Encryption Techniques in Hindi – एन्क्रिप्शन तकनीक क्या है?

हेल्लो दोस्तों! आज हम इस आर्टिकल में (Encryption Techniques in Hindi – एन्क्रिप्शन तकनीक क्या है?) के बारें में पढेंगे. इसे बहुत ही आसान भाषा में लिखा गया है. इसे आप पूरा पढ़िए, यह आपको आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-

Encryption Techniques in Hindi

Encryption एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें डेटा या सूचना को secret code (गुप्त कोड) में बदल दिया जाता है जिससे कि कोई भी हैकर यूजर के डेटा को पढ़ ना सके।

इसमें जो data होता है उसे हम plain text कहते है और जो encrypt किया गया data होता है उसे cipher text कहते हैं।
इस प्रक्रिया का मुख्य उदेश्य इंटरनेट में send और receive किये गए डेटा को सुरक्षा प्रदान करना है। यह स्टोर किये गए डेटा को भी सुरक्षा प्रदान करती है।

Encrypt किए गए डेटा को decrypt करने के लिए हमे क्रिप्टोग्राफ़ी कुंजी (key) की आवश्यकता पड़ती है।

Encryption techniques को encryption methods भी कहते है। हमारे पास मुख्य रूप से पांच प्रकार की एन्क्रिप्शन विधि या टेक्निक्स है जिन्हें हम नीचे विस्तार से समझेंगे।

इसे भी पढ़े –

Types of Encryption Techniques in Hindi – एनक्रिप्शन तकनीकों के प्रकार

इसकी पांच प्रकार की तकनीक होती है जिन्हे निचे समझाया गया है:-

encryption techniques in Hindi
  1. DES
  2. 3DES
  3. AES
  4. RSA
  5. ECC

1- DES in Hindi

DES का पूरा नाम Data Encryption Standard होता है। यह एक प्रकार की encryption तकनीक है जिसका इस्तेमाल डेटा को encrypt करने के लिए किया जाता है।

DES एक symmetric-key encryption तकनीक है जिसमें डेटा को encrypt तथा decrypt करने के लिए एक ही key का प्रयोग किया जाता है अर्थात Sender तथा receiver दोनों के पास एकसमान private key होती है।

DES एक ऐसी विधि (method) है जिसका उपयोग पुराने समय में सरकारी एजेंसियों के द्वारा sensitive (संवेदनशील) डेटा को सुरक्षित करने के लिए किया जाता है।

इस विधि को 1970 के शुरुआत में IBM (इंटरनेशनल बिज़नेस मशीन कारपोरेशन) टीम के द्वारा बनाया गया था और इसे NIST (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैंडर्ड एंड टेक्नोलॉजी) के द्वारा अपनाया गया था।

DES में, 64-bit data को encrypt करने के लिए 56-bit key का प्रयोग किया जाता है।

DES का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के embedded system जैसे (स्मार्ट कार्ड , सिम कार्ड) में किया जाता था। DES का प्रयोग अब नही किया जाता है क्योंकि अब यह विधि पुरानी हो गयी है अब इसके स्थान पर AES (Advanced Encryption Standard) का इस्तेमाल किया जाता है।

des in hndi
DES का चित्र

Advantages of DES in Hindi – DES के फायदे

1- DES हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों में ही तेज गति से काम करता है।

2- यह पूरी तरह से सुरक्षित है।

3- इसे हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में आसानी से implement (लागू) किया जा सकता है।

यह खुद के स्ट्रक्चर को प्रस्तुत कर सकता है।

Disadvantages of DES in Hindi – DES के नुकसान

1- इसमें 56 bit साइज की key का इस्तेमाल किया जाता है जो कि इसका सबसे बड़ा नुकसान है।

2- यह AES की तुलना में कम सुरक्षित है।

3- यह AES की तुलना में धीमी गति से काम करता है।

4- इसे ब्रूस फाॅर्स अटैक की मदद से तोडा जा सकता है जिससे यह कम सुरक्षित हो जाता है।

2- 3DES (Triple DES) in Hindi

3 DES भी एक एनक्रिप्शन तकनीक है जिसमें डेटा को encrypt करने के लिए तीन बार DES Cipher का इस्तेमाल किया जाता है।

Triple DES में डेटा को encrypt करने के लिए 168 बिट key का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए यह DES की तुलना में अधिक सुरक्षित होती है।

यह एक symmetric-key तकनीक है जो फिस्टल नेटवर्क (Fistel Network) पर आधारित है।

इस encryption तकनीक का इस्तेमाल माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस, फ़ायरफ़ॉक्स और EMV पेमेंट सिस्टम में किया जाता है। यह डेटा को encrypt और decrypt करने के लिए एक ही कुंजी (key) का उपयोग करता है।

यह DES की तुलना में अधिक सुरक्षित है और इसे implement करना भी काफी आसान है। इसमें डेटा को अधिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए कुंजी (key) का आकार बढ़ाया जा सकता है।

Advantages of 3DES in Hindi – 3DES के फायदे

1- इसे हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में implement करना आसान है।

2- यह DES की तुलना में अधिक सुरक्षित है।

3- इसमें सुरक्षा को बढ़ाने के लिए कुंजी (key) का साइज़ बढ़ाया जा सकता है।

4- यह विश्वशनीय (reliable) है।

Disadvantages of 3DES in Hindi – 3DES के नुकसान

1- यह काफी धीमी गति से कार्य करता है।

2- इसे एक ही डेटा पर तीन बार apply किया जाता है इसलिए समय ज्यादा लगता है।

3- 3DES की परफॉर्मेंस AES की तुलना में कम अच्छी है।

3- AES in Hindi

AES का पूरा नाम Advanced Encryption Standard होता है। यह एक ऐसी तकनीक है जिसका इस्तेमाल इंटरनेट में डेटा को encrypt के लिए सबसे ज्यादा किया जाता है।

