SATA और PATA क्या है? इनके बीच Difference (अंतर)

हेल्लो दोस्तों! आज हम इस पोस्ट में What is SATA & PATA in Hindi (साटा और पाटा क्या है?) के बारें में पढेंगे और इनके बीच के अंतर (difference) को भी देखेंगे. इसे आप पूरा पढ़िए, आपको यह आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:- 

What is SATA in Hindi – साटा क्या है?

  • SATA का पूरा नाम serial advanced technology attachment (सीरियल एडवांस टेक्नोलॉजी अटैचमेंट) है। इसे Serial ATA भी कहा जाता है।

  • Serial ATA एक इंटरफ़ेस है जिसका इस्तेमाल स्टोरेज डिवाइस को कंप्यूटर के मदरबोर्ड से connect करने के लिए किया जाता है।

  • SATA एक integrated drive electronics (IDE) है। इसका प्रयोग आजकल PATA की जगह पर किया जाता है क्योंकि यह PATA से बेहतर हैं।

  • SATA एक Command और transport प्रोटोकॉल है जो यह बताता है कि data कंप्यूटर के मदरबोर्ड और स्टोरेज डिवाइस के बीच कैसे ट्रांसफर होता है।

  • SATA में डाटा को ट्रांसफर करने के लिए केवल एक bus का इस्तेमाल किया जाता है जबकि PATA में अलग-अलग Wires (तारों) का इस्तेमाल किया जाता है।

  • Serial ATA का अविष्कार वर्ष 2000 में PATA को replace करने के लिए किया गया था।

  • इसमें serial signaling टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाता है जिसके कारण यह data को एक sequence (क्रम) में ट्रांसफर करता है।

  • इसकी स्पीड PATA की तुलना में बहुत ज्यादा होती है और इसको इस्तेमाल करना भी बहुत आसान है।

  • यह PATA की तुलना में बहुत कम बिजली खर्च करता है जिसकी वजह से यह जल्दी गर्म भी नही होता।

  • SATA की Wire (तार) 1 मीटर तक लंबी हो सकती है जबकि PATA की वायर केवल 46 सेंटी-मीटर तक ही लंबी होती है.

  • आजकल ज्यादातर सभी कंप्यूटरों में SATA इंटरफ़ेस का उपयोग किया जाता है। यह एक समय पर 1 bit डाटा को ट्रांसफर करने की छमता रखता है। PATA की तुलना में SATA  में डाटा को तेज गति से संचारित (transmit) किया जा सकता है।
sata cable in Hindi
साटा केबल का चित्र

Advantages of SATA in Hindi – साटा के फायदे

इसके फायदे नीचे दिए गए हैं-

1- इसमें डेटा को ट्रांसफर करने की गति काफी तेज होती है। यह आसानी से 150 से 600 MB प्रति सेकंड डेटा को ट्रांसफर कर सकता है।

2- यह अन्य हार्डवेयर की तुलना में कम बिजली की खपत (consume) करता है। जिसके कारण इसका उपयोग करने के लिए ज्यादा बिजली की ज़रूरत नहीं पड़ती।

3- SATA केबल बहुत ही पतले और सपाट होते है। जिसके कारण यह केबल कम जटिल (complicated) होते है। इसलिए इन्हे मैनेज करना आसान होता है।

4- यह केबल Flexible होते है। अर्थात इस केबल को हम किसी भी तरह से घुमा कर use कर सकते है और ये केबल जल्दी टूटते भी नही है।

5- इस केबल का उपयोग USB फ्लैश ड्राइव के रूप में भी किया जा सकता है।

6- इसकी लंबाई एक मीटर तक हो सकती है। जो कि PATA की तुलना में काफी ज्यादा है।

Disadvantages of SATA in Hindi – साटा के नुकसान

इसके नुकसान निम्नलिखित होते हैं-

1- इस केबल का उपयोग करने के लिए विशेष ड्राइव की ज़रूरत पड़ती है।

2- साटा केबल windows 95 और 98 ऑपरेटिंग सिस्टम को सपोर्ट नही करती है। यानी windows 95 और 98 ऑपरेटिंग सिस्टम में साटा का उपयोग नहीं किया जा सकता।

3- SATA cable एक समय में केवल एक drive को ही connect कर पाता है। जबकि PATA cable एक समय में एक से ज्यादा ड्राइव कनेक्ट कर सकता है।

Types of SATA Cable in Hindi – साटा केबल के प्रकार

इसके प्रकार निम्नलिखित होते हैं-

1- SATA Data Cables – इस cable के पास डाटा को ट्रान्सफर करने के लिए 7 pins होती है.

2- SATA Power Cable – इस केबल के पास 15 pins होती है. इसका उपयोग कंप्यूटर या devices में बिजली की पूर्ति करने के लिए किया जाता है।

3- Micro SATA – इसका इस्तेमाल internal disk और backplane application के लिए किया जाता है.

4- SATA Bracket – इसका उपयोग हार्ड ड्राइव (hard drive) और सॉलिड स्टेट्स (solid states) के साथ किया जाता है।

5- SATA Bridge – यह केबल devices को मदरबोर्ड या PCI के साथ जोड़ने में मदद करता है। यह devices के मध्य एक bridge की तरह कार्य करता है.

6- E-SATA – इस केबल की लम्बाई लगभग 0.5-2m होती है। इसका उपयोग बाहरी devices को कंप्यूटर के साथ जोड़ने के लिए किया जाता है। 

7- Low Profile SATA – यह बहुत ही पतली केबल होती है। इसका उपयोग ग्राफ़िक्स के लिए किया जाता है।

What is PATA in Hindi – पाटा क्या है?

