ऑफसेट प्रिंटिंग क्या है? – OffSet Printing in Hindi

हेल्लो दोस्तों! आज हम इस पोस्ट में What is OffSet Printing in Hindi (ऑफसेट प्रिंटिंग क्या है?) के बारें में पढेंगे. इसे बहुत ही आसान भाषा में लिखा गया है. इसे आप पूरा पढ़िए, यह आपको आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-

OffSet Printing in Hindi – ऑफसेट प्रिंटिंग क्या है?

  • OffSet Printing एक प्रकार की प्रिंटिंग तकनीक है जिसका इस्तेमाल चित्रों को रबर या कंबल (blankets) में प्रिंट करने के लिए किया जाता है।

  • दुसरे शब्दो में कहे तो “ऑफसेट एक ऐसी प्रिंटिंग है जिसमे चीज़ो को प्रिंट करने के लिए एल्यूमीनियम (aluminum) से बनी प्लेटों का उपयोग किया जाता है।“

  • आसान शब्दो में कहे तो “ऑफसेट प्रिंटिंग एक ऐसी विधि (method) है जिसका इस्तेमाल चित्रों या छवियों को कागज , धातु , लकड़ी , कपडे और चमड़े (leather) के उपर प्रिंट करने के लिए किया जाता है।“

  • इस प्रिंटिंग में स्याही वाली छवियों को एक प्लेट से रबड़ के कंबल में और फिर प्रिंटिंग सतह (printing surface) पर प्रिंट किया जाता है।

  • इस प्रिंटिंग को offset lithography, या litho-offset भी कहते हैं.

  • इस प्रिंटिंग का उपयोग ज्यादातर commercial (व्यावसायिक) प्रिंटिंग के लिए किया जाता है।

  • ऑफसेट प्रिंटिंग करने के लिए ऑफसेट प्रेस (Offset Press) को स्थापित (establish) करना पड़ता है। एक बार ऑफसेट प्रेस स्थापित हो जाने के बाद यह कुशल (efficiently) तरीके से और बड़ी मात्रा में चीज़ो को प्रिंट कर सकता है।

  • यह तकनीक उच्च गुणवत्ता (high quality) वाली चित्रों और डिज़ाइनों को प्रिंट कर सकती है। इस प्रिंटिंग का उपयोग बड़ी मात्रा में चीज़ो को प्रिंट करने के लिए किया जाता है जैसे :- समाचार पत्र, ब्रोशर, स्टेशनरी, पत्रिकाएं आदि।

  • इसका उपयोग करके हम boxes और magazine को भी प्रिंट कर सकते है। इसके अलावा ऑफसेट प्रिंटिंग का इस्तेमाल किताबे , पोस्टर , पेपर आधारित लेबल और पैकेजिंग को प्रिंट करने के लिए किया जाता है।

  • ऑफसेट प्रिंटिंग दुनिया में सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली प्रिंटिंग प्रक्रिया है। यह व्यवसायों और संगठनों (organizations) के लिए एक लोकप्रिय प्रिंटिंग विधि है क्योकि यह कम खर्चे में चीज़ो को प्रिंट करने में सक्षम है।

  • इसमें चीज़ो को प्रिंट करने के लिए विभिन्न प्रकार के कागज और स्याही का उपयोग किया जाता है जिसके कारण यह उच्च गुणवत्ता (high quality) वाली चीज़ो को प्रिंट करने में सक्षम है।

  • ऑफसेट प्रिंटिंग के दो प्रकार होते है पहला “शीट-फेड ऑफ़सेट प्रिंटिंग” और दूसरा “वेब ऑफ़सेट प्रिंटिंग”।

इसे पढ़ें:- प्रिंटर के प्रकार क्या हैं?

