BGP क्या है? – Border Gateway Protocol in Hindi

  • BGP का पूरा नाम Border Gateway Protocol (बॉर्डर गेटवे प्रोटोकॉल) होता है।

  • BGP एक Routing प्रोटोकॉल है जिसका इस्तेमाल बहुत बड़े नेटवर्कों के बीच data को ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है। इन बड़े नेटवर्कों को Autonomous Systems (AS) कहा जाता है।

  • दूसरे शब्दों में कहें तो, “BGP नियमों का एक समूह है जो इंटरनेट में data को ट्रांसफर करने के लिए सबसे बेहतरीन रास्तों (routes) का इस्तेमाल करता है।”

  • BGP को “इंटरनेट की रीढ़ की हड्डी” कहा जाता है क्योंकि बिना इसके इंटरनेट काम नहीं करता।

  • उदाहरण के लिए:- यदि India में कोई व्यक्ति America की website को खोलता है तो यह BGP की जिम्मेदारी होती है कि वेबसाइट तेजी से और बिना किसी रुकावट के खुले।

  • BGP एक path vector राउटिंग प्रोटोकॉल है जिसका इस्तेमाल दुनिया भर के सभी ISPs (Internet Service Providers) द्वारा किया जाता है।

  • BGP को इंटरनेट का पोस्टल सर्विस” भी कहा जाता है क्योंकि यह डेटा पैकेट को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में कुशलतापूर्वक और विश्वसनीय रूप से पहुंचाने में मदद करता है।

  • इसे 1989 में विकसित किया गया था और इसे RFC 1105 में परिभाषित किया गया है। 

BGP की विशेषताएं – Characteristics of BGP in Hindi 

1:- यह दो Autonomous Systems (AS) के बीच routing information का आदान प्रदान करता है। 

2:- यह OSI Model के 7वीं layer (application layer) पर काम करता है। 

3:- यह राउटर पर routing table को read और update करता है। 

4:- यह एक सुरक्षित प्रोटोकॉल है क्योंकि यह data packet को सुरक्षित तरीके से उसके destination तक पहुँचाता है। 

5:- एक विश्वसनीय (reliable) प्रोटोकॉल है जो डेटा पैकेट को कुशलतापूर्वक और विश्वसनीय रूप से पहुंचाने में मदद करता है।

6:- यह Next-Hop Paradigm को सपोर्ट करता है। यह Multihoming को सपोर्ट करता है इसका मतलब यह है कि यह एक समय में एक साथ बहुत सारें networks के साथ connect हो सकता है। 

7:- यह Classless Inter-Domain Routing (CIDR) को सपोर्ट करता है। 

8:- यह बहुत बड़े नेटवर्कों जैसे कि- इंटरनेट के लिए एक बेहतरीन प्रोटोकॉल है। 

9:- यह data packets को loop मे फंसने से बचाता है। 

10:- यह data packet के path की जानकारी भी प्रदान करता है। 

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    BGP के प्रकार – Types of Border Gateway Protocol in Hindi

    BGP के दो प्रकार होते हैं:-

    1:- External BGP – इसका इस्तेमाल अलग-अलग Autonomous System में राउटर के बीच routing information के आदान-प्रदान के लिए किया जाता है। इसे eBGP(Exterior Border Gateway Protocol) भी कहते हैं। 

    external bgp in hindi

    2:- Internal BGP – इसका इस्तेमाल एक ही Autonomous System में राउटर के बीच routing information के आदान-प्रदान के लिए किया जाता है। इसे iBGP (Interior Border Gateway Protocol) भी कहते हैं। 

    internal bgp in hindi

    BGP कैसे कार्य करता है? – How does BGP work?

    • कनेक्शन स्थापित करना – सबसे पहले अलग-अलग autonomous system में BGP Peers के बीच कनेक्शन को स्थापित किया जाता है। इस कनेक्शन को BGP Session कहा जाता है। 
    • Routing Information का आदान-प्रदान – BGP Routers मैसेज के द्वारा routing information का आदान प्रदान करते हैं। 
    • Routing Path का चुनाव – इसके बाद BGP डाटा ट्रांसफर के लिए सबसे best path का चुनाव करता है। यह path का चुनाव बहुत सारें factors जैसे कि- shortest AS path, highest weight, और दूसरे configurable attributes के आधार पर करता है। इसके बाद इस path को routing table में add कर लिया जाता है.
    • Best path के बारें मे बताना – इसके बाद peer अपने सभी दूसरे peers को इस best path के बारें मे बताता है जिससे कि इसके बारें मे सबको पता चल सके। 
    • Path को handle करना – BGP लगातार इस path को मॉनिटर करता है। यदि best path उपलब्ध नहीं होता तो वह दूसरे best path का चुनाव करता है। 
    • Loop से बचाव – यह AS path attribute का इस्तेमाल Loop से बचाव के लिए करता है। 

    BGP के उपयोग – Applications of BGP in Hindi

    1. इसका उपयोग VPN (Virtual Private Networks) स्थापित करने के लिए किया जा सकता है। 
    2. इसका उपयोग cloud computing में routing के लिए किया जा सकता है।
    3. इसका उपयोग CDNs (Content Delivery Networks) में routing के लिए किया जा सकता है। 
    4. Internet Service Providers (ISPs) जैसे कि- Jio, Airtel और BSNL आदि BGP का उपयोग अपने ग्राहकों को इंटरनेट से जोड़ने के लिए करते हैं।
    5. इसका उपयोग मोबाइल नेटवर्क में किया जाता है।
    6. यह इंटरनेट का सबसे मुख्य routing प्रोटोकॉल है। यह Autonomous Systems (AS) के बीच routing जानकारी का आदान-प्रदान करता है। 

    Difference between BGP & OSPF in Hindi – BGP और OSPF के बीच अंतर

    BGPOSPF
    इसका पूरा नाम Border Gateway Protocol है। इसका पूरा नाम Open Shortest Path First है।
    इसको लागू (implement) करना बहुत मुश्किल होता है। इसको लागू (implement) करना आसान होता है।
    यह mesh topology का एक प्रकार है। यह hierarchical network topology का एक प्रकार है।
    इसे external gateway प्रोटोकॉल भी कहा जाता है। इसे internal gateway प्रोटोकॉल भी कहा जाता है।
    इसमें transmission control protocol (TCP) का प्रयोग किया जाता है। इसमें internet protocol (IP) का प्रयोग किया जाता है।
    यह 179 port number पर काम करता है। यह 89 port number पर काम करता है।
    इसमें Best path algorithm का इस्तेमाल किया जाता है।इसमें Dijkstra algorithm का इस्तेमाल किया जाता है।
    यह best path का चुनाव करता है। यह shortest path का चुनाव करता है।
    इसका इस्तेमाल बड़े नेटवर्कों जैसे कि- इंटरनेट में किया जाता है। इसका इस्तेमाल छोटे नेटवर्कों में किया जाता है।
    इसकी metric को AS path, IGP-Metric, Next Hop, Weight आदि के द्वारा निर्धारित किया जाता है। इसकी metric को bandwidth के द्वारा निर्धारित किया जाता है।

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