RPC in Hindi – RPC क्या है?

हेल्लो दोस्तों! आज हम इस आर्टिकल में (RPC in Hindi – RPC क्या है?) के बारें में पढेंगे. इसे बहुत ही आसान भाषा में लिखा गया है. इसे आप पूरा पढ़िए, यह आपको आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-

RPC in Hindi – RPC क्या है?

  • RPC का पूरा नाम remote procedure call होता है। यह एक कम्यूनिकेशन तकनीक है जिसका इस्तेमाल client-server पर आधारित एप्लीकेशन के लिए किया जाता है।
  • दूसरे शब्दों में कहें तो, “RPC एक ऐसी तकनीक है जिसका इस्तेमाल प्रोग्राम के द्वारा सर्विस की request करने के लिए किया जाता है।”
  • यह एक संचार तकनीक है जिसका इस्तेमाल क्लाइंट-सर्वर आधारित एप्लीकेशन को बनाने के लिए किया जाता है।
  • RPC को subroutine call या function call भी कहा जाता है।”
  • इसमें क्लाइंट के पास मैसेज रिक्वेस्ट होता है जिसे यह तकनीक कन्वर्ट करके सर्वर के पास भेज देती है। इसके बाद सर्वर रिक्वेस्ट को प्राप्त करता है और क्लाइंट को रिस्पांस देता है। इस तकनीक का उपयोग करके कंप्यूटर प्रोग्राम एक रिमोट सिस्टम पर subroutine को कॉल और execute कर सकता है।
  • इस तकनीक में क्लाइंट के ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा सर्वर को सन्देश भेजा जाता है। RPC एक प्रकार का प्रोटोकॉल भी है जिसका इस्तेमाल पॉइंट-टू-पॉइंट कम्युनिकेशन के लिए किया जाता है। इस प्रोटोकॉल में क्लाइंट और सर्वर प्रक्रिया के दौरान communicate कर सकते है।
  • RPC तकनीक को पहली बार 1976 में nelson के द्वारा develop किया गया था और इसका इस्तेमाल उस समय बिज़नेस और शिक्षा के छेत्र में किया जाता था।
  • यह एक authentication प्रक्रिया प्रदान करती है जिसके कारण सर्वर और क्लाइंट एक दुसरे की पहचान (identify) करते है। यह विभिन्न प्रकार के authentication को सपोर्ट करती है जैसे UNIX और DES (डेटा एन्क्रिप्शन स्टैंडर्ड) .
RPC in hindi

Features of RPC in Hindi – RPC की विशेषताएं

1- RPC में कई प्रकार की कॉल्स का इस्तेमाल किया जाता है जैसे :- बैचिंग कॉल, ब्रॉडकास्टिंग कॉल्स, कॉलबैक प्रोसीजर आदि।

2- इसमें बैचिंग कॉल क्लाइंट को सर्वर पर संदेश भेजने की परमिशन देती है।

3- इस तकनीक में TCP/IP प्रोटोकॉल का उपयोग RPC प्रोग्राम के लिए किया जाता है।

4- इसमें ब्राडकास्टिंग कॉल, क्लाइंट को नेटवर्क पर डेटा पैकेट भेजने की परमिशन देता है।

5- यह तकनीक IPC का एक हिस्सा है जिसमे एक ही होस्ट मशीन पर अलग-अलग वर्चुअल एड्रेस स्पेस होता है।

Application of RPC in Hindi – RPC के उपयोग

इसका इस्तेमाल निम्नलिखित जगहों पर किया जाता है।

1- शुरुआती समय में RPC का इस्तेमाल रिमोट और डेटाबेस को एक्सेस करने के लिए किया जाता था।

2- इसका इस्तेमाल सॉफ्टवेयर को स्थापित (establish) करने के लिए किया जाता है।

3- इस तकनीक का इस्तेमाल कई जगहों पर किया जाता है जैसे :- रिमोट मॉनिटरिंग प्रोग्राम कंट्रोल, रिमोट फास्टबस एक्सेस, रिमोट एरर लॉगिंग।

4- इसका इस्तेमाल पॉइंट-टू-पॉइंट कम्युनिकेशन के लिए किया जाता है।

5- यह तकनीक क्लाइंट-सर्वर आधारित एप्लीकेशन को विकसित (develop) करने में मदद करती है।

Advantages of RPC in Hindi – RPC के फायदे

1- RPC तकनीक प्रोग्राम की performance को बेहतर बनाती है।

2- इसमें डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम को विकसित (develop) करना आसान है।

3- इस तकनीक में कोड बहुत कम मात्रा में लिखना पड़ता है।

4- इसका उपयोग distributed environment के साथ साथ local environment में भी किया जा सकता है।

5- यह बिज़नेस लॉजिक को सुरक्षा प्रदान करती है।

Disadvantages of RPC in Hindi – RPC के नुकसान

1- RPC हार्डवेयर आर्किटेक्चर के लिए लचीला (flexible) नहीं है।

2- यह तकनीक महंगी होती है।

3- इस तकनीक को केवल TCP/IP प्रोटोकॉल सपोर्ट करते है दूसरे नहीं।

4- यह एक standard तकनीक नहीं है।

Exam में पूछे जाने वाले प्रश्न

RPC क्या है?

RPC एक ऐसी तकनीक है जिसका इस्तेमाल प्रोग्राम के द्वारा सर्विस की request करने के लिए किया जाता है.

RPC का नुकसान क्या है?

यह एक standard तकनीक नहीं है.

Reference:https://www.geeksforgeeks.org/remote-procedure-call-rpc-in-operating-system/

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