हेल्लो दोस्तों! आज हम इस आर्टिकल में (Third Generation of Computer in Hindi – कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी) के बारें में पढेंगे. इसे बहुत ही आसान भाषा में लिखा गया है. इसे आप पूरा पढ़िए, यह आपको आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-
टॉपिक
- 1 Third Generation of Computer in Hindi – कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी
- 2 Features of Third Generation of Computer in Hindi – तीसरी पीढ़ी कंप्यूटर की विशेषताएँ
- 3 Advantages of Third Generation Computer in Hindi – तीसरी पीढ़ी कंप्यूटर के फायदे
- 4 Disadvantages of Third Generation Computer in Hindi – तीसरी पीढ़ी कंप्यूटर के नुकसान
- 5 Difference between Second & Third Generation of Computer – दूसरी और तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में अंतर्
Third Generation of Computer in Hindi – कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी
कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी की शुरुआत वर्ष 1964 में हुई थी और इसका अंत वर्ष 1971 में हुआ था। तीसरी पीढ़ी आने तक कंप्यूटर के छेत्र में काफी ज्यादा विकास हो चूका था।
इस पीढ़ी में कंप्यूटर और भी ज्यादा advance और modern हो गए थे। तीसरी पीढ़ी में computer के अंदर ट्रांजिस्टर की जगह IC (इंटीग्रेटेड सर्किट) का इस्तेमाल किया जाता था।
इस चिप का निर्माण वर्ष 1958 में Jack Kilby और Robert Noyce के द्वारा किया गया था। IC एक तरह की चिप होती है जिसमे हजारो की संख्या में ट्रांजिस्टर होते है।
यह चिप silicon से बनी हुई होती है। इसलिए इसको सिलिकॉन चिप भी कहा जाता है। इस पीढ़ी के कंप्यूटर पहली और दूसरी पीढ़ी की तुलना में काफी ज्यादा reliable (विश्वसनीय) थे।
इस पीढ़ी के कंप्यूटर की काम करने की स्पीड भी काफी तेज थी। Integrated Chip (IC) आने के कारण इस पीढ़ी के कंप्यूटर का साइज काफी छोटा हो गया था।तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर की मेमोरी स्पेस ज्यादा हुआ करती थी।
इस पीढ़ी के कंप्यूटर को मेन्टेन करना आसान होता था और यह कम मात्रा में बिजली खर्च करते थे। इस पीढ़ी के कंप्यूटर मॉडर्न और एडवांस हुआ करते थे इसलिए यह ज्यादा महंगे भी थे।
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में पंच कार्ड के स्थान पर माउस और कीबोर्ड का इस्तेमाल किया जाता था। इस पीढ़ी में time sharing और multi programming ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता था।
इस पीढ़ी में हाई लेवल लैंग्वेज (Cobol और Pascal) का इस्तेमाल किया जाता था। तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर को माइक्रो कंप्यूटर के नाम से भी जाना जाता था। इस पीढ़ी में IBM 370, PDP-11 जैसे कंप्यूटर शामिल थे।
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण
- IBM 370
- PDP-11
- UNIVAC 1108
- Honeywell-6000
- DEC series
- ICL 2900
Features of Third Generation of Computer in Hindi – तीसरी पीढ़ी कंप्यूटर की विशेषताएँ
1- इस पीढ़ी के कंप्यूटर को रखने के लिए ज्यादा स्पेस की ज़रूरत नहीं पड़ती थी क्योकि इनका आकार काफी छोटा हुआ करता था।
2- इस पीढ़ी के कंप्यूटर में basic , pascal , algol-68, cobol जैसी प्रोग्रामिंग भाषाओ का इस्तेमाल किया जाता था।
3- इस पीढ़ी के कंप्यूटर में पंच कार्ड की आवश्यकता नहीं पड़ती थी क्योकि इसकी जगह माउस और कीबोर्ड का उपयोग किया जाता था।
4- तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में IC (integrated chip) का इस्तेमाल किया जाता था।
5- इस पीढ़ी के कंप्यूटर में स्टोरेज ज्यादा हुआ करती थी।
