सी++ क्या है? – What is C++ in Hindi?

हेल्लो दोस्तों! आज हम इस पोस्ट में What is C++ in Hindi (सी++ क्या है?) के बारें में पढेंगे. इसे बहुत ही आसान भाषा में लिखा गया है. इसे आप पूरा पढ़िए, यह आपको आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-

C++ in Hindi – सी++ क्या है?

  • C++ एक हाई लेवल और ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग भाषा है जिसका इस्तेमाल वेब ब्राउज़र, ऑपरेटिंग सिस्टम और सॉफ्टवेयर बनाने के लिए किया जाता है.

  • C++ का अविष्कार 1979 में Bjarne Stroustrup ने बेल प्रयोगशाला में किया था। इसलिए Bjarne Stroustrup को C++ का पिता भी कहा जाता है.

  • C++ जावा की तुलना में काफी सरल है इसलिए इसे सीखना आसान होता है।  इस भाषा का syntax काफी सरल होता है जिसकी वजह से कोई भी व्यक्ति इस भाषा को आसानी से सिख सकता है।

  • सी++ एक ओपन सोर्स लैंग्वेज है इसलिए इसका इस्तेमाल कोई भी व्यक्ति मुफ़्त में कर सकता है.

  • सी++ बहुत ही पुरानी और प्रसिद्ध भाषा है जिसका इस्तेमाल बहुत सारें कार्यों को पूरा करने के लिए किया जाता है जैसे:- वीडियो गेम बनाने के लिए, वेब ब्राउज़र बनाने के लिए, डिवाइस ड्राईवर बनाने के लिए, और सिस्टम सॉफ्टवेयर बनाने के लिए आदि.

  • सी++ में कम्पाइलर का प्रयोग प्रोग्राम को कम्पाइल और रन करने के लिए किया जाता है.

C++ का सरल प्रोग्राम

#include <iostream>  
using namespace std;  
int main() {  
   cout << "Hello C++";  
   return 0;  
}

इसका आउटपुट – Hello C++

सी++ की विशेषताएं – Features of C++ in Hindi

C++ की निम्नलिखित विशेषताएं होती है :-

1- Simple (सरल)

यह एक सरल भाषा है जिसे सिखना और समझना किसी भी नये यूजर के लिए आसान होता है। यह जावा की तुलना में काफी सरल होती है जिसे आसानी से सीखा जा सकता है।

2- Object Oriented (ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड)

सी++ एक ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग भाषा है इसलिए इसमें class और objects का इस्तेमाल करके  प्रोग्राम लिखा जाता है.

3- Portable (पोर्टेबल)

C ++ एक पोर्टेबल भाषा है, इसका मतलब है कि इसमें लिखे प्रोग्राम को अलग-अलग कंप्यूटरों में चलाया जा सकता है।

4- High-Level Language (हाई लेवल लैंग्वेज)

यह एक हाई लेवल लैंग्वेज है। इसका syntax अंग्रेजी भाषा की तरह होता है इसलिए इस भाषा को समझना आसान है.

5- Structured language (स्ट्रक्चर्ड लैंग्वेज)

यह एक स्ट्रक्चर्ड प्रोग्रामिंग भाषा है जिसका उपयोग करके यूजर Program को कई भागों में विभाजित कर सकता है।

6- Library (लाइब्रेरी)

इसमें पहले से ही एक लाइब्रेरी मौजूद होती है जिसका इस्तेमाल करके हम आसानी से प्रोग्राम लिख सकते हैं.

7- Memory Management (मेमोरी मैनेजमेंट)

सी ++ में मेमोरी को मैनेज करने के लिए बहुत प्रकार की तकनीक होती है।

8- Compiler (कम्पाइलर)

इस भाषा में प्रोग्राम को compile और run करने के लिए कम्पाइलर का प्रयोग किया जाता है।

9- Pointer (पॉइंटर)

सी++ pointer की सुविधा प्रदान करती है जिसका इस्तेमाल मेमोरी, स्ट्रक्चर, फंक्शन और array आदि में किया जा सकता है।

