हेल्लो दोस्तों! आज हम इस आर्टिकल में (Projector in Hindi – प्रोजेक्टर क्या है?) के बारें में पढेंगे. इसे बहुत ही आसान भाषा में लिखा गया है. इसे आप पूरा पढ़िए, यह आपको आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-
टॉपिक
Projector in Hindi – प्रोजेक्टर क्या है?
- प्रोजेक्टर एक आउटपुट डिवाइस होता है जो वीडियो और चित्रों को एक बड़ी स्क्रीन, दीवार या सतह पर दिखाता है।
- दूसरे शब्दों में कहें तो, “प्रोजेक्टर एक ऑप्टिकल डिवाइस होता है जो वीडियो और इमेज को स्क्रीन या दीवार पर प्रोजेक्ट करता है।”
- प्रोजेक्टर कंप्यूटर में मौजूद वीडियो और चित्रों को किसी सतह पर प्रोजेक्ट तो करता ही है इसके साथ-साथ यह इनके आकार (size) को भी बड़ा करता है।
- आसान शब्दो में कहे तो “प्रोजेक्टर एक ऐसा डिवाइस है जिसके माध्यम से हम वीडियो और इमेज को बहुत बड़े साइज में देख सकते है।”
- प्रोजेक्टर का इस्तेमाल बहुत सी जगहों पर किया जाता है जैसे कॉलेज या स्कूल में छात्रों को पढ़ाने के लिए, कंपनी में कुछ चीजों को प्रस्तुत करने के लिए आदि।
- प्रोजेक्टर का उपयोग बड़ी संख्या में लोगो को चित्र और वीडियो दिखाने के लिए किया जाता है। प्रोजेक्टर चित्र और वीडियो को दिवार या सफ़ेद स्क्रीन पर डिस्प्ले करता है क्योकि सफ़ेद स्क्रीन में लोगो को चित्र और वीडियो आसानी से दिख जाती है।
- प्रोजेक्टर विभिन्न प्रकार के आकार में आते है जिनका उपयोग कक्षा, होम सिनेमा, कार्यालय प्रशिक्षण (office training) या प्रस्तुति सत्र (presentation sessions) में किया जाता है।
- प्रोजेक्टर का आकार लगभग एक फुट होता है। यह पोर्टेबल होते है जिन्हे कही पर भी आसानी से ले जाया जा सकता है। प्रोजेक्टर वायर्ड और वायरलेस दोनों तरीको से कंप्यूटर के साथ कनेक्ट हो सकते है।
- हालांकि ज्यादातर प्रोजेक्टर वायर्ड यानी USB केबल में माध्यम से कंप्यूटर के साथ कनेक्ट होते है।
- पुराने प्रोजेक्टर को कंप्यूटर के साथ जोड़ने के लिए VGA पोर्ट का उपयोग किया जाता था और नए प्रोजेक्टर में HDMI पोर्ट का उपयोग किया जाता है।
- प्रोजेक्टर के बहुत से प्रकार होते है जैसे :- LCD प्रोजेक्टर , LED प्रोजेक्टर आदि।
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Types of Projector in Hindi – प्रोजेक्टर के प्रकार
इसके बहुत सारें प्रकार होते हैं जिनके बारें में नीचे विस्तार से दिया गया है-
- CRT Projector
- LCD Projector
- DLP Projector
- 4K Projector
- Nebula Projector
- Light Projector
1- CRT Projector (सीआरटी प्रोजेक्टर)
CRT का पूरा नाम cathode ray tube (कैथोड रे ट्यूब) होता है। यह एक प्रकार का प्रोजेक्टर है जो चित्रों और वीडियो को किसी सतह या स्क्रीन पर दिखाने के लिए कैथोड रे ट्यूब का इस्तेमाल करता है।
दुसरे शब्दो में कहे तो “यह एक आउटपुट डिवाइस है जो कैथोड रे ट्यूब के माध्यम से चित्रों और वीडियो को डिस्प्ले करता है।”
इस प्रोजेक्टर में एक lense होता है जो चित्र और वीडियो को बड़ा दिखाता है। CRT प्रोजेक्टर वर्ष 1950 में बजार में आये थे और उस समय यह काफी लोकप्रिय थे।
आधुनिक CRT प्रोजेक्टर में तीन प्रकार के कलर (लाल, हरा और नीला) होते है जो यूजर को रंगीन चित्र दिखाते है।
