वेब डिजाइनिंग क्या है? – What is Web Designing in Hindi?

हेल्लो दोस्तों! आज हम इस पोस्ट में What is Web Designing in Hindi (वेब डिजाइनिंग क्या है?) के बारें में पढेंगे. इसे बहुत ही आसान भाषा में लिखा गया है. इसे आप पूरा पढ़िए, यह आपको आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-

Web Designing in Hindi – वेब डिजाइनिंग क्या है?

  • वेब डिजाइनिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका इस्तेमाल वेबसाइट को बनाने के लिए किया जाता है। इसको वेबसाइट डिजाइनिंग के नाम से भी जाना जाता है।

  • दुसरे शब्दों में कहे तो “वेब डिजाइनिंग एक योजना है जिसमें वेबसाइट को बनाने की पूरी प्लानिंग की जाती है, जैसे – वेबसाइट कैसी दिखेगी, कैसे इस्तेमाल की जायेगी, और वेबसाइट में कौन-कौन से colors (रंग) प्रयोग किये जायेंगे आदि।”

  • वेब डिजाइनिंग की प्रक्रिया को वेब डिज़ाइनर के द्वारा पूरा किया जाता है।

  • वेब डिजाइनिंग का इस्तेमाल करके वेबसाइट का बहुत ही सुन्दर और आकर्षक लेआउट एवं डिज़ाइन तैयार किया जाता है।

  • वेब डिजाइनिंग का उपयोग करके वेब डिज़ाइनर अपनी इच्छा के अनुसार वेबसाइट को डिज़ाइन कर सकता है। यदि वेबसाइट का लेआउट और उसकी डिजाइनिंग अच्छा होगा तो यूजर को एक अच्छा अनुभव प्राप्त होगा।

  • एक वेब डिज़ाइनर HTML, CSS और जावास्क्रिप्ट जैसी प्रोग्रामिंग भाषाओं का उपयोग करके वेबसाइट को विकसित करता है। इनके अलावा कई और भाषा है जिनका उपयोग वेबसाइट बनाने के लिए किया जाता है।

  • वेब डिज़ाइनर टेक्स्ट, फोटो, ग्राफिक्स, एनिमेशन और वीडियो जैसे कई elements को आपस में मिलाकर वेबसाइट और वेब पेज बनाते है।

  • वेबसाइट के ग्राफ़िक्स को डिज़ाइन करने के लिए वेब डिज़ाइनर फोटोशॉप, Canva और GIMP जैसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करता है।

इसे पढ़ें:-

Elements of Web Designing in Hindi – वेब डिजाइनिंग के तत्व

Web Designing के निम्नलिखित तत्व है जिनके बारे में नीचे बताया गया है:-

1- Layout (लेआउट)

लेआउट वेबसाइट का मुख्य तत्व है जो यूजर को यह बताता है की वेबसाइट कैसी दिखाई दे रही है। लेआउट को वेबसाइट का ढांचा (structure) भी कहा जाता है। एक वेब डिज़ाइनर वेबसाइट बनाने से पहले उसके layout को डिज़ाइन करता है।

लेआउट हमे यह बताता है कि वेबसाइट में मौजूद सामग्री कहा पर है या फिर है कौन-सी सामग्री कहा पर स्थित है। वेबसाइट का लेआउट डिज़ाइन करते वक़्त प्रोग्रामर इस बात का ध्यान रखता है की लेआउट मोबाइल और डेस्कटॉप फ्रेंडली दोनों हो। 

2- Image (इमेज)

वेबसाइट में चित्र और ग्राफ़िक्स का इस्तेमाल जानकारी प्रदान करने के लिए किया जाता है। वेबसाइट में चित्र और ग्राफ़िक्स वेबसाइट की शोभा बढ़ाते है और वेबसाइट को सुंदर बनाते हैं। एक वेब डिज़ाइनर ग्राफ़िक्स का इस्तेमाल वेबसाइट की सुंदरता को बढ़ाने के लिए करता है ताकि यूजर उस वेबसाइट में ज्यादा समय तक रुके।