10– Reusability

सी++ में लिखे गए प्रोग्राम को दुबारा से use किया जा सकता है। यदि कोई यूजर प्रोग्राम को reuse करता है तो वह कम समय में नए प्रोग्राम को विकसित कर सकता है क्योकि यूजर को पुराने प्रोग्राम को फिर से नहीं लिखना पड़ता।

11– Error Detection (एरर डिटेक्शन)

इस भाषा में त्रुटियों को आसानी से पहचाना जा सकता है और आसानी से उन त्रुटियों को सुधारा जा सकता है।

12 Multi-Threading (मल्टी-थ्रेडिंग)

C++ में multi-threading का इस्तेमाल किया जाता है जिसके कारण सी++ के बड़े program को छोटे programs में विभाजित किया जा सकता है.

13- Case-sensitive (केस सेंसिटिव)

C++ एक case sensitive भाषा है. उदाहरण के लिए – “cin और Cin दो अलग-अलग कोड समझे जायेंगे.”

इसे पढ़ें:- C++ के सभी नोट्स पढ़िए

Applications of C++ in Hindi – सी++ के उपयोग

सी++ का उपयोग बहुत सारें कार्यों को पूरा करने के लिए किया जाता है:-

1- ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने के लिए

सी ++ का इस्तेमाल ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने के लिए किया जाता है। Microsoft के ज्यादातर सॉफ्टवेयर जैसे Windows, Microsoft Office, IDE Visual Studio और Internet Explorer सी ++ का उपयोग करके बनाये गए है। 

2- गेम बनाने के लिए

इस भाषा का इस्तेमाल प्रोग्रामर के द्वारा गेम बनाने के लिए किया जाता है। सी++ गेम को विकसित करने के लिए एक लोकप्रिय भाषा है। इस भाषा का उपयोग 3D गेम बनाने के लिए भी किया जाता है।

3- GUI आधारित एप्लीकेशन बनाने के लिए

इस भाषा का इस्तेमाल GUI आधारित एप्लीकेशन और डेस्कटॉप एप्लीकेशन बनाने के लिए किया जाता है। 

4- वेब ब्राउज़र बनाने के लिए

इसका उपयोग वेब ब्राउज़र बनाने के लिए किया जाता है। यह भाषा तेज गति से काम करने वाले वेब ब्राउज़र को विकसित करने में मदद करती है। Mozilla Firefox एक लोकप्रिय वेब ब्राउज़र है जिसे सी++ की मदद से बनाया गया है।

5- बैंकिंग एप्लीकेशन बनाने के लिए

इस भाषा का उपयोग बैंकिंग एप्लीकेशन को विकसित करने के लिए किया जाता है। Infosys Finacle एक बैंकिंग एप्लीकेशन है जिसे C++ का उपयोग करके बनाया गया है।

6- कम्पाइलर बनाने के लिए

इसका इस्तेमाल प्रोग्रामिंग भाषाओ के कंपाइलर को विकसित करने के लिए किया जाता है। कम्पाइलर का निर्माण C और C ++ दोनों भाषाओ की मदद से किया जा सकता है।

7- डेटाबेस बनाने के लिए

C++ का उपयोग डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (DBMS) बनाने के लिए भी किया जाता है। MySQL दुनिया का सबसे लोकप्रिय ओपन-सोर्स डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम है जिसे सी ++ भाषा की मदद से लिखा गया है।

8नेटवर्किंग डिवाइस में

सी++ एक तेज गति से काम करने वाली प्रोग्रामिंग भाषा है जिसका इस्तेमाल नेटवर्किंग डिवाइस (जैसे- राउटर, स्विच और हब) में किया जाता है।

9ग्राफ़िक एप्लीकेशन बनाने के लिए

इस भाषा का उपयोग ग्राफ़िक्स एप्लीकेशन को विकसित करने के लिए किया जाता है।

10मीडिया प्लेयर बनाने के लिए

इसका उपयोग मीडिया प्लेयर बनाने के लिए किया जाता है। यह वीडियो और ऑडियो जैसी फाइलों को मैनेज करने में भी मदद करता है। Winamp एक मीडिया प्लेयर है, जिसे C++ का प्रयोग करके विकसित किया गया है।

