हेल्लो दोस्तों! आज हम इस पोस्ट में What is MICR in Hindi (MICR क्या है?) के बारें में पढेंगे. इसे बहुत ही आसान भाषा में लिखा गया है. इसे आप पूरा पढ़िए, यह आपको आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-
टॉपिक
MICR in Hindi – MICR क्या है?
- MICR का पूरा नाम Magnetic Ink Character Recognition (मैग्नेटिक इंक करैक्टर रिकग्निशन) होता है। यह एक प्रकार की तकनीक है जिसका इस्तेमाल कागजी दस्तावेजों (documents) को जांचने के लिए किया जाता है।
- दुसरे शब्दो में कहे तो “यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसके माध्यम से दस्तावेज़ की प्रामाणिकता (authenticity) और व्यक्तित्व (personality) की पहचान करने के लिए किया जाता है।
- MICR का प्रयोग बैंकों में चेक और डिमांड ड्राफ्ट की सत्यता की जांच करने के लिए किया जाता है.
- MICR को हिंदी में “चुम्बकीय स्याही चरित्र पहचान” कहते हैं. यह एक इनपुट डिवाइस है.
- MICR एक विधि (method) जिसका इस्तेमाल बैंको और संगठनों (organizations) के चेक की जानकारी निकालने के लिए किया जाता है।
- यदि आपने कभी चेक का उपयोग किया है तो आपने उसमे देखा होगा कि चेक के नीचे 9 नंबर लिखे होते है। इनको हम MICR नंबर कहते है। इन्ही नंबर में चेक की पूरी जानकारी छिपी होती है जिसके MICR तकनीक के माध्यम से निकाला जाता है। इसमें कोई भी alphabet नहीं होता, सभी नंबर होते है।
- MICR में जो नंबर लिखे होते है उन्हें तीन तीन भागो में बाटा गया है। जो पहले तीन नंबर होते है वह city का नाम बताएंगे। इसके बाद अगले तीन नंबर बैंक का नाम बताएंगे की कोनसा बैंक है और आखरी वाले नंबर बैंक के ब्राँच के बारे में बताएंगे की बैंक की कोनसी ब्रांच है।
- यह तकनीक सुरक्षा को बढ़ाती है। जब कोई व्यक्ति किसी बैंक में चेक लेकर जाते है तो इस तकनीक के माध्यम से उस चेक की जानकारी निकाल ली जाती है ताकि वह व्यक्ति बैंक के साथ कोई फ्रॉड ना कर पाए।
- चेक में जो MICR नंबर होता है उसे एक विशेष प्रकार की स्याही (ink) का उपयोग करके प्रिंट किया जाता है। यह तकनीक बैंको और organization में होने वाले अपराधों और फ्रॉड को काफी हद तक कम करती है।
- इस तकनीक का आविष्कार 1950 के दशक में हुआ था। इसका उपयोग विश्व स्तर (globally) पर किया जाता है।
- यह तकनीक magnetic information को अक्षरों (characters) में कन्वर्ट करने में मदद करती है। जब यह नंबर को अक्षरों में बदल देती है तो बैंक के कर्मचारी उसे आसानी से पढ़ सकते है।
Features of MICR in Hindi – MICR की विशेषताएं
1- यह तकनीक MICR कोड को डिटेक्ट करती है।
2- यदि MICR कोड गलत होता है तो चेक गलत माना जायेगा।
3- जिस स्याही के माध्यम से MICR कोड को लिखा जाता है वह काफी महंगी होती है।
4- इसमें उपयोग की जाने वाली स्याही की quality काफी अच्छी होती है।
5- इस तकनीक का उपयोग विश्व स्तर (globally)पर किया जाता है।
6- यह बैंको में होने वाले फ्रॉड को कम करती है।
Applications of MICR in Hindi – MICR के अनुप्रयोग
1- MICR तकनीक का उपयोग बैंको में चेक को स्कैन करने और उसमे मौजूद जानकारी का पता लगाने के लिए किया जाता है।
2- इसका उपयोग कागजी दस्तावेजों को verify करने के लिए किया जाता है, की वह सही दस्तावेज है या नहीं।
3- इसका उपयोग क्रेडिट और डेबिट कार्ड छपे अक्षरों को पहचानने के लिए किया जाता है।
4- इसका उपयोग stamp paper , air ticket और कूपन में मौजूद संख्याओं की पहचान करने के लिए किया जाता है।
5- इसका उपयोग फ्रॉड और स्कैम का पता लगाने के लिए किया जाता है।
Advantages of MICR in Hindi – MICR के फायदे
1- इस तकनीक की सटीकता (accuracy) अधिक होती है।
2- यह एक तेज तकनीक है जो तेज गति से दस्तावेजों को स्कैन करती है।
3- यह OCR (ऑप्टिकल करैक्टर रिकग्निशन) की तुलना में अधिक सुरक्षा प्रदान करती है।
4- इसमें कोई मैन्युअल इनपुट नहीं होता जिसके कारण त्रुटियाँ (error) होने के चांस बहुत कम होते है।
5- यह तकनीक बैंको और संगठनों में होने वाले फ्रॉड को काफी हद तक कम कर देती है।
Disadvantages of MICR in Hindi – MICR के नुकसान
1- यह केवल 10 अंको को ही स्कैन कर पाती है।
2- यह एक महंगी तकनीक है।
3- जिस स्याही के माध्यम से MICR कोड को लिखा जाता है वह काफी महगी होती है।
4- इसमें डेटा एंट्री करने में काफी खर्चा आता है।
5- इसका उपयोग Alphanumeric characters में नहीं किया जा सकता।
MICR कैसे काम करता है? – How MICR Work in Hindi?
जब कोई कस्टमर बैंक में चेक लेकर जाता है तो बैंक उस चेक की सत्यता की जांच MICR की तकनीक के द्वारा करता है. इसमें सबसे पहले चेक Magnetic field (चुम्बकीय क्षेत्र) से होकर गुजरता है और चेक में छपे अक्षर MICR में लगे head के द्वारा पहचान लिए जाते हैं.
इस प्रक्रिया में चेक में छपी हुई जानकारी की तुलना बैंक में पहले से मौजूद जानकारी के साथ की जाती है. अगर जानकारी सही होती है तो चेक को स्वीकार कर लिया जाता है, अगर जानकारी गलत होती है तो चेक को निरस्त कर दिया जाता है.
MICR की यह प्रक्रिया बहुत ही तेज होती है यह हजारों चेकों को बहुत कम समय में स्कैन कर लेती है.
इसका इस्तेमाल बैंकों में चेक की सत्यता (authenticity) को जांचने के लिए किया जाता है.
इसका अविष्कार American Bankers Association (ABA) के द्वारा 1950 के दशक में किया गया था.
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