नमस्कार दोस्तों! आज हम इस पोस्ट में What is Cloud Security in Hindi (क्लाउड सुरक्षा क्या है?) के बारें में पढेंगे. इसे बहुत ही आसान भाषा में लिखा गया है. इसे आप पूरा पढ़िए, यह आपको आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-
टॉपिक
Cloud Security in Hindi – क्लाउड सुरक्षा क्या है?
- Cloud Security एक प्रकिया है जिसके द्वारा क्लाउड पर आधारित सभी एप्लीकेशन और डेटा को सुरक्षा प्रदान की जाती है.
- दूसरे शब्दों में कहें तो, “Cloud Security एक तकनीक है जिसका इस्तेमाल क्लाउड में मौजूद सिस्टम, डेटा और एप्लीकेशन को सुरक्षा प्रदान करने के लिए किया जाता है.”
- Cloud Security को Cloud computing security भी कहते हैं.
- क्लाउड सिक्योरिटी, ऑनलाइन स्टोर हुए डेटा को हैकर से सुरक्षित रखती है जिससे कि डेटा चोरी ना हो, डेटा का गलत इस्तेमाल ना हो और डेटा में कोई छेड़-छाड़ ना हो.
क्लाउड सुरक्षा के लाभ – Advantages of Cloud Security in Hindi
क्लाउड सिक्योरिटी के लाभ निम्नलिखित हैं:-
1:- Cloud Security का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसके लिए ज्यादा पैसे खर्च नहीं करने पड़ते. इसमें हमें सिर्फ उन्हीं हार्डवेयर के पैसे देने पड़ते है जिसका हम इस्तेमाल करते हैं.
2:- यह हैकर से सुरक्षा प्रदान करता है.
3:- यह DDoS अटैक से बचाता है. DDoS अटैक एक बहुत ही खतरनाक अटैक होता है.
4:- यह डेटा को चोरी होने या गलत इस्तेमाल होने से बचाता है.
5:- यह क्लाउड को Malware और Ransomware से सुरक्षित रखता है.
6:- यह वायरस के खतरे से बचाता है.
7:- Cloud security को scale करना आसान और तेज़ होता है.
8:- यह बहुत ही reliable (विश्वसनीय) होता है.
इसे पढ़ें:-
क्लाउड की सुरक्षा कैसे करें? – How to do Cloud Security in Hindi?
Cloud को सुरक्षित रखने के निम्नलिखित उपाय होते हैं:-
1:- Encryption (एन्क्रिप्शन)
हमें क्लाउड में मौजूद डेटा या एप्लीकेशन को सुरक्षित रखने के लिए encryption का इस्तेमाल करना चाहिए. Encryption एक विधि है जिसके द्वारा डेटा को secret code में बदल दिया जाता है जिससे कि कोई हैकर हमारे डेटा को पढ़ ना सके.
2:- Firewall (फ़ायरवॉल)
हम फ़ायरवॉल का इस्तेमाल करके क्लाउड को सुरक्षित रख सकते है. फ़ायरवॉल एक डिवाइस होता है जो हमारे नेटवर्क में आने वाले ट्रैफिक पर नजर रखती है और हानिकारक ट्रैफिक को block करती है.
3:- Strong Password (मजबूत पासवर्ड)
हमें क्लाउड में मौजूद एप्लीकेशन और डेटाबेस का पासवर्ड बहुत ही मजबूत रखना चाहिए जिससे कि कोई आसानी से इसे तोड़ ना सके. इसके साथ साथ हमें प्रत्येक एप्लीकेशन के लिए अलग-अलग पासवर्ड का इस्तेमाल करना चाहिए.
4:- Two Factor Authentication (टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन)
हमें हमेशा two factor authentication का इस्तेमाल करना चाहिए, जिससे कि यदि किसी को आपका पासवर्ड पता चल भी जाये तो भी वह आपके क्लाउड में login ना कर सके.
5:- Limited Access (सिमित एक्सेस)
हमें users को क्लाउड का सिमित एक्सेस देना चाहिए. यदि हमने किसी यूजर को पूरा एक्सेस दे दिया, तो ऐसे में यूजर कभी गलती से या चाहकर हमारे डेटा का गलत इस्तेमाल कर सकता है.
6:- Backup Data (डेटा का बैकअप)
हमें हमेशा डेटा का बैकअप लेकर रखना चाहिए ताकि अगर भविष्य में कोई गडबड हो गयी तो हम बैकअप डेटा का इस्तेमाल कर सकेंगे.
7:- Use Antivirus (एंटीवायरस का इस्तेमाल)
हमें एंटीवायरस का इस्तेमाल अवश्य करना चाहिए. एंटीवायरस हमारे सिस्टम में वायरस और malware को नहीं आने देता.
Cloud Security और Network Security में अंतर
Cloud Security | Network Security |
---|---|
यह नेटवर्क सिक्योरिटी का subset होता है. | यह क्लाउड सिक्योरिटी का superset होता है. |
इसे scale करना आसान और तेज़ है. | इसे scale करने में बहुत समय लगता है. |
इसमें रिसोर्स का उपयोग सही ढंग से होता है. | इसमें सभी रिसोर्स सही ढंग से उपयोग में नहीं लाये जाते. |
इसकी कीमत कम है. | इसकी कीमत अधिक है. |
यह नेटवर्क, सर्वर, एप्लीकेशन, डाटा और सिस्टम को सुरक्षित रखती है. | यह मुख्य रूप से नेटवर्क को ही सुरक्षित रखती है. |
Reference:- https://www.kaspersky.co.in/resource-center/definitions/what-is-cloud-security
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