हेल्लो दोस्तों! आज हम इस पोस्ट में What is DOS in Hindi (डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है और इसकी commands) के बारें में पढेंगे. इसे बहुत ही आसान भाषा में लिखा गया है. इसे आप पूरा पढ़िए, यह आपको आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-
टॉपिक
- 1 What is DOS in Hindi – DOS क्या है?
- 2 Types of DOS Command in Hindi – DOS कमांड के प्रकार
- 3 Features of DOS in Hindi – DOS की विशेषताएं
- 4 Advantages of DOS (Disk Operating System) in Hindi – DOS के फायदे
- 5 Disadvantages of DOS in Hindi – DOS के नुकसान
- 6 DOS Command की लिस्ट
- 7 History of DoS in Hindi – डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम का इतिहास
- 8 DOS काम कैसे करता है ?
- 9 DOS ऑपरेटिंग सिस्टम की लिस्ट
What is DOS in Hindi – DOS क्या है?
- DOS का पूरा नाम Disk Operating System (डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम) होता है। यह एक ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसे माइक्रोसॉफ्ट के द्वारा विकसित किया गया है।
- DOS, ऑपरेटिंग सिस्टम का एक प्रकार है जो कंप्यूटर और यूजर के बीच इंटरफ़ेस की तरह काम करता है।
- DOS कमांड पर आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसका इस्तेमाल कंप्यूटर के सभी parts को access, manage और control करने के लिए किया जाता है।
- Windows के आने से पहले DOS का इस्तेमाल कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम के रूप में किया जाता था. इसका इस्तेमाल 1981 से 1995 तक बहुत ज्यादा किया जाता था।
- यह एक single-user ऑपरेटिंग सिस्टम है, इसका मतलब यह है कि इसका इस्तेमाल एक समय में केवल एक यूजर ही कर सकता है।
- डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (DOS) हार्ड-डिस्क पर run होता है।
- यह यूजर को एक कमांड लाइन प्रदान करता है जिसमे यूजर कमांड के रूप में कंप्यूटर को instruction (निर्देश) दे सकता है। DOS को कंप्यूटर में run करने के लिए किसी punch card की आवश्यकता नहीं पड़ती।
- यह कंप्यूटर में processor और memory को एक्सेस करने में मदद करता है।
- DOS में कई तरह के प्रोग्राम को run किया जाता है जैसे – documents को ढूढ़ना , इंटरनेट से कनेक्ट होना आदि। इसे stand-alone ऑपरेटिंग सिस्टम के नाम से भी जाना जाता है।
- इसका उपयोग 1980 के दशक में IBM के computer में किया जाता था।
इसे पढ़ें:-
Types of DOS Command in Hindi – DOS कमांड के प्रकार
Disk Operating System में कमांड के दो प्रकार होते हैं:-
1– Internal Command (आंतरिक कमांड)
Internal commands कंप्यूटर की बूटिंग के दौरान मैमोरी में load होते हैं। इन commands को delete और change नहीं किया जा सकता। इंटरनल कमांड में DATE, TIME, DIR, VER, DEL, COPY, TYPE और CORP CON जैसे कमांड शामिल होते है।
2– External Command (बाहरी कमांड)
External commands कंप्यूटर की बूटिंग के बाद मैमोरी में load होते हैं। इन commands को आसानी से delete और change किया जा सकता है। इसमें SYS, EDIT, FORMAT, PRINT, DISKCOPY और TREE जैसे कमांड शामिल होते है।
Features of DOS in Hindi – DOS की विशेषताएं
डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम की विशेषताएं निम्नलिखित होती हैं:-
1- यह GUI (ग्राफिकल यूजर इंटरफ़ेस) प्रदान नहीं करता। यह mouse के द्वारा दिए गये input को accept नहीं करता। अर्थात् यह सिर्फ कमांड के द्वारा ही चलता है।
2- यह कंप्यूटर में मौजूद फाइलों और फोल्डर को मैनेज करता है और प्रोग्राम के execution में मदद करता है।
3- यह हार्डवेयर डिवाइस जैसे कि- हार्ड-डिस्क और मैमोरी को कण्ट्रोल कर सकता है।
4- इसके पास एक फाइल सिस्टम होता है जो files को manage, read और organize करता है।
5- यह एक single user ऑपरेटिंग सिस्टम है। अर्थात् इसका इस्तेमाल एक समय में केवल एक ही व्यक्ति कर सकता है।
6- यह multi user को सपोर्ट नहीं करता। अर्थात् इसमें एक समय में एक से ज्यादा यूजर काम नही कर सकते।
7- इसमें security (सुरक्षा) की कमी देखने को मिलती है। अर्थात् इसको hack करना दूसरे ऑपरेटिंग सिस्टम की तुलना में आसान होता है।
8- DOS में limited (सिमित) मात्रा में फीचर होते है।
9- इसमें अधिकतम मैमोरी 2GB होती है।
10- यह 16-bit file allocation table (FAT16) का उपयोग करता है।
Advantages of DOS (Disk Operating System) in Hindi – DOS के फायदे
डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम के फायदे नीचे दिए गये है:-
1- DOS में कमांड को याद रखना और इनका इस्तेमाल करना आसान होता है।
2- डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम को install करना आसान होता है।
3- यह एक free ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसका अर्थ यह है की DOS को इनस्टॉल करने में यूजर को पैसे खर्च नहीं करने पड़ते।
4- इसमें BIOS और hardware को डायरेक्ट एक्सेस किया जा सकता है।
5- यह ऑपरेटिंग सिस्टम तेज गति के साथ boot होता है।
6- यह फाइलों को create करने , edit करने और delete करने में मदद करता है।
7- यह कंप्यूटर की performance को improve (बेहतर) करता है।
8- DOS की कमांड case-sensitive नहीं होती है, इसलिए इसको हम uppercase और lowercase दोनों तरीकों से लिख सकते हैं.
