हेल्लो दोस्तों! आज हम इस पोस्ट में FAT (File Allocation Table) in Hindi (फ़ाइल एलोकेशन टेबल क्या है?) के बारें में पढेंगे. इसे बहुत ही आसान भाषा में लिखा गया है. इसे आप पूरा पढ़िए, यह आपको आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-
टॉपिक
- 1 FAT (File Allocation Table) in Hindi – फ़ाइल एलोकेशन टेबल क्या है?
- 2 Types of FAT Version in Hindi – FAT के प्रकार
- 3 1- FAT12 (12-bit File Allocation Table)
- 4 2- FAT16 (16-bit File Allocation Table)
- 5 3- FAT32 (32-bit File Allocation Table)
- 6 4- exFAT (Extended File Allocation Table)
- 7 Applications of FAT (File Allocation Table) in Hindi – FAT के उपयोग
- 8 Advantages of File Allocation Table (FAT) in Hindi – फैट के फायदे
- 9 Disadvantages of File Allocation Table (FAT) in Hindi – फैट के नुकसान
FAT (File Allocation Table) in Hindi – फ़ाइल एलोकेशन टेबल क्या है?
- FAT एक फाइल सिस्टम है जिसका निर्माण 1977 में माइक्रोसॉफ्ट के द्वारा किया गया था।
- FAT का पूरा नाम File Allocation Table (फ़ाइल एलोकेशन टेबल) होता है और इसे हार्ड ड्राइव के लिए विकसित किया गया था।
- FAT का इस्तेमाल ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा हार्ड ड्राइव पर files को मैनेज करने के लिए किया जाता है.
- इसके अलावा इसका इस्तेमाल ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा कंप्यूटर की फाइलों को cluster में स्टोर करने के लिए किया जाता है। Cluster डेटा को स्टोर करने का एक area (क्षेत्र) होता है।
- File Allocation System का काम अलग-अलग प्रकार के files और folders को allocate करने का होता है।
- FAT का इस्तेमाल फ्लैश मेमोरी, डिजिटल कैमरों और portable डिवाइसों में भी किया जाता है जिससे कि ये devices फाइलों को आसानी से स्टोर और मैनेज कर सके।
- फ़ाइल एलोकेशन टेबल का प्रयोग सिस्टम की जानकारी को स्टोर करने के लिए भी किया जाता है।
- FAT हार्ड ड्राइव के कार्य करने की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।
- FAT का इस्तेमाल windows और MS-DOS ऑपरेटिंग सिस्टम में प्रमुख file system के रूप में किया जाता है।
इसे पढ़ें:-
Types of FAT Version in Hindi – FAT के प्रकार
- FAT12 (12-bit File Allocation Table)
- FAT16 (16-bit File Allocation Table)
- FAT32 (32-bit File Allocation Table)
- exFAT (Extended File Allocation Table)
1- FAT12 (12-bit File Allocation Table)
यह FAT का पहला version (वर्शन) है जिसे 1980 में DOS के पहले version के साथ लांच किया गया था। यह 12 bit बाइनरी नंबर का इस्तेमाल cluster number को स्टोर करने के लिए करता है.
FAT12 का प्रयोग माइक्रोसॉफ्ट के ऑपरेटिंग सिस्टम और MS-DOS 4.0 के ज्यादातर सिस्टम में किया जाता था।
FAT12 जो है वह 4 kb क्लस्टर का उपयोग करके 16 MB साइज़ तक की फाइलों को सपोर्ट कर सकता है। सरल शब्दो में कहे तो यह 16 MB तक की फाइलों को सपोर्ट करने में सक्षम है।
2- FAT16 (16-bit File Allocation Table)
यह FAT का दूसरा version (वर्शन) है, जिसे पहली बार 1984 में DOS 3.0 और MS-DOS 3.0 के साथ लांच किया गया था। इसको FAT16B भी कहा जाता है। यह 16 bit बाइनरी नंबर का इस्तेमाल cluster number को स्टोर करने के लिए करता है.
यह MS-DOS 4.0 के लिए पहला फाइल सिस्टम था। FAT 16 के ड्राइव का size 2 GB से 16 GB तक हो सकता है जिसके चलते यह बड़ी आकार वाली फाइलों को सपोर्ट करता है।
3- FAT32 (32-bit File Allocation Table)
FAT 32 एक नया version है जिसका निर्माण 1996 में Windows 95 और MS-DOS 7.1 के लिए किया गया था। यह 64 केबी क्लस्टर के साथ 2 TB और 16 TB फाइलों को सपोर्ट करता है। यह 28 bit बाइनरी नंबर का इस्तेमाल cluster number को स्टोर करने के लिए करता है.
FAT 32 फाइल सिस्टम को FAT32+ भी कहा जाता है। यह फाइल सिस्टम लगभग 256GB size की फाइलों को सपोर्ट करता है जो आकार में काफी बड़ी फाइलें होती है।
4- exFAT (Extended File Allocation Table)
exFAT का निर्माण माइक्रोसॉफ्ट के द्वारा 2006 में किया गया था , यह भी एक तरह का फाइल सिस्टम है।
exFAT फाइल सिस्टम का उपयोग flash drives, SDHC और SDXC cards आदि में किया जाता है।
exFAT फाइल सिस्टम 512 TB तक की files को support करता है।
Applications of FAT (File Allocation Table) in Hindi – FAT के उपयोग
इसका उपयोग निम्नलिखित जगहों पर किया जाता है:-
- FAT का उपयोग ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा सिस्टम की फाइलों को Cluster में store करने के लिए किया जाता है.
- FAT का प्रयोग फ्लैश मेमोरी, डिजिटल कैमरा और पोर्टेबल जैसे devices में भी किया जाता है जिसकी मदद से यह डिवाइस आसानी से फाइलों को मैनेज और स्टोर कर सकते है।
- File Allocation Table का प्रयोग सिस्टम में जानकारी को स्टोर करने के लिए किया जाता है।
Advantages of File Allocation Table (FAT) in Hindi – फैट के फायदे
इसके फायदे नीचे दिए गये हैं:-
- यदि FAT में डिस्क ब्लॉक खराब हो जाते है तो FAT दुसरे ब्लॉक्स को नष्ट नहीं करता।
- FAT कंप्यूटर को रैंडम एक्सेस प्रदान करता है जिससे प्रोसेस काफी तेज होता है।
Disadvantages of File Allocation Table (FAT) in Hindi – फैट के नुकसान
इसके नुकसान निम्न हैं:-
1- इसमें प्रत्येक डिस्क ब्लॉक को एक FAT Entry की जरूरत पड़ती है।
2- FAT का आकार बड़ा होता है जिससे सिस्टम को ज्यादा मेमोरी स्पेस की जरूरत पड़ती है।
Exam में पूछे जाने वाले प्रश्न
यह एक file system है जिसका प्रयोग ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा files को manage करने के लिए किया जाता है.
इसके 4 versions हैं:- FAT12, FAT16, FAT32 और exFAT.
Reference:- https://www.lifewire.com/what-is-file-allocation-table-fat-2625877
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