Sensor Network in Hindi – सेंसर नेटवर्क क्या है?

हेल्लो दोस्तों! आज हम इस आर्टिकल में (Sensor Network in Hindi – सेंसर नेटवर्क क्या है?) के बारें में पढेंगे. इसे बहुत ही आसान भाषा में लिखा गया है. इसे आप पूरा पढ़िए, यह आपको आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-

Sensor Network in Hindi – सेंसर नेटवर्क क्या है?

Sensor Network बहुत सारें sensors का एक समूह होता है जिसमें प्रत्येक सेंसर अलग-अलग लोकेशन में डेटा को मॉनिटर करता है और ये sensors डेटा को सेंट्रल लोकेशन में भेजते है ताकि डेटा को स्टोर और एनालाइज किया जा सके।

दूसरे शब्दों में कहें तो, “सेंसर नेटवर्क बहुत से सेंसर का एक समूह (group) होता है जहां पर प्रत्येक सेंसर अलग अलग स्थान पर डेटा की निगरानी करता है और उस डेटा को स्टोर करने, विश्लेषण (analyze) करने के लिए central location (केंद्रीय स्थान) पर भेजता है।”

Sensor Network विशेष प्रकार के ट्रांसड्यूसर (transducer) का एक समूह है जो अलग अलग स्थानों पर स्थितियों की निगरानी रखता है और वहां के डेटा को रिकॉर्ड करता है।

सेंसर नेटवर्क का इस्तेमाल घर की निगरानी रखने, शहरो की निगरानी रखने और भूकपं का पता लगाने के लिए किया जाता है।

यह नेटवर्क वातावरण में हो रही गतिविधियों का पता लगाता है और निगरानी रखता है। सेंसर नेटवर्क वायर्ड या वायरलेस दोनों तकनीक में उपलब्ध है।

इस नेटवर्क का उपयोग बहुत सी जगहों पर किया जाता है जैसे :- हवा की दिशा और गति का पता लगाने के लिए, ध्वनि का पता लगाने के लिए, रौशनी का पता लगाने के लिए, तापमान का पता लगाने के लिए और दबाव (pressure) का पता लगाने के लिए किया जाता है।

एक सेंसर नेटवर्क में कई प्रकार के डिटेक्शन स्टेशन होते हैं जिन्हे हम सेंसर नोड्स कहते है। यही सेंसर नोड्स चीज़ो को डिटेक्ट या पता लगाने में मदद करते है।

इसमें जितने भी सेंसर नोड्स होते है उन सभी में ट्रांसड्यूसर, माइक्रो कंप्यूटर, ट्रांसीवर और पावर सोर्स होता है। इसमें transducer का कार्य घटनाओ के आधार पर विद्युत संकेतो (electrical signals) को उतपन्न (produce) करना होता है।

सेंसर नेटवर्क के दो प्रकार होते है पहला वायरलेस सेंसर नेटवर्क और दूसरा वायर्ड सेंसर नेटवर्क। इसके दोनों प्रकार के बारे में निचे बताया गया है।

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इसे भी पढ़े –

Types of Sensor Network in Hindi – सेंसर नेटवर्क के प्रकार

इसके दो प्रकार होते हैं –

  1. Wired Sensor Network (वायर्ड सेंसर नेटवर्क)
  2. Wireless Sensor Network (वायरलेस सेंसर नेटवर्क)
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Wired Sensor Network (वायर्ड सेंसर नेटवर्क)

वायर्ड सेंसर नेटवर्क एक ऐसा नेटवर्क है जिसमें सेंसर को जोड़ने के लिए तार (wire) या ईथरनेट केबल (Ethernet cable) का उपयोग किया जाता है। इसे शार्ट फॉर्म में WSNs कहते है।

वायर्ड सेंसर नेटवर्क को मेन्टेन और बनाये रखना काफी आसान होता है। इसे deploy करना भी काफी आसान होता है जिसमे यूजर को किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता।

Wireless Sensor Network (वायरलेस सेंसर नेटवर्क)

वायरलेस सेंसर नेटवर्क में सेंसर को जोड़ने के लिए वायरलेस तकनीक जैसे कि – Bluetooth, वाईफाई (WiFi) या NFC (नियर फील्ड कम्युनिकेशन) का उपयोग किया जाता है। इसमें सेंसर को जोड़ने के लिए किसी प्रकार की केबल या वायर की आवश्यकता नहीं पड़ती।

