Functions of Operating System in Hindi – ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य

हेल्लो दोस्तों! आज हम इस आर्टिकल में Functions of Operating System in Hindi (ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य) के बारें में पढेंगे. इसे बहुत ही आसान भाषा में लिखा गया है. इसे आप पूरा पढ़िए, यह आपको आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-

Functions of Operating System in Hindi – ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य

ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य (function) बहुत सारें होते हैं जो कि नीचे दिए गये हैं:-

1- Security (सुरक्षा)

ऑपरेटिंग सिस्टम user के डेटा को पूरी तरह सुरक्षित रखता है। यूजर के डेटा को सुरक्षित रखने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम firewall का इस्तेमाल करता है। फ़ायरवॉल एक security device (सुरक्षा उपकरण) है जिसकी मदद से यूजर के डेटा पर निगरानी रखी जा सकती है।

यूज़र के डेटा को और भी ज्यादा सुरक्षा प्रदान करने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम password का उपयोग करता है जिसकी मदद से कोई भी यूजर बिना पासवर्ड के डेटा को एक्सेस नहीं कर सकता। 

2- Memory Management (मैमोरी मैनेजमेंट)

ऑपरेटिंग सिस्टम किसी भी प्रकार के डेटा, एप्लीकेशन या प्रोग्राम को memory में स्टोर करने में कंप्यूटर की मदद करता है।

ऑपरेटिंग सिस्टम primary और main memory दोनों को मैनेज करता है। कंप्यूटर की main memory को fast storage भी कहते है  क्योंकि इसे CPU के द्वारा सीधे (direct) एक्सेस किया जा सकता है।

एक ऑपरेटिंग सिस्टम मैमोरी को मैनेज करने के लिए निम्नलिखित कार्य करता है-

  • यह मैमोरी को allocate और deallocate करता है।
  • यह प्राइमरी मैमोरी की पूरी जानकारी रखता है, अर्थात यह देखता है कि प्राइमरी मैमोरी का कौन सा हिस्सा उपयोग में है और कौन-सा उपयोग में नही है।
  • यह programs को  मैमोरी distribute (वितरित) करता है।
  • यह निर्णय लेता है कि किस प्रोग्राम को कब मैमोरी देनी है और कितनी देनी है।

3- File Management (फ़ाइल मैनेजमेंट)

कंप्यूटर में स्टोर की गई फाइलों को बदलने और उनमें कुछ बदलाव करने का कार्य ऑपरेटिंग सिस्टम करता है। अर्थात यह कंप्यूटर में मौजूद सभी files को मैनेज करता है।

इसके अलावा ऑपरेटिंग सिस्टम फाइलों को एक डिवाइस से दुसरे डिवाइस में transfer करने में भी मदद करता है।

ऑपरेटिंग सिस्टम फाइलों को मैनेज करने के लिए निम्नलिखित कार्यों को पूरा करता है-

  • यह सभी फाइलों की जानकारी रखता है।
  • यह resources को allocate और deallocate करता है।
  • यह निर्णय लेता है कि resource किसे मिलेगा।

इसे पढ़ें:- ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार

4- Processor Management (प्रोसेसर मैनेजमेंट)

ऑपरेटिंग सिस्टम processor को अच्छी तरह मैनेज करके रखता है इसलिए कंप्यूटर को किसी भी कार्य को पूरा करने में समस्या का सामना नहीं करना पड़ता।

प्रोसेसर की अच्छी performance किसी भी कंप्यूटर के लिए बहुत ज़रूरी होती है क्योकि इसकी मदद से ही कंप्यूटर किसी कार्य को पूरा करता है।

प्रोसेसर मैनेजमेंट के लिए Operating system निम्नलिखित कार्यों को पूरा करता हैं-

  • यह प्रोसेसर की पूरी जानकारी रखता है।
  • यह process को प्रोसेसर allocate करता है।
  • जब process समाप्त हो जाती है तो यह प्रोसेसर को deallocate कर देता है।

5- Device Management (डिवाइस मैनेजमेंट)

