हेल्लो दोस्तों! आज हम इस पोस्ट में 8051 Microcontroller Architecture in Hindi (8051 माइक्रोकन्ट्रोलर का आर्किटेक्चर) के बारें में पूरे विस्तार से पढेंगे, इसे मैंने बहुत ही आसान भाषा में लिखा है, यह आपको आसानी से समझ में आ जायेगा, तो चलिए शुरू करते हैं:-
8051 Microcontroller Architecture in Hindi
8051 माइक्रोकन्ट्रोलर 8-बिट चिप पर कार्य करता है जो 12 MHz फ्रीक्वेंसी पर operate होता है। यह एक बहुत ही शक्तिशाली इन्स्ट्रक्शन है जो बिट और बाइट प्रोसेसर के नाम से जाना जाता है।
8051 microcontroller विभिन्न प्रकार की अर्थमेटिक, बाइनरी, BCD आदि क्रियाओं को प्रोसेस करने की क्षमता रखता है। माइक्रोकन्ट्रोलर मुख्यत: तीन पिनों पर कार्य करता है। 8051 माइक्रोकन्ट्रोलर में 128 बाइट डाटा मैमोरी की क्षमता होती है जो विभिन्न रीड/राइट फंक्शनों को operate करती है। इस माइक्रोकन्ट्रोलर में 20 स्पेशल फंक्शन रजिस्टर्स (SFRs) भी होते हैं।
8051 microcontroller के निम्नलिखित ब्लॉक होते हैं-
(i) ऑसिलेटर (Oscillator) — इस प्रकार के ब्लॉक में माइक्रोकन्ट्रोलर विभिन्न प्रकार के ऑसिलेटर फंक्शनों को परफॉर्म करता है। इस फंक्शन में ऑसिलेटर जो है वह क्रिस्टल ऑसिलेटर का उपयोग करता है जो 12 MHz फ्रीक्वेंसी पर ऑपरेट होता है।
(ii) एक्यूमुलेटर (Accumulator) — माइक्रोकन्ट्रोलर में एक्यूमुलेटर 8-बिट लोकेशन पर कार्य करता है। एक्यूमुलेटर में सभी अर्थमेटिक और लॉजिकल इन्स्ट्रक्शनों का उपयोग किया जाता है।
(iii) फंक्शन रजिस्टर (Function Register)- यह रजिस्टर माइक्रोकन्ट्रोलर में multiply (गुणा) और division (भाग) आदि क्रियाओं को पूरा करने में प्रयोग किया जाता है।
(iv) प्रोग्राम स्टेट्स वर्ड (Program Status Word) — यह माइक्रोकन्ट्रोलर में एक फ्लैग सेट है जो किसी स्पेशल फंक्शन रजिस्टर के लिए उपयोग किया जाता है।
(v) स्टेक प्वॉइंटर (Stack Pointer) – स्टेक प्वॉइंटर एक 8-बिट रजिस्टर है जो रेन्डम एक्सिस मैमोरी (RAM) में पाया जाता है। स्टेक प्वॉइंटर का रीसेट प्वाइंट 07H है।
(vi) डाटा प्वॉइंटर (Data Pointer) – डाटा प्वॉइंटर 16-बिट रजिस्टर तथा 8-बिट रजिस्टर पर ऑपरेट होता है। इसमें DTH (High byte) तथा DPL (Low byte) दो डाटा प्वाइंटर होते हैं।
(vii) पोर्ट0 से 3 लैचस तथा ड्राइवर्स (Port 0 to 3 Latches and Drivers) – लैचस तथा ड्राइवर्स माइक्रोकन्ट्रोलर में दो जोड़े होते हैं जो प्रत्येक I/O पोर्ट के लोकेशन को दर्शाते हैं। लैचस एड्रेस का उपयोग करके स्पेशल फंक्शन रजिस्टर को दर्शाया जाता है और ड्राइवर्स एड्रेस का उपयोग करके विभिन्न पोर्टों को एक साथ कम्यूनिकेट कराने में किया जाता है। इस प्रकार के पोर्ट को P0, P1, P2, P3 से जाना जाता है।
(viii) टाइमर रजिस्टर (Timer Register) – टाइमर रजिस्टर में (THO, TLI) तथा (THI, TL) दो register pair होते हैं जो टाइमर/काउन्टर 0 तथा 1 पर कार्य करते हैं।
(ix) सीरियल डाटा बफर (Serial Data Buffer) – सीरियल डाटा बफर एक अलग रजिस्टर है जो ट्रांसमिट बफर तथा रिसीव बफर से मिलकर बना होता है। इसमें डाटा को एक बफर से दूसरे बफर में जाने के लिए सब बफर का उपयोग करना पड़ता है।
(x) कन्ट्रोल रजिस्टर (Control Register)– कन्ट्रोल रजिस्टर में IP, IE, TMOD, TCON, SCON, और PCON आदि स्पेशल रजिस्टर पाये जाते हैं, जो स्टेट्स तथा कन्ट्रोल से प्राप्त इन्फॉर्मेशन को टाइमर/काउन्टर तथा सीरियल पोर्ट में स्टोर करता है।
(xi) टाइमिंग एवं कन्ट्रोल यूनिट (Timing and Control Unit) – टाइमिंग एवं कन्ट्रोल यूनिट की सभी डिवाइसों को टाइमिंग एवं कन्ट्रोल यूनिट की आवश्यकतानुसार विभिन्न ऑपरेशनों के लिए उपयोग में लाया जाता है।
(xii) इन्स्ट्रक्शन रजिस्टर (Instruction Register) – इन्स्ट्रक्शन रजिस्टर इन्स्ट्रशनों को एक्जीक्यूट कर विभिन्न प्रकार की सूचनाओं को प्राप्त करता है और टाइमिंग तथा कन्ट्रोल यूनिट के लिए आवश्यक सिग्नलों को उत्पन्न करता है।
(xiii) EPROM एवं प्रोग्राम एड्रेस रजिस्टर (EPROM and Program Address Register) – यह ब्लॉक किसी चिप पर मैकेनिज्म के माध्यम से एड्रेस उपलब्ध कराता है।
(xiv) RAM तथा RAM एड्रेस रजिस्टर (RAM and RAM Address Register) – यह ब्लॉक मैमोरी को 128 बाइट मैकेनिज्म एड्रेस को उपलब्ध कराता है।
(xv) ए०एल०यू० (ALU) – यह TMP तथा TMP2 रजिस्टर की सहायता से CPU में अर्थमेटिक एवं लॉजिकल ऑपरेशनों को परफॉर्म कराता है।
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