Disadvantages of DOS in Hindi – DOS के नुकसान
1- DOS में security (सुरक्षा) की कमी देखने को मिलती है।
2- इस ऑपरेटिंग सिस्टम में केवल 2 GB का मेमोरी स्पेस मौजूद होता है जिसे बढ़ाया नहीं जा सकता।
3- इसको एक समय में केवल एक ही यूजर इस्तेमाल कर सकता है।
4- यह networking को सपोर्ट नहीं करता।
5- इसमें किसी भी काम को करने के लिए command लिखनी पड़ती है जो कि इसका सबसे बड़ा नुकसान है.
6- यह एक समय में केवल एक ही प्रोग्राम को run कर सकता है।
DOS Command की लिस्ट
नीचे आपको कुछ महत्वपूर्ण DOS command दी गयी हैं:-
Command | Description |
Dir | इसका प्रयोग करके डायरेक्टरी में मौजूद फाइलों की list बनाई जाती है। |
CD या CHDIR | इसके द्वारा directory को navigate किया जाता है. |
RD या RMDIR | इसका इस्तेमाल करके directory को remove किया जाता है। |
TREE | इससे सभी directory को display किया जाता है। |
FORMAT | यह कमांड हार्ड-डिस्क को फॉर्मेट करता है। |
COPY | इसके द्वारा फाइलों को copy किया जाता है। |
Ren | इस कमांड का उपयोग फाइलों के नाम को change करने के लिए किया जाता है। |
BACKUP | इस कमांड का उपयोग directory और files के backup लेने के लिए किया जाता है। |
Deltree | इस कमांड का उपयोग कंप्यूटर में मौजूद सभी फाइलों को delete करने के लिए किया जाता है। |
Type | यह कमांड कंप्यूटर स्क्रीन पर फाइलों को display करने में मदद करता है। |
ATTRIB | इसका इस्तेमाल files के attributes को show करने के लिए किया जाता है. |
PROMPT | इसका इस्तेमाल DOS PROMPT को customize करने के लिए किया जाता है. |
Help | इसका प्रयोग कमांड के बारें में जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है. |
Move | इसका प्रयोग files को एक directory से दूसरी directory में move करने के लिए किया जाता है. |
History of DoS in Hindi – डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम का इतिहास
Disk operating system का निर्माण माइक्रोसॉफ्ट के द्वारा वर्ष 1981 में किया गया था। इसका पहला वर्शन 1981 में लॉच किया गया था जिसे IBM के लिए डिज़ाइन किया गया था। DOS के अंतिम वर्शन को वर्ष 1994 में लॉच किया गया था जिसका नाम MS-DOS 6.22 था।
DOS काम कैसे करता है ?
जब किसी कंप्यूटर को यूजर के द्वारा चालू किया जाता है तो वह अलग अलग प्रोसेस से होकर गुजरता है जिसे हम boot process कहते है। डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम वाले कंप्यूटर को run करने के निम्नलिखित 5 steps होते हैं:-
1- सबसे पहले ROM bootstrap loader के द्वारा बूट रिकॉर्ड को read किया जाता है।
2- इसके बाद बूट रिकॉर्ड DOS को मेमोरी में लोड करता है, और मशीन को कण्ट्रोल करता है।
3- उसके बाद magnetic disk में मौजूद डेटा को RAM (Random Access Memory) में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
4- इसके बाद कंप्यूटर programs को चलाने के लिए programing interface प्रदान करता है.
5- उसके बाद ऑपरेटिंग सिस्टम फाइलों को manage करता है।
DOS ऑपरेटिंग सिस्टम की लिस्ट
1981 से 1998 तक निम्नलिखित DOS बनाये गये.
- IBM PC-DOS – 1981
- DR-DOS – 1988
- ROM-DOS – 1989
- PTS-DOS – 1993
- FREE-DOS – 1998
इसकी फुल-फॉर्म डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम है.
यह एक कमांड पर आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम है जो कि यूजर और computer के बीच interface की तरह काम करता है.
Reference:- https://www.educba.com/what-is-dos/
निवेदन:- अगर आपके लिए what is DOS in Hindi (disk operating system) का यह आर्टिकल उपयोगी रहा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य share कीजिये. और आपके जो भी questions हो उन्हें नीचे comment करके बताइए. धन्यवाद.
disc operating system kya hai