Types of Offset Printing in Hindi – ऑफसेट प्रिंटिंग के प्रकार

1- Sheet-fed offset printing

शीट-फेड ऑफ़सेट प्रिंटिंग में, कागज के अलग-अलग पेज मशीन में लगाए जाते है। इसके बाद प्रिंटिंग की जाती है। इस प्रिंटिंग में कागज को काटा जा सकता है , उसका आकार बदला जा सकता है और प्रिंटिंग के बाद trim किया जा सकता है।

इस प्रिंटिंग का उपयोग ज्यादातर छोटी और medium size वाली पुस्तकों को प्रिंट करने के लिए किया जाता है। इसमें चीज़ो को प्रिंट करने के बड़ी और उच्च गति (high speed) वाली मशीनों का उपयोग किया जाता है।

2- Web offset printing

वेब ऑफसेट प्रिंटिंग का इस्तेमाल उन सामग्री को प्रिंट करने के लिए किया जाता है जो नियमित रूप से बदलती रहती है। उदहारण के लिए महानगरीय समाचार पत्र (metropolitan newspapers) .

इस प्रिंटिंग में प्रिंटिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद पेजो को रोल फीड से अलग किया जाता है और उनके काटा जाता है। वेब ऑफसेट प्रिंटिंग का उपयोग बड़े पैमाने (Large scale) में पुस्तकों, पत्रिकाओं, समाचार पत्रों, कैटलॉग और ब्रोशर को प्रिंट करने के लिए किया जाता है।

Advantages of Offset Printing in Hindi – ऑफसेट प्रिंटिंग के फायदे

1- Speed (गति)

ऑफसेट प्रिंटिंग में चीज़ो को प्रिंट करने के लिए बड़े रोल का उपयोग का उपयोग किया जाता है जो एक घंटे में हजारो कागज को प्रिंट कर सकते है। यह काफी तेज गति से चीज़ो को प्रिंट करते है।

2- Cost Effective (पैसे की बचत)

इस प्रिंटिंग में कागज पर चित्रों को प्रिंट करने में कम खर्चा आता है जिसके कारण यह व्यवसाय और organization के लिए प्रिंटिंग का एक लोकप्रिय विकल्प है।

3- Flexibility (लचीला)

यह प्रिंटिंग अधिक लचीली (flexible) है जिसमे प्रिंटिंग के बाद कागज को काटा ,और  मोड़ा जा सकता है।

4- High Quality (उच्च गुणवत्ता)

यह प्रिंटिंग उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री (material) को प्रिंट करने में सक्षम है जिसके कारण यूजर को एक अच्छा आउटपुट प्राप्त होता है।

5- Large Scale Printing (बड़े पैमाने में प्रिंटिंग)

इसमें बड़े पैमाने और अधिक मात्रा में चीज़ो को प्रिंट किया जा सकता है।

6- Pantone Color Matching

यदि आपको केवल ब्लैक एंड वाइट कलर की प्रिंटिंग करनी है तो ऑफसेट प्रिंटिंग आपके लिए एक अच्छा विकल्प है। क्योकि इसमें ब्लैक एंड वाइट प्रिंटिंग काफी सस्ती होती है।

Disadvantages of Offset Printing in Hindi – ऑफसेट प्रिंटिंग के नुकसान

1- Time (समय)

ऑफसेट प्रिंटिंग को स्थापित करते वक़्त काफी ज्यादा समय लगता है। क्योकि इसमें प्लेट बनाने अधिक समय लगता है।

2- Large Scale

इस प्रिंटिंग का उपयोग ज्यादतर उस वक़्त किया जाता है जब बड़े पैमाने में चीज़ो को प्रिंट करना होता है।

3- Complex Installation

इसे इनस्टॉल करना काफी जटील (complex) होता है।

4- Need Power

इसमें चीज़ो प्रिंट करने के लिए power (बिजली) की आवश्यकता पड़ती है।

OffSet Printing क्या है?

ऑफसेट प्रिंटिंग एक ऐसी प्रिंटिंग हैं जो साधारणत: छोटे एंव मध्‍यम कार्यों में प्रयोग की जाती हैं, जैसे Newspaper, Books, Magazine, bill book, form इत्‍यादि। इस प्रिंटिंग की गति तेज होती हैं इससे एक साथ 1000 से 10,000 प्रतियां छापी जाती हैं।

ऑफसेट प्रिंटिंग के कितने प्रकार होते हैं?

इसके दो प्रकार होते हैं – पहला sheet fed और दूसरा web.

Reference:- https://www.techopedia.com/definition/486/offset-printing

offset-printing-in-Hindi

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