3- Content (कंटेंट)

Content वेब डिजाइनिंग का एक महत्वपूर्ण तत्व है जिसमे वेबसाइट की सारी जानकारी मौजूद होती है। कंटेंट की मदद से ही यूजर जानकारी प्राप्त करता है। कंटेंट डेटा का एक भंडार होता है जो यूजर को जानकारी प्रदान करता है।

4- Navigation (नेविगेशन)

नेविगेशन एक menu होता है जो किसी यूजर को इस बात की जानकरी देता है कि कौन-सी केटेगरी में किसी प्रकार की जानकारी मौजूद है। यह वेबसाइट के हेडर और फुटर में मौजूद होता है जहां से यूजर वेबसाइट के किसी भी पेज पर जा सकता है। 

5- Readability (रीडेबिलिटी)

Readability यह तय करती है की वेबसाइट में मौजूद कंटेंट कितना सरल है। यदि वेबसाइट का कंटेंट सरल है और यूजर उस कंटेंट को आसानी से पढ़ रहा है तो उस वेबसाइट की readability अच्छी होगी। इसमें कंटेंट की हैडिंग शामिल होती हैं, जैसे H1, H2 …. H6 आदि।

6- Font (फॉन्ट)

फॉन्ट टेक्स्ट का डिज़ाइन होता है जो वेबसाइट में लिखे हुए टेक्स्ट को सुन्दर और अट्रैक्टिव बनाता है। यदि वेब डिज़ाइनर वेबसाइट बनाते वक़्त अच्छे font का इस्तेमाल करता है तो वेबसाइट और भी ज्यादा सुन्दर दिखने लगती है। फॉन्ट अलग अलग प्रकार के होते है और सही जगह सही फॉन्ट का उपयोग करना जरुरी होता है।

7- Color (रंग)

एक वेबसाइट में बहुत सारें रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। रंग वेबसाइट की सुंदरता में चार चाँद लगाने का काम करता है। एक वेब डिज़ाइनर को यह पता होता है की यूजर किन रंगो की तरफ आकर्षित हो सकता है।

8- Speed (गति)

यह वेबसाइट डिजाइनिंग का एक जरुरी एलिमेंट है जो वेबसाइट की लोडिंग टाइम तय करता है। यदि वेबसाइट का लोडिंग टाइम बहुत ज्यादा है अर्थात् यदि वेबसाइट को open होने में बहुत अधिक समय लग रहा है तो यूजर उस वेबसाइट में बहुत अधिक समय तक नहीं रुकेगा। वेबसाइट की ग्रोथ के लिए वेबसाइट की स्पीड अच्छी होनी चाहिए। 

वेब डिजाइनिंग के प्लेटफार्म Types of Web Designing Platforms in Hindi    

वेब डिजाइनिंग के बहुत सारें प्लेटफार्म होते हैं जहाँ आप वेबसाइट को डिज़ाइन कर सकते हैं:-

1- WordPress (वर्डप्रेस)

यह वेबसाइट डिज़ाइन करने का एक लोकप्रिय प्लेटफार्म है जिसका इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है। वर्डप्रेस में यूजर को वेबसाइट डिज़ाइन करने के लिए free (मुफ़्त) में theme मिल जाती है।

वर्डप्रेस में SEO (सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन) फ्रेंडली theme मिल जाती है जो वेबसाइट की रैंकिंग को बढ़ाने में मदद करती है। इसके अलावा वर्डप्रेस में फ्री plugins मिल जाते है जिसका उपयोग करके यूजर अपने सभी कार्यो को आसानी से कर सकता है।

2- Wix (विक्स)

Wix वेबसाइट बनाने का एक ऐसा लोकप्रिय प्लेटफार्म है जिसका इस्तेमाल ज्यादातर उन लोगो के द्वारा किया जाता है जो वेबसाइट बनाने के लिए कोडिंग का इस्तेमाल नहीं करते। इस प्लेटफार्म का उपयोग करके हम अपनी इच्छा अनुसार वेबसाइट बना सकते है। इस प्लेटफार्म का उपयोग करना काफी आसान होता है।

3- Shopify (शॉपिफाई)

आज के समय में shopify की मांग अधिक है। इस प्लेटफार्म का इस्तेमाल ज्यादातर डिजिटल स्टोर बनाने के लिए किया जाता है। यह ऑनलाइन बिज़नेस के लिए एक लोकप्रिय प्लेटफार्म है जिसका इस्तेमाल लोग ऑनलाइन समान बेचने और खरीदने के लिए किया जाता है।

4- Blogger (ब्लॉगर)

Blogger का इस्तेमाल करके हम आसानी से किसी भी वेबसाइट को मुफ्त में बना सकते हैं. इसमें वेबसाइट बनाने के लिए 100 से अधिक template मौजूद है जिनका उपयोग करके हम अपनी इच्छा अनुसार वेबसाइट डिज़ाइन कर सकते हैं।

वेब डिजाइनिंग के उपयोग Applications of Web Designing in Hindi

इसके बहुत से उपयोग है :-

1- SEO (सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन) में

वेब डिजाइनिंग का इस्तेमाल SEO friendly (सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन) वेबसाइट बनाने के लिए किया जाता है। आज के समय में इंटरनेट पर बहुत सी वेबसाइट मौजूद है जिनकी रैंकिंग SEO तय करता है। SEO की मदद से हम अपने वेबसाइट को गूगल , yahoo जैसे बड़े सर्च इंजनो में रैंक करवा सकते है। SEO के बिना किसी वेबसाइट को रैंक करवाना कठिन होता है।

2- यूजर फ्रेंडली वेबसाइट बनाने में

वेब डिजाइनिंग का इस्तेमाल यूजर फ्रेंडली वेबसाइट बनाने के लिए किया जाता है। यदि आपकी वेबसाइट यूजर फ्रेंडली नहीं है तो कोई भी यूजर उस वेबसाइट पर नहीं रुकेगा जिससे वेबसाइट की रैंकिंग खराब हो जाएगी।

वेब डिजाइनिंग की मदद से हम एक आकर्षक और सुन्दर वेबसाइट बना सकते है। यदि हमारी वेबसाइट दिखने में काफी आकर्षक और सुन्दर लग रही है तो यूजर ज्यादा समय तक हमारी वेबसाइट में समय बिताएगा।

3- मोबाइल फ्रेंडली वेबसाइट बनाने में

वेब डिजाइनिंग का इस्तेमाल मोबाइल फ्रेंडली वेबसाइट बनाने के लिए किया जाता है। इंटरनेट पर लाखो ऐसी वेबसाइट मौजूद है जो केवल कंप्यूटर में ही चलती है और मोबाइल में नहीं चलती. जिसकी वजह से मोबाइल फ़ोन चलाने वाले यूजर का अनुभव खराब होता है। इसलिए वेब डिज़ाइनर को ऐसी वेबसाइट बनानी चाहिए जो डेस्कटॉप और मोबाइल दोनों में काम करे।

4- E Commerce (ई-कॉमर्स) में

वेब डिजाइनिंग का इस्तेमाल ई-कॉमर्स वेबसाइट बनाने के लिए भी किया जाता है। यूजर वेब डिजाइनिंग की मदद से खुद का एक ऑनलाइन स्टोर बना सकता है जहां वो दुनिया भर के लोगो को अपना सामान बेच सकता है।

5- खरीददारी बढ़ाने के लिए

वेब डिजाइनिंग का उपयोग sell (खरीददारी) को बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। वेब डिजाइनिंग का उपयोग करके यूजर एक क्रिएटिव और अट्रैक्टिव वेबसाइट बना सकता है और अपने बिज़नेस की सेलिंग को बढ़ा सकता है।

वेब डिजाइनिंग के फायदे Advantages of Web Designing in Hindi

इसके फायदे नीचे दिए गए हैं:-

1- यह Bounce Rate (बाउंस रेट) को कम करता है

वेब डिजाइनिंग की मदद से हम वेबसाइट के बाउंस रेट को कम कर सकते है। बाउंस रेट वेबसाइट की रैंकिंग तय करता है। यदि कोई यूजर आपकी वेबसाइट में प्रवेश करता है और तुरंत बाहर निकल आता है तो आपका बॉउंस रेट अधिक हो जायेगा। और यदि कोई यूजर आपकी वेबसाइट में अधिक समय तक रुकता है तो आपका बाउंस रेट कम हो जायेगा।

2- यह गूगल में रैंकिंग बढ़ाता है

गूगल पूरी दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन माना जाता है। वेब डिजाइनिंग की मदद से हम अपनी वेबसाइट को गूगल जैसे बड़े सर्च इंजन पर आसानी से रैंक करवा सकते है। गूगल में वेबसाइट को रैंक करने के लिए हमे एक SEO फ्रेंडली वेबसाइट की आवश्यकता पडेगी और वेब डिजाइनिंग की मदद से हम SEO फ्रेंडली वेबसाइट आसानी से बना सकते है।

3- इससे हम Creative (रचनात्मक) वेबसाइट बना सकते हैं

वेब डिजाइनिंग एक विधि है जिसकी मदद से हम एक creative वेबसाइट बना सकते है। यदि किसी व्यक्ति को वेब डिजाइनिंग आती है तो वह अपनी क्रिएटिविटी दिखाकर एक अट्रैक्टिव और क्रिएटिव वेबसाइट बना सकता है।

4- इसके द्वारा हम यूजर फ्रेंडली वेबसाइट बना सकते हैं

वेब डिजाइनिंग का उपयोग करके हम यूजर फ्रेंडली वेबसाइट बना सकते है ताकि कोई अनजान यूजर हमारी वेबसाइट पर अधिक समय तक रुके जिससे वेबसाइट की रैंकिंग बड़े।

वेब डिजाइनिंग के नुकसान – Disadvantages of Web Designing in Hindi

इसके नुकसान नीचे दिए गये हैं:-

1- प्रोग्रामिंग का ज्ञान होना आवश्यक

वेबसाइट को डिज़ाइन करने के लिए यूजर को सबसे पहले प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को सिखना जरुरी है। HTML, CSS और जावास्क्रिप्ट कुछ लोकप्रिय प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है।

2- इसे सीखने में वक्त लगता है

वेब डिजाइनिंग आसान प्रक्रिया नहीं है। इस प्रक्रिया को सीखने के लिए 2-3 महीने का वक्त लगता है।

वेब डिज़ाइन के प्रकार – Types of Web Design in Hindi

इसके निम्नलिखित 6 प्रकार होते हैं:-

  1. Static Page Design (स्थैतिक पेज डिज़ाइन)
  2. Liquid Design (लिक्विड डिज़ाइन)
  3. Adaptive Website Design (एडेपटिव वेबसाइट डिज़ाइन)
  4. Dynamic Website Design (डायनामिक वेबसाइट डिज़ाइन)
  5. Responsive Design (रिसपोंसिव डिज़ाइन)
  6. Single Page Design (सिंगल पेज डिज़ाइन)

Exam में पूछे जाने वाले प्रश्न

Web Designing क्या है?

Web Designing एक प्रक्रिया है जिसका इस्तेमाल वेबसाइट को डिज़ाइन करने के लिए किया जाता है. जिससे कि website आकर्षक और सुंदर लगे.

वेब डिजाइनर की सैलरी कितनी होती है?

एक वेब डिज़ाइनर की सैलरी आपके इंस्टिट्यूट Certification, Creative skills आदि पर निर्भर करती है और इसके बाद में अनुभव के तौर पर भी अच्छी सैलरी मिलती है. शुरुआत में 20,000 से 30,000 तक सैलरी मिल जाती है.

Reference:- https://www.simplilearn.com/what-is-web-designing-article

web desigining in Hindi

निवेदन:- अगर आपके लिए What is Web Designing in Hindi का यह आर्टिकल उपयोगी रहा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य share कीजिये. और आपके जो भी questions हो उन्हें नीचे comment करके बताइए. धन्यवाद.

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