  • PATA का पूरा नाम Parallel Advanced Technology Attachment (पैरेलल एडवांस टेक्नोलॉजी अटैचमेंट) है। इसे Parallel ATA भी कहा जाता है।

  • Parallel ATA भी एक कंप्यूटर बस इंटरफ़ेस है जिसका इस्तेमाल स्टोरेज डिस्क को कंप्यूटर की मदरबोर्ड के साथ connect करने के लिए किया जाता है.

  • इसका इस्तेमाल स्टोरेज डिवाइस जैसे कि – हार्ड डिस्क ड्राइव, फ्लॉपी डिस्क ड्राइव और ऑप्टिकल डिस्क ड्राइव के लिए किया जाता है.

  • इसे सबसे पहले 1986 में विकसित किया गया था.

  • PATA का मुख्य कार्य storage device और computer के बीच में डाटा को ट्रान्सफर करने का होता है.

  • PATA की डाटा ट्रान्सफर की speed (गति) बहुत ही कम है इसलिए आजकल इसकी जगह पर SATA का इस्तेमाल किया जाता है.

  • इसमें parallel signaling टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए इसमें parallel में डाटा को ट्रान्सफर किया जाता है.

  • PATA केबल की अधिकतम लम्बाई 46 सेंटीमीटर तक होती है जो कि SATA की तुलना में काफी कम है.
pata cable in Hindi
इसका चित्र

Types of PATA Cable in Hindi – पाटा केबल के प्रकार

इस cable के प्रकार निम्नलिखित होते हैं:-

1PATA 40-Conductor Cables

इस केबल का उपयोग उन devices को जोडने के लिए किया जाता है जिन devices की डाटा ट्रांसफर करने की स्पीड 33 Megabytes per second (Mbps) होती है। इस cable की मदद से यूजर दो motherboard के साथ डिवाइस को connect कर सकता है।

2PATA 80 conductor cable

इसका उपयोग उन डिवाइसों को जोडने के लिए किया जाता है जिन डिवाइसों की डाटा ट्रांसफर करने की स्पीड 133 Megabytes per second (Mbps) होती है। PATA 80 जो है वह PATA 40 का ही एक नया version है। इसे PATA 40 को अपडेट करके बनाया गया है।

Features of PATA in Hindi – पाटा की विशेषताएं

1- इसमें कुल 40 pin लगी होती है। 20 pin उपर की तरफ और 20 नीचे की तरफ होती है।

2- इस केबल को दो devices के साथ कनेक्ट किया जा सकता है।

3- इसमें  hot-swapping की सुविधा उपलब्ध  नही होती है।

4- इस केबल का उपयोग करके 16 bits (2 bytes) के डेटा को आसानी से ट्रांसफर किया जा सकता है।

5- ऑपरेटिंग सिस्टम के पुराने versions ही PATA को सपोर्ट करते हैं.

6- अगर PATA में कोई परेशानी आ जाये तो पूरा system ही बंद हो जाता है.

Advantages of PATA in Hindi – पाटा के फायदे

1- इसकी मदद से डाटा को आसानी से ट्रांसफर किया जा सकता है।

2- पाटा केबल को मैनेज करना user के लिए काफी आसानी होता है।

3- पाटा केबल में दो से ज्यादा डिवाइस को कंप्यूटर सिस्टम के साथ कनेक्ट किया जा सकता है।

Disadvantages of PATA in Hindi – पाटा के नुकसान

1- पाटा केबल काफी expensive (महंगी) होती है।

2- साटा की तुलना में पाटा ज्यादा मात्रा में energy (बिजली) को consume करते है।

3- साटा की तुलना में पाटा में डेटा को ट्रांसफर करने स्पीड काफी ज्यादा slow होती है।

4- इसके पास hot swapping की सुविधा नहीं होती है.

Difference between SATA & PATA in Hindi – साटा और पाटा के बीच अंतर

इनके मध्य अंतर को नीचे दी गयी table के द्वारा आसानी से समझ सकते हैं:-

SATAPATA
इसका पूरा नाम Serial Advanced Technology Attachment है.इसका पूरा नाम Serial Advanced Technology Attachment है.
इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल आजकल बहुत ज्यादा किया जाता है.इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अब नहीं किया जाता.
यह पाटा की तुलना में सस्ता है.यह साटा की तुलना में महंगा है.
इसकी data को transfer करने की speed ज्यादा है.इसकी data transfer की स्पीड कम है.
यह hot swapping की सुविधा प्रदान करता है.यह hot swapping की सुविधा प्रदान नहीं करता.
इसकी अधिकतम लम्बाई 1 मीटर तक होती है.इसकी अधिकतम लम्बाई 46 सेंटीमीटर तक होती है.
यह external interface प्रदान करता है.यह external interface प्रदान नहीं करता.
यह कम बिजली खर्च करता है.यह ज्यादा बिजली खर्च करता है.
इसमें 7 connector pins होती है.इसमें 40 connector pins होती है.
इसका data ट्रान्सफर रेट 150 से 600 Mbps तक है.इसका डाटा ट्रान्सफर रेट 16 से 133 mbps तक है.
SATA और PATA केबल का मुख्य उद्देश्य क्या होता है?

इनका मुख्य उद्देश्य storage device को कंप्यूटर की मदरबोर्ड के साथ जोड़ना होता है.

साटा केबल की अधिकतम length कितनी हो सकती है.

इसकी अधिकतम लेंथ 1 मीटर तक हो सकती है.

Reference:-

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