दोस्तों! इस पोस्ट में हम Linker & Loader in Hindi (लिंकर और लोडर क्या है?) के बारें में पढेंगे और इन दोनों के बीच अंतर को भी देखेंगे. इसे बहुत ही आसान भाषा में लिखा गया है. आप इसे पूरा पढ़िए आपको आसानी यह समझ आ जायेगा.
टॉपिक
Linker in Hindi – लिंकर क्या है?
- लिंकर एक विशेष प्रोग्राम होता है जो कम्पाइलर या असेम्बलर के द्वारा उत्पन्न हुई object files को आपस में जोड़ता है.
- Linker का काम linking करने का होता है. यह दो या दो से अधिक object files को आपस में जोड़ता है और एक .exe फाइल बनाता है.
- Linker को Link editor और Blinder के नाम से भी जाना जाता है.
- लिंकर का इस्तेमाल Object Modules को सिस्टम लाइब्रेरी के साथ जोड़ने के लिए भी किया जाता है।
- लिंकर का मुख्य कार्य .exe file को उत्पन्न करना ही होता है।
- लिंकर के दो प्रकार होते है पहला लिंकेज एडिटर और दूसरा डायनामिक लिंकर। इन दोनों के बारे में नीचे बताया गया है।
लिंकर के प्रकार – Types of Linker in Hindi
लिंकर के दो प्रकार होते हैं:-
- Linkage Editor
- Dynamic Linker
1- Linkage Editor (लिंकेज एडिटर)
यह एक प्रकार का लिंकर है जिसका इस्तेमाल relocatable और executable module को उत्पन्न करने के लिए किया जाता है।
2- Dynamic Linker (डायनामिