what is equivalence partitioning & boundary value analysis in hindi? software testing.

Software testing techniques in hindi:-

यहाँ हम दो प्रकार के सॉफ्टवेर टेस्टिंग तकनीक के बारे में पढेंगे जो निम्न है:-

1:-equivalence partitioning
2:- boundary value analysis

1:- equivalence partitioning in hindi:-

equivalence partitioning एक सॉफ्टवेर टेस्टिंग तकनीक है. इस तकनीक में सॉफ्टवेर यूनिट के इनपुट डेटा को equivalance classes (portitions) में विभाजित किया जाता है. equivalance classes का अर्थ है कि समान प्रकार का डेटा एक क्लास में विभाजित होगा और इस प्रकार अन्य समान डेटा समानता के आधार पर अलग-अलग classes में विभाजित होंगें.

इस तकनीक में हम प्रत्येक क्लास से केवल एक कंडीशन को ही टेस्ट करते है क्योंकि हमें पता होता है कि एक क्लास के सभी conditions एक जैसे ही होते हैं. अगर क्लास कि एक कंडीशन कार्य करती है तो उस क्लास की सभी conditions कार्य करेंगी. अगर क्लास कि एक टेस्ट condition कार्य नही करती है तो क्लास की कोई भी condition कार्य नही करेगी.

equivalence partitioning तकनीक का फायदा यह है कि इससे सॉफ्टवेर को टेस्ट करने में समय कम लगता है.

इसे टेस्टिंग के सभी levels जैसे:- यूनिट टेस्टिंग, security testing, alpha beta testing आदि पर प्रयुक्त किया जा सकता है.

उदाहरण के लिये:- माना कि एक दुकान में किसी ग्राहक को उसकी खरीद के हिसाब से डिस्काउंट दिया जाता है.
यदि खरीद ₹50 से ₹100 के मध्य की होती है तो कोई डिस्काउंट नही दिया जाता है, यदि खरीद ₹100 से ₹200 के मध्य की होती है तो 3% का डिस्काउंट दिया जाता है, यदि खरीद ₹200 से ₹300 के मध्य होती है तो उसे 8% का डिस्काउंट दिया जाता है, यदि खरीद 300 के उपर की होती है तो 12% डिस्काउंट दिया जाता है.
नीचे दर्शाया गया है कि हमारे पास चार valid class है तथा एक invalid class है.
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equivalence partitioning को equivalence class partitioning भी कहते है.

boundary value analysis in hindi (बाउंड्री वैल्यू एनालिसिस):-

boundary value analysis (BVA) एक ब्लैक बॉक्स टेस्टिंग तकनीक है जो कि class (partition) के मध्य की boundaries की टेस्टिंग पर आधारित होती है.

इसका प्रयोग इनपुट डेटा की boundaries में त्रुटियों को ढूंढने में किया जाता है.

boundary दो प्रकार की होती है एक lower boundary (जहाँ से सीमा(range) प्रारंभ होती है) और दूसरी (जहाँ सीमा समाप्त होती है). और प्रत्येक boundary की एक valid value तथा एक invalid value होती है.
test cases इन दोनों valid तथा invalid वैल्यूज के आधार पर डिज़ाइन किये जाते है तथा हम सामान्यतया प्रत्येक बाउंड्री से एक test case का चुनाव करते है.

उदाहरण के लिये:- माना कि college में एक सॉफ्टवेर है जो कि valid user name तथा paasword पर ही work करता है तथा यह निम्नतम 6 तथा अधिकतम 10 करैक्टर ही accept करता है.
valid range 5-10, invalid range 5 या उससे कम, तथा invalid range 11 या 11 से ज्यादा.
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BVA को range checking (रेंज चेकिंग) भी कहते है.

Equivalence partitioning तथा boundary value analysis एक दुसरे के साथ जुड़े हुए है तथा ये टेस्टिंग के सभी levels पर एक साथ प्रयोग किये जाते है.

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