AES एक symmetric block cipher तकनीक है जिसका इस्तेमाल DES और 3DES की जगह पर किया जाता है क्योंकि यह DES और 3DES से ज्यादा सुरक्षित है।

AES का इस्तेमाल वायरलेस कम्युनिकेशन, पैसों के लेन देन, और ऑनलाइन बिजनेस करने के लिए किया जाता है।

AES एक प्रकार का एल्गोरिथ्म भी है जिसे हम Rijndael algorithm कहते है। यह एल्गोरिथ्म plain text को cipher text में कन्वर्ट करता है।

AES में तीन Block ciphers होते हैं-

  1. AES 128 – यह डेटा को encrypt और decrypt करने के लिए 128 बिट key का इस्तेमाल करता है।
  2. AES 192 – यह डेटा को encrypt और decrypt करने के लिए 192 बिट key का इस्तेमाल करता है।
  3. AES 256 – यह डेटा को encrypt और decrypt करने के लिए 256 बिट key का इस्तेमाल करता है।

AES का निर्माण अमेरिका की सरकार के द्वारा अपने data को protect करने के लिए किया गया था। AES जो है वह DES की तुलना में तेज गति से कार्य करता है।

Advantages of AES in Hindi – AES के फायदे

1- AES को हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों में implement किया जा सकता है।

2- यह काफी सुरक्षित है।

3- यह विश्वसनीय (reliable) है।

4- इसमें डेटा की चोरी करना काफी मुश्किल है।

5- इस तकनीक में कोई भी हैकर पर्सनल इनफार्मेशन को नहीं चुरा सकता।

6- यह 3DES की तुलना में तेज गति से कार्य करता है।

Disadvantages of AES in Hindi

1- इसे सॉफ्टवेयर के साथ implement करना थोड़ा मुश्किल होता है।

2- इसकी performance अच्छी नहीं है।

3- AES को अगर सही ढंग से implement नही किया गया तो इसमें हैकर अटैक करके डेटा को चुरा सकता है।

4- RSA in Hindi

RSA का पूरा नाम Rivest Shamir Adleman है। यह एक asymmetric encryption तकनीक है जिसमें डेटा को encrypt और decrypt करने के लिए दो अलग-अलग keys का इस्तेमाल किया जाता है।

इसमें दो keys होती है, पहली public key दूसरी private key . इसमें public key का इस्तेमाल डेटा को encrypt करने और private key का इस्तेमाल डेटा decrypt करने के लिए किया जाता है।

इस एल्गोरिथ्म को एनक्रिप्शन का सबसे सुरक्षित तरीका माना जाता है। इस एल्गोरिथ्म का आविष्कार 1978 में तीन लोगो के द्वारा किया गया था जिनका नाम Rivest, Shamir और Adleman था। इसलिए इस एल्गोरिथ्म का नाम RSA रख दिया गया।

Advantages of RSA in HindiRSA के फायदे

1- RSA को implement करना काफी आसान है।

2- यह एक सुरक्षित algorithm है।

3- इसे crack करना काफी मुश्किल है।

4- इसमें public key को शेयर करना आसान है।

Disadvantages of RSA in HindiRSA के नुकसान

1- इसमें डेटा धीमी गति से ट्रांसफर होता है।

2- कभी कभी public key को verify करने के लिए थर्ड पार्टी की आवश्यकता पड़ती है।

5- ECC in Hindi

इसका पूरा नाम Elliptic curve cryptography है। यह एक ऐसी तकनीक है जिसका इस्तेमाल RSA के स्थान पर किया जा सकता है क्योकि यह RSA एल्गोरिथ्म का एक विकल्प (alternative) है।

इस तकनीक को implement करने के लिए public key cryptography का उपयोग किया जाता है। यह एक सुरक्षित तकनीक है जिसे crack करना काफी मुश्किल होता है।

इस तकनीक का उपयोग वेबसाइट में डिजिटल डेटा को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है। यह तकनीक हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल (HTTP) कनेक्शन को सुरक्षा प्रदान करती है। दिन प्रति दिन ECC की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। इसका अविष्कार 1985 में Victor Miller और Neil Koblitz के द्वारा किया गया था।

ecc in hind

Advantages of ECC in Hindi – ECC के फायदे

1- यह RSA की तुलना में अधिक सुरक्षित है।

2- यह एक सरल तकनीक है।

3- यह बहुत कम मात्रा में कंप्यूटिंग एनर्जी का उपयोग करती है।

Disadvantages of ECC – ECC के नुकसान

1- इसे implement करना मुश्किल है।

2- यह तकनीक महंगी होती है।

Exam में पूछे जाने वाले प्रश्न

Encryption Techniques क्या है?

यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें डेटा या सूचना को secret code (गुप्त कोड) में बदल दिया जाता है जिससे कि कोई भी हैकर यूजर के डेटा को पढ़ ना सके.

एन्क्रिप्शन टेक्नीक के कितने प्रकार होते है?

इसके पांच प्रकार होते है.

Reference:https://www.simplilearn.com/data-encryption-methods-article

निवेदन:- अगर आपके लिए (Encryption Techniques in Hindi – एन्क्रिप्शन तकनीक क्या है?) का यह पोस्ट उपयोगी रहा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य share कीजिये. और आपके जो भी questions हो उन्हें नीचे comment करके बताइए. धन्यवाद.

1 thought on “Encryption Techniques in Hindi – एन्क्रिप्शन तकनीक क्या है?”

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