11स्कैनर में

इस भाषा का उपयोग फिल्म स्कैनर और कैमरा स्कैनर से संबंधित एप्लीकेशन बनाने के लिए किया जाता है। यह PDF जैसी तकनीक को विकसित करने में मदद करती है।

Advantages of C++ in Hindi – सी++ के फायदे

इसके निम्नलिखित फायदे होते है :-

1– सी++ एक OOPs (ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग) भाषा है जिसकी वजह से प्रोग्रामर अपनी समस्याओ को आसानी से solve कर लेता है।

2- यह एक पोर्टेबल भाषा है जिसका उपयोग किसी भी मशीन में किया जा सकता है। अन्य प्रोग्रामिंग भाषाओ की तुलना में सी ++ अधिक पोर्टेबल है। इस भाषा में यूजर एक सिस्टम में कोड लिख सकता है और उस कोड का उपयोग किसी भी सिस्टम में कर सकता है।

3- यह एक सरल प्रोग्रामिंग भाषा है जिसे सिखना काफी आसान होता है। इस भाषा को सिखने के लिए ज्यादा तकनिकी ज्ञान की आवश्यकता नहीं होती। जावा की तुलना में सी ++ का syntax सरल है जिसकी वजह से यह भाषा जावा की तुलना में सरल होती है।

4- इस भाषा में यूजर लिखे गए कोड का उपयोग दोबारा कर सकता है जिसकी वजह से यूजर को नए कोड लिखने की आवश्यकता नहीं पड़ती। सी ++ के द्वारा लिखे गए प्रोग्राम या कोड का उपयोग दोबारा किया जा सकता है।

5- अन्य प्रोग्रामिंग भाषाओ की तुलना में सी ++ अधिक लोकप्रिय भाषा है जिसका इस्तेमाल आधुनिक समय में सबसे ज्यादा किया जाता है। इस भाषा की सरलता इसकी लोकप्रियता बढ़ाती है।

Disadvantages of C++ in Hindi – सी++ के नुकसान

इसके नुकसान निम्नलिखित हैं:-

1- यह C प्रोग्रामिंग भाषा की तुलना में अधिक कठिन भाषा है। C एक प्रोग्रामिंग भाषा है जो C ++ का छोटा वर्जन है जिसे सिखना काफी आसान होता है।

2- सी ++ एक पुरानी भाषा है जिसमे नई भाषाओ में पाए जाने वाले कांसेप्ट और फीचर की कमी देखने को मिलती है।

3- इसमें पॉइंटर कोड में मौजूद bug को आसानी से नहीं ढूंढा जा सकता। यह सी ++ की एक गंभीर समस्या है।

4- सी ++ में बिन बॉक्स नहीं होता। बिन बॉक्स का उपयोग garbage को स्टोर करने के लिए किया जाता है। क्योकि सी ++ में बिन बॉक्स नहीं होता इसलिए यह garbage को स्टोर नहीं कर सकती।

5- यह एक ओपन सोर्स लैंग्वेज है जिसके कोड को कोई भी देख सकता है। इसलिए यह एक सुरक्षित भाषा नहीं है।

इसे पढ़ें:- C लैंग्वेज और C++ में अंतर

C++ लैंग्वेज के वर्जन

वर्जनरिलीज़ हुआ
C++98 (ISO/IEC 14882:1998)October 1998
C++03 (ISO/IEC 14882:2003)February 2003
C++11August 2011
C++14August 2014
C++17December 2017
C++20March 2020
C++23भविष्य में रिलीज़ होगा.
C++ क्या है?

सी++ एक ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है जिसका उपयोग सॉफ्टवेयर, वेब ब्राउज़र, और विडियो गेम बनाने के लिए किया जाता है.

सी प्लस प्लस सीखने में कितने दिन लगेंगे?

C++ सीखने के लिए 4 से 5 महीने का समय पर्याप्त है।

Reference:- https://www.geeksforgeeks.org/introduction-to-c-programming-language/

c++ in Hindi

निवेदन:- अगर आपके लिए What is C++ in Hindi का यह आर्टिकल उपयोगी रहा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य share कीजिये. और आपके जो भी questions हो उन्हें नीचे comment करके बताइए. धन्यवाद.

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