आज के समय में CRT प्रोजेक्टर का उपयोग बहुत कम मात्रा में किया जाता है उसका कारण यह है की यह प्रोजेक्टर बहुत अधिक मात्रा में बिजली की खपत (consume) करते है।
यह प्रोजेक्टर काफी भारी होते है और इनका आकार भी काफी बड़ा होता है। यह प्रोजेक्टर portable नहीं होते है जिन्हे कहि पर ले जाना मुश्किल होता है।
शुरुआती समय में इन प्रोजेक्टर को स्थापित (establish) करने में यूजर को बहुत सी प्रकार की समस्याओ का सामना करना पड़ता था। लेकिन आज ऐसा नहीं है।
2- LCD Projector
LCD का पूरा नाम Liquid Crystal Display (लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले) है। यह एक ऐसा प्रोजेक्टर है जो LCD तकनीक पर आधारित होता है।
इस प्रोजेक्टर का उपयोग ज्यादातर बिज़नेस सेमिनार और और मीटिंग्स में किया जाता है। यह प्रोजेक्टर वीडियो , छवियों और डेटा को दिवार या सफ़ेद स्क्रीन पर डिस्प्ले करने के लिए लिक्विड क्रिस्टल (liquid crystals) का उपयोग करता है।
यह एक लोकप्रिय प्रोजेक्टर है जो दुसरे प्रोजेक्टर की तुलना में सस्ते होते है। इस प्रोजेक्टर का उपयोग कई जगहों पर किया जाता है जैसे :- सेल फोन, पोर्टेबल वीडियो गेम, लैपटॉप, कंप्यूटर और टीवी आदि।
CRT तकनीक की तुलना में LCD तकनीक में डिस्प्ले काफी पतला होता है। CRT प्रोजेक्टर की तरह ही यह प्रोजेक्टर भी रंगीन छवियों और वीडियो को डिस्प्ले कर सकता है।
इस प्रोजेक्टर को slide और overhead प्रोजेक्टर के नाम से भी जाना जाता है। इस प्रोजेक्टर को नियमित रूप से maintain करना पड़ता है और समय समय पर इसे filter भी करना पड़ता है।
3- DLP Projector
इसका पूरा नाम Digital Line Processing (डिजिटल लाइन प्रोसेसिंग) होता है। यह एक प्रकार का प्रोजेक्टर है जो वीडियो और चित्रों को डिस्प्ले करने के लिए micro-mirrors उपयोग करता है।
दुसरे शब्दो में कहे तो DLP प्रोजेक्टर एक ऐसा प्रोजेक्टर है जिसका उपयोग orgainzation और कक्षाओं में किया जाता है।
इस प्रोजेक्टर का उपयोग टीवी में बैक प्रोजेक्शन के लिए भी किया जा सकता है।
4- 4K projector
4K projector काफी लोकप्रिय होते है जिनका इस्तेमाल बहुत से लोगो के द्वारा किया जाता है। इस प्रोजेक्टर की मांग बजार में सबसे अधिक होती है।
यह प्रोजेक्टर वायर्ड और वायरलेस दोनों तरीको के साथ कंप्यूटर से जुड़ सकते है। इन्हे कंप्यूटर के साथ जोड़ने के लिए Bluetooth, Wi-Fi, और USB जैसे तकनीक का उपयोग किया जाता है।
यह प्रोजेक्टर DLP तकनीक पर आधारित होते है जिनका वजन लगभग 865 ग्राम के आस पास होता है। यह प्रोजेक्टर काफी हल्के होते है जिन्हे कहि पर आसानी से ले जाया जा सकता है।
5 – Nebula Projector
यह एक छोटा प्रोजेक्टर है जिसे mini projector भी कहते है। इस प्रोजेक्टर का इस्तेमाल मुख्य रूप से वीडियो और चित्रों को डिस्प्ले करने के लिए किया जाता है।
यह प्रोजेक्टर वायरलेस होते है जिन्हे कंप्यूटर के साथ कनेक्ट करने के लिए वायरलेस तकनीक का उपयोग किया जाता है। यह प्रोजेक्टर HD quality में चित्रों को डिस्प्ले करने की छमता रखते है।
6- Light Projector
लाइट प्रोजेक्टर वह प्रोजेक्टर होते है जिनका उपयोग वीडियो और छवियों को डिस्प्ले करने के लिए नहीं किया जाता। बल्कि इनका इस्तेमाल घरो की सजावट के लिए किया जाता है।
