हेल्लो दोस्तों! आज हम इस आर्टिकल में (Fixed Point Representation in Hindi – फिक्स्ड पॉइंट रिप्रेजेंटेशन क्या है?) के बारें में पढेंगे. इसे बहुत ही आसान भाषा में लिखा गया है. इसे आप पूरा पढ़िए, यह आपको आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-
टॉपिक
Fixed Point Representation in Hindi – फिक्स्ड पॉइंट रिप्रेजेंटेशन क्या है?
Fixed Point Representation एक ऐसी विधि (method) है जिसके माध्यम से numbers को परिभाषित किया जाता है।
फिक्स्ड नंबर रिप्रजेंटेशन अधिक महत्वपूर्ण होता है क्योकि इसका उपयोग करके डेटा को बाइनरी डेटा में कन्वर्ट किया जाता है ताकि कंप्यूटर डेटा को स्टोर और प्रोसेस कर सके। फिक्स्ड पॉइंट रिप्रजेंटेशन मेमोरी में स्टोर होता है इसलिए यह fractional number को दर्शाता (represent) है।
Fixed point representation of data in Hindi
इसके रिप्रजेंटेशन:-
Sign bit
Sign bit का इस्तेमाल बाइनरी में फिक्स्ड पॉइंट नंबर में किया जाता है। एक सकारात्मक संख्या (positive number) में साइन बिट 0 होता है और एक नकारात्मक संख्या (negative number) में 1 होता है।
Integral Part
यह एक प्रकार का हिस्सा होता है जिसकी लम्बाई अलग-अलग जगहों पर अलग होती है। यानी अलग स्थान पर अलग लम्बाई। इंटीग्रल पार्ट का आकार रजिस्टर पर निर्भर होता है। उदहारण के लिए 8-बिट रजिस्टर में यह 4 bits का होता है।
Fractional part
यह भी एक प्रकार का हिस्सा है जिसकी लम्बाई अलग अलग होती है। fractional part का आकार रजिस्टर के आकार पर निर्भर होता है। उदहारण के लिए 8-बिट रजिस्टर में इंटीग्रल पार्ट 3 बिट्स का होगा।
Advantages of Fixed Point Representation in Hindi
1- रजिस्टर में integer को रिप्रेजेंट करने के लिए यह एक अच्छी विधि है।
2- फिक्स्ड पॉइंट रिप्रजेंटेशन को represent करना आसान है।
3- यह एप्लीकेशन को विकसित (develop) करते समय यूजर को बेहतर अनुभव (experience) प्रदान करता है।
Disadvantages of Fixed Point Representation in Hindi
1- इसमें fractional number को रिप्रेजेंट करना मुश्किल होता है।
2- इसमें कभी कभी यूजर को संख्या को रिप्रेजेंट करते वक़्त confusion का सामना करना पड़ता है।
इसे भी पढ़े –
Difference Between Fixed Point & Floating Point Representation in Hindi
Fixed Point Representation | Floating Point Representation |
इसका उपयोग values को सिमित सीमा (limited range) में रिप्रेजेंट करने के लिए किया जाता है। | इसका उपयोग values को wider range में रिप्रेजेंट करने के लिए किया जाता है। |
फ्लोटिंग पॉइंट की तुलना में इसकी performance अच्छी है। | इसकी performance कम अच्छी है। |
यह अधिक लचीला (flexible) है। | यह कम लचीला (flexible) है। |
Exam में पूछे जाने वाले प्रश्न
यह एक ऐसी विधि (method) है जिसके माध्यम से numbers को परिभाषित किया जाता है।
फिक्स्ड पॉइंट रिप्रजेंटेशन को represent करना आसान है।
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