Three Tier Architecture in Hindi – थ्री टियर आर्किटेक्चर क्या है?

हेल्लो दोस्तों! आज हम इस आर्टिकल में (Three Tier Architecture in Hindi – थ्री टियर आर्किटेक्चर क्या है?) के बारें में पढेंगे. इसे बहुत ही आसान भाषा में लिखा गया है. इसे आप पूरा पढ़िए, यह आपको आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-

Three Tier Architecture in Hindi – थ्री टियर आर्किटेक्चर क्या है?

  • Three Tier Architecture एक क्लाइंट-सर्वर आर्किटेक्चर होता है जिसमें तीन tier होते है. पहला Presentation tier, दूसरा Application tier और तीसरा Database tier.
  • दूसरे शब्दों में कहें तो, “थ्री टियर आर्किटेक्चर एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन आर्किटेक्चर होता है जिसे तीन tier में व्यवस्थित (organize) किया जाता है.”
  • इस आर्किटेक्चर में तीन प्रकार के टियर शामिल होते है इसलिए इसे three-tier architecture के नाम से जाना जाता है। इसमें एक प्रेजेंटेशन टियर, एक एप्लिकेशन टियर और एक डेटाबेस टियर शामिल होता है।
  • इस आर्किटेक्चर का मुख्य फायदा यह है कि प्रत्येक टियर को विकसित करने के लिए अलग अलग development team की ज़रूरत नहीं पड़ती। जब भी किसी टियर को विकसित किया जाता है तो यह दुसरे टियर को प्रभवित नहीं करता।

नीचे आपको Three Tier Architecture का चित्र दिया गया है:-

three tier architecture in hindi

1- Presentation Tier (प्रेजेंटेशन टियर)

Presentation tier को client tier भी कहते हैं. प्रेजेंटेशन टियर किसी एप्लीकेशन का यूजर इंटरफ़ेस होता है जहा पर end user एप्लीकेशन के साथ interact करता है।

इस टियर का मुख्य उदेश्य यूजर को जानकारी डिस्प्ले करना और उस जानकारी को collect करना होता है।

प्रेजेंटेशन टियर को HTML, CSS और जावास्क्रिप्ट की मदद से develop किया जाता है। यह टियर अन्य टियर के साथ संचार (communication) भी करता है।

2- Application Tier (एप्लीकेशन टियर)

Application tier को लॉजिकल टियर या मिडिल टियर के नाम से भी जाना जाता है। इस टियर में, प्रेजेंटेशन टियर के द्वारा collect की गई जानकारी को process किया जाता है।

एप्लीकेशन टियर डेटाबेस टियर में डेटा को modify या edit कर सकता है। इस टियर को Python, Java, Perl, PHP और Ruby की मदद से विकसित किया जाता है।

यह टियर API का उपयोग करके डेटाबेस टियर के साथ संचार (communication) करता है।

3- Database tier (डेटाबेस टियर)

Database tier को डेटा टियर, डेटा एक्सेस टियर या बैक-एंड के नाम से भी जाना जाता है। इस टियर में data को स्टोर किया जाता है.

इस टियर में एप्लीकेशन टियर द्वारा process की गई जानकारी को स्टोर और मैनेज किया जाता है। इस टियर को cloud में होस्ट किया जाता है।

इस टियर में data को मैनेज करने के लिए लोकप्रिय डेटाबेस सिस्टम जैसे (MySQL, PostgreSQL, Microsoft SQL Server और MongoDB) का इस्तेमाल किया जाता हैं।

Advantages of Three Tier Architecture in Hindi – थ्री टियर आर्किटेक्चर के फायदे

इसके फायदे नीचे दिए जा रहे हैं:-

1- इसमें प्रत्येक टियर को एक ही टीम के द्वारा develop (विकसित) किया जा सकता है।

2- इसमें किसी भी टियर को expand किया जा सकता है।

3- थ्री टियर आर्किटेक्चर में किसी भी टियर को अपडेट किया जा सकता है और इसका प्रभाव दुसरे टियर पर नहीं पड़ेगा।

4- इस आर्किटेक्चर की performance बहुत ही अच्छी होती है.

5- इसे मेन्टेन करना आसान है।

6- इसकी security (सुरक्षा) बहुत ही अच्छी होती है क्योंकि इसमें कोई unauthorized user डेटाबेस को एक्सेस नहीं कर सकता.

7- इसमें data integrity बेहतर होती है.

8- इसको हम दुबारा से इस्तेमाल भी कर सकते हैं.

Disadvantages of Three-tier architecture in Hindi – थ्री टियर आर्किटेक्चर के नुकसान

इसके नुकसान निम्नलिखित हैं:-

1- यह 2 tier architecture की तुलना में बहुत ही जटिल (complex) होता है.

2- इसमें database connection को maintain करके रखना मुश्किल होता है.

3- इसमें अलग से proxy server की आवश्यकता पडती है.

4- इसमें नेटवर्क ट्रैफिक बढ़ जाता है.

Exam में पूछे जाने वाले प्रश्न

थ्री टियर आर्किटेक्चर क्या है?

थ्री टियर आर्किटेक्चर एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन आर्किटेक्चर होता है जिसे तीन tier में व्यवस्थित किया जाता है.”

थ्री टियर आर्किटेक्चर में कितने टियर होते है?

इसमें तीन प्रकार के टियर होते है :- पहला Presentation tier, दूसरा Application tier और तीसरा Database tier.

Reference:https://www.ibm.com/in-en/cloud/learn/three-tier-architecture

निवेदन:- अगर आपके लिए (Three Tier Architecture in Hindi – थ्री टियर आर्किटेक्चर क्या है?) का यह पोस्ट उपयोगी रहा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य share कीजिये. और आपके जो भी questions हो उन्हें नीचे comment करके बताइए. धन्यवाद.

Leave a Comment