ऑपरेटिंग सिस्टम अपने drivers की मदद से device को मैनेज करता है। यह डिवाइस मैनेजमेंट के लिए निम्नलिखित कार्यों को पूरा करता है-

  • यह सभी devices की जानकारी रखता है।
  • यह निर्णय लेता है कि किस process को कब और कितनी देर तक डिवाइस allocate करनी है।
  • यह डिवाइस को प्रभावी पूर्ण रूप से allocate करता है।
  • यह डिवाइस को deallocate करता है।

6- Input/output Management (इनपुट/आउटपुट मैनेजमेंट)

ऑपरेटिंग सिस्टम Input और output data को मैनेज करने में कंप्यूटर की मदद करता है। सरल शब्दो में कहे तो यह यूजर के द्वारा दिया गया input data और उसे प्राप्त होने वाला output data को मैनेज करने में कंप्यूटर की मदद करता है।

7- Error detecting (त्रुटि का पता लगाना)

ऑपरेटिंग सिस्टम किसी कार्य के दौरान होने वाली त्रुटियों (errors) और bugs का पता लगाने में सिस्टम की मदद करता है जिसकी मदद से यूजर को गलतियों का पता आसानी से लग जाता है और यूजर उन गलतियों में सुधार कर लेता है।

8– Control over system performance (सिस्टम प्रदर्शन पर नियंत्रण)

ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर की performance की जाँच करता है जिसकी मदद से कंप्यूटर सिस्टम के कार्य करने की क्षमता का पता चलता है।

इसके अलावा ऑपरेटिंग सिस्टम computer की performance और health को मेन्टेन करके रखता है जिसके चलते system अपना काम अच्छे से पूरा कर पाता है। 

9- Program execution

ऑपरेटिंग सिस्टम सभी प्रकार के programs को execute करता है चाहे वो user program हो या system program।

10- Job Accounting

यह अलग-अलग jobs और users के द्वारा इस्तेमाल किये गए resource और time की जानकारी रखता है।

11- Monitoring Activities (गतिविधियों पर निगरानी)

ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर में घटित होने वाली सभी activity (गतिविधि) पर नजर रखता है।

12- Scheduling of resources and jobs (रिसोर्स और जॉब की शेड्यूलिंग)

ऑपरेटिंग सिस्टम का काम resources और jobs की शेड्यूलिंग करना भी होता है। अर्थात यह निर्णय लेता है कि कौन-सा device क्या काम करेगा।

Scheduling की वजह से कंप्यूटर एक समय में बहुत सारें कामों को एक साथ पूरा कर सकता है।

13- Booting Process (बूटिंग की प्रकिया)

कंप्यूटर को start और restart करने की प्रक्रिया को booting कहते हैं। Operating system के द्वारा ही बूटिंग की प्रक्रिया को पूरा किया जाता है।

14- Resource Allocation (रिसोर्स आवंटित करना)

Operating system यह सुनिश्चित करता है कि सभी resources का इस्तेमाल अच्छी तरह किया जाए। इसके लिए यह resource को एक निश्चित समय के लिए allocate करता है।

15- Information and Resource Protection (सूचना और रिसोर्स सुरक्षा)

ऑपरेटिंग सिस्टम सभी resources और information को कंप्यूटर में प्रोटेक्ट करके रखता है।

16- Instruction (निर्देश)

ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर के द्वारा दिये गए विभिन्न instructions के बीच आपसी समझ स्थापित करता है।

17- ऑपरेटिंग सिस्टम दूसरे users को इंटरप्रेटर, कम्पाइलर, और असेम्बलर assign कर सकता है।

ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य (Functions) क्या होते हैं?

इसके कार्य बहुत सारें होते हैं जैसे कि – मैमोरी को मैनेज करना, प्रोसेसर को मैनेज करना, device और file को manage करना आदि.

बूटिंग की प्रक्रिया को पूरा करना किसका काम होता है?

ऑपरेटिंग सिस्टम का कार्य booting करने का भी होता है.

Reference:- https://www.geeksforgeeks.org/functions-of-operating-system/

functions of operating system in Hindi
Functions of operating system in Hindi

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