वायर्ड सेंसर नेटवर्क की तुलना में इसकी रेंज अधिक होती है। इसे भी शार्ट फॉर्म में WSNs कहते है जिसे मेन्टेन करना काफी आसान होता है। वायरलेस सेंसर नेटवर्क अधिक लचीला (flexible) होता है जिसे बनाये रखने में यूजर को ज्यादा समस्याओ का सामना नहीं करना पड़ता।

इसका उपयोग पर्यावरण की स्थिति पर निगरानी रखने और उसे रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है।

Applications of Sensor Network in Hindi – सेंसर नेटवर्क के अनुप्रयोग

1- सेंसर नेटवर्क का इस्तेमाल वातावरण की गतिविधियों (activity) पर निगरानी रखने के लिए किया जाता है।

2- इसका इस्तेमाल क्षेत्र की निगरानी करने के लिए किया जाता है। जैसे कोई घटना या चोरी आदि।

3- इसका इस्तेमाल चिकित्सा (medical) के क्षेत्र में मानव शरीर की बीमारी का पता लगाने, उनके अंगो की जांच करने और शरीर के तापमान का पता लगाने के लिए किया जाता है।

4- इसका उपयोग अलग अलग प्रजातियों (species) और आवासों (habitats) की निगरानी करने के लिए किया जाता है।

5- इसका उपयोग बहुत से कार्यो में किया जाता है जैसे :- भूकंप का पता लगाने, हवा की दिशा और गति का पता लगाने, तापमान का पता लगाने और humidity (आद्रता) का पता लगाने के लिए किया जाता है।

6- आज के समय में नेटवर्क सेंसर का उपयोग जंगलो में किया जाता है। यह जगंलो में लगने वाली आग का पता लगाने में सक्षम होता है।

7- यह landslide (भूस्खलन) का पता लगाने में मदद करता है।

8- इसका इस्तेमाल जल की गुणवत्ता (water quality) का पता लगाने और झील, समुद्र और नदी में मौजूद जल का विश्लेषण (analyze) करने के लिए किया जाता है।

9- इसका उपयोग करके Natural disaster (प्राकृतिक आपदा) जैसे बाढ़, भूकंप आदि का पता लगाया जा सकता है।

10- इसका उपयोग कंपनियों में मशीन की खामियों का पता लगाने के लिए किया जाता है।

11- यह बर्बाद हो रहे जल (wasted water) का पता लगाने में सक्ष्म है।

12- इसका उपयोग डेटा को एकत्रित करने के लिए भी किया जाता है।

13- नेटवर्क सेंसर का इस्तेमाल दुश्मनो पर निगरानी और उनकी गतिविधियों का पता लगाने के लिए किया जाता है।

14- इसका उपयोग चोरो पर नजर रखने के लिए किया जाता है ताकि चोरी का खतरा कम हो सके।

Advantages of Sensor Network in Hindi – सेंसर नेटवर्क के फायदे

1- यह नेटवर्क लचीले (flexible) होते है।

2- यह नेटवर्क वायर्ड और वायरलेस दोनों में उपलब्ध है।

3- वायरलेस सेंसर नेटवर्क scalable है जिन्हे आसानी से expand किया जा सकता है।

4- इन नेटवर्क का उपयोग करके हम अपने आपको सुरक्षित रख सकते है। क्योकि यह चोरो पर निगरानी रखने में हमारी मदद करते है।

5- यह हमे प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करते है।

Disadvantages of Sensor Network in Hindi – सेंसर नेटवर्क के नुकसान

1- वायर्ड सेंसर नेटवर्क कम लचीले होते है।

2- वायरलेस सेंसर नेटवर्क अधिक महंगे होते है।

3- इसमें सेंसर नोड्स होते है जिन्हे बैटरी की आवश्यकता पड़ती है।

4- सभी सेंसर नोड्स सस्ते नहीं होते। कुछ काफी ज्यादा महंगे होते है।

Exam में पूछे जाने वाले प्रश्न

सेंसर नेटवर्क क्या है?

सेंसर नेटवर्क बहुत से सेंसर का एक समूह (group) होता है जहां पर प्रत्येक सेंसर अलग अलग स्थान पर डेटा की निगरानी करता है

सेंसर नेटवर्क का उपयोग क्या है?

इसका उपयोग कंपनियों में मशीन की खामियों का पता लगाने के लिए किया जाता है।

Reference:https://study.com/academy/lesson/sensor-networks-definition-operation-relationship.html

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