लाइट प्रोजेक्टर में विभिन प्रकार की रौशनी होती है जो घर को अच्छा दिखाने में मदद करती है। पुराने समय के लाइट प्रोजेक्टर में speaker और voice control की सुविधा नहीं होती थी। लेकिन वर्तमान के लाइट प्रोजेक्टर में speaker और voice control की सुविधा उपलब्ध है।
Advantages of Projector in Hindi – प्रोजेक्टर के फायदे
इसके बहुत से फायदे होते है:-
1- स्क्रीन की साइज को छोटा बड़ा करना
टीवी की तुलना में प्रोजेक्टर काफी अच्छे होते है जिनका उपयोग हम किसी भी सतह पर कर सकते है। प्रोजेक्टर में हम स्क्रीन या दिवार पर अपनी इच्छा अनुसार चीज़ो को बड़ा और छोटा कर सकते है। टीवी और कंप्यूटर स्क्रीन में यह feature नहीं देखने को मिलता।
2- आंखों के लिए आराम दायक
कंप्यूटर और टीवी की तुलना में प्रोजेक्टर आँखों को ज्यादा आराम प्रदान करते है क्योकि हम दूर से भी चीज़ो को आसानी से देख सकते है। लेकिन टीवी या कंप्यूटर स्क्रीन में ऐसा नहीं होता वहा पर हमे वीडियो या चित्र देखने के लिए उसके पास बैठना पड़ता है जिसके कारण हमारी आंखे भी खराब हो सकती है।
3- Portability (पोर्टेबल)
कुछ प्रोजेक्टर portable होते है जिनका आकार काफी छोटा और वजन काफी हल्का होता है। इन प्रोजेक्टर को यूजर कहीं पर भी आसानी से ले जा सकता है।
4- Cost (कीमत)
जिन प्रोजेक्टर का उपयोग घरो में मनोरंजन के लिए किया जाता है वह काफी सस्ते होते है जिसके कारण यूजर आसानी से उन्हें खरीद लेता है। दुसरे प्रोजेक्टर भी इतने महंगे नहीं होते उनकी कीमत उनकी quality पर निर्भर करती है।
5- Easy To Use (इस्तेमाल करने में आसान)
प्रोजेक्टर का उपयोग करना काफी आसान होता है। इनका उपयोग करने के लिए यूजर को ज्यादा तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता नहीं पड़ती।
Disadvantages of projector in Hindi – प्रोजेक्टर के नुकसान
इसके नुकसान:-
1- Dark Room (अधेरा कमरा)
प्रोजेक्टर का उपयोग करने के लिए अंधेरे कमरे की आवश्यकता पड़ती है। यह ज्यादा रौशनी वाली जगह के लिए अच्छे नहीं होते। यदि यूजर इनका इस्तेमाल ज्यादा रौशनी वाली जगह पर करता है तो उसे चित्र धुंधले दिखाई पड़ सकते है।
2- Maintenance (मेंटेनेंस)
टीवी की तुलना में प्रोजेक्टर को ज्यादा मेन्टेन करके रखना पड़ता है ताकि वह अच्छे से काम कर सके।
3- Separate Speakers (अलग से स्पीकर)
एक वीडियो प्रोजेक्टर में बहुत कम आवाज होती है जिसके कारण अलग से speaker का उपयोग करना पड़ता है। यदि आप फिल्मे या कोई वीडियो देखना चाहते है तो आपको बाहर से दूसरा स्पीकर कनेक्ट करना पड़ेगा।
4- Complex Installation (इंस्टॉल करने की दिक्कत)
प्रोजेक्टर को स्थापित (establish) करने की प्रक्रिया थोड़ी जटील (complex) हो सकती है जिसमे यूजर को कई समस्याओ का सामना करना पड़ सकता है।
Exam में पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रोजेक्टर एक आउटपुट डिवाइस होता है जो वीडियो और चित्रों को एक बड़ी स्क्रीन, दीवार या सतह पर दिखाता है।
टीवी की तुलना में प्रोजेक्टर काफी अच्छे होते है जिनका उपयोग हम किसी भी सतह पर कर सकते है।
Reference:– https://www.javatpoint.com/what-is-a-projector
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