभाव, उसके साइड बैन्ड्स की संख्या आदि के विषय में जानकारी प्राप्त होती है।
स्पेक्ट्रम विश्लेषक (Spectrum Analyzer) भी हिट्रोडाइन के सिद्धान्त पर कार्य करता है। R.F. स्पेक्ट्रम विश्लेषक 10 MHz से 40 GHz तक की आवृत्तियों को प्रदर्शित कर सकता है। स्पेक्ट्रम विश्लेषक का खण्ड आरेख (block diagram) चित्र में प्रदर्शित है।
तरंग विश्लेषक (wave analyzer) की भांति यहाँ भी narrow-band I.F. Amplifier का उपयोग किया जाता है। I.F. amplifier, mixed द्वारा उत्पन्न आवृतियों में से उपयोगी आवृतियों का चयन करता है। अन्तर यह है कि प्रयुक्त लोकल ऑसिलेटर, एक saw tooth (सा-टूथ) जेनरेटर द्वारा प्रचालित होता है। यह सा-टूथ सिग्नल, लोकल ऑसिलेटर की आवृति को एक रेंज में लगातार परिवर्तनशील रखता है। इस प्रकार उत्पन्न I.F. भी लगातार परिवर्तित होती रहती है।
इस सा-टूथ सिग्नल को प्रयुक्त CRO की क्षैतिज-प्लेटों पर दिया जाता है जिससे कि उत्पन्न I.F. तथा CRO में सामंजय (Synchronization) सिग्नल द्वारा क्षैतिज दिशा में तथा टैस्ट सिग्नल के आयाम द्वारा ऊर्ध्वाधर दिशा में प्रचालित होता है। सा-टूथ तरंग का रॉट्रेस काल लगभग शून्य होता है।
किसी स्पेक्ट्रम विश्लेषक (spectrum analyzer) को बनाते समय कुछ बिन्दुओं पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिये। जैसे I.F. प्रवर्धक की बैंडविड्थ तथा उसकी Centre frequency, स्वीप आवृति की रेंज व उसकी दर।
उच्च विभेदन क्षमता (Resolution) के लिये, प्रवर्धक की बैंडविड्थ चौड़ाई कम से कम होनी चाहिये। परन्तु इसके लिये sweep speed के कम होने से CRO में flicker की समस्या आ जाती है। अतः उपकरण के संतोषजनक प्रदर्शन के लिये आवश्यक सामंजस्य अनिवार्य है।
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Reference:- https://www.techopedia.com/definition/14573/spectrum-analyzer