Advantages of Third Generation Computer in Hindi – तीसरी पीढ़ी कंप्यूटर के फायदे
1- तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर का आकार पिछली दोनों पीढ़ियों के कंप्यूटर के मुकाबले काफी छोटा था।
2- इस पीढ़ी के कंप्यूटर काम करते समय बहुत कम मात्रा में बिजली खर्च करते थे।
3- इस पीढ़ी के कंप्यूटर काम करते समय जल्दी गर्म नहीं हुआ करते थे।
4- इसमें डेटा को कैलकुलेट करने की स्पीड काफी तेज थी।
5- इस कंप्यूटर को मेन्टेन करके रखना काफी आसान था।
6- इस पीढ़ी के कंप्यूटर ज्यादा मात्रा में डेटा को स्टोर करते थे क्योकि इसकी स्टोरेज छमता ज्यादा थी।
7- इस पीढ़ी के कंप्यूटर हाई लेवल भाषाओ को सपोर्ट करते थे।
8- इन कंप्यूटर में प्रोग्रामिंग करना आसान था।
Disadvantages of Third Generation Computer in Hindi – तीसरी पीढ़ी कंप्यूटर के नुकसान
1- तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर कम गर्मी पैदा करते थे लेकिन इसके बावजूद इनको ठंडा रखने के लिए AC की ज़रूरत पड़ती थी।
2- IC चिप को बनाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था।
3- इस पीढ़ी के कंप्यूटर काफी महंगे हुआ करते थे।
4- उस समय में IC चिप को repair करना काफी मुश्किल हुआ करता था।
5- IC चिप के साथ काम करने के लिए स्पेशल वर्कर की ज़रूरत पड़ती थी।
6- IC चिप को बनाने के लिए बहुत महगी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता था जिसके कारण यह कंप्यूटर और भी ज्यादा महंगे हुआ करते थे।
Difference between Second & Third Generation of Computer – दूसरी और तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में अंतर्
Second Generation of Computer | Third Generation of Computer |
दूसरी पीढ़ी की शुरुआत 1956 में हुई थी और इसका अंत 1963 में हुआ। | तीसरी पीढ़ी की शुरुआत 1964 में हुई थी और इसका अंत 1971 में हुआ। |
इस पीढ़ी के कंप्यूटर में transistor का इस्तेमाल किया जाता था। | इस पीढ़ी के कंप्यूटर में IC (integrated chip) का इस्तेमाल किया जाता था। |
इस पीढ़ी के कंप्यूटर का आकार बड़ा हुआ करता था। | इस पीढ़ी के कंप्यूटर का पहली और दूसरी दोनों पीढ़ियों की तुलना में छोटा हुआ करता था। |
यह कम विश्वशनीय (reliable) थे। | यह ज्यादा विश्वशनीय (reliable) थे। |
इनकी काम करने की स्पीड कम थी। | इनकी काम करने की स्पीड पहली और दूसरी पीढ़ी की तुलना में ज्यादा हुआ करती थी। |
इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में batch processing और multi-programming ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता था। | इस पीढ़ी में time sharing और multi programming ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता था। |
इस पीढ़ी में असेंबली लैंग्वेज और हाई-लेवल लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जाता था। | इस पीढ़ी के कंप्यूटर में Cobol और Pascal जैसी भाषाओ का इस्तेमाल किया जाता था। |
इस पीढ़ी के कंप्यूटर काम करते वक़्त जल्दी गर्म हो जाया करते थे। | इस पीढ़ी के कंप्यूटर देर में गर्म हुआ करते थे। |
इन कंप्यूटर की स्टोरेज कम थी। | इनकी स्टोरेज काफी ज्यादा हुआ करती थी। |
यह ज्यादा मात्रा में बिजली का इस्तेमाल करते थे। | यह कम मात्रा में बिजली का इस्तेमाल करते थे। |
Exam में पूछे जाने वाले प्रश्न
इस पीढ़ी में IC (इंटीग्रेटेड चिप) का इस्तेमाल किया जाता था।
इस पीढ़ी के कंप्यूटर में Cobol और Pascal जैसी भाषाओ का इस्तेमाल किया जाता था।
Reference:– https://www.geeksforgeeks.org/third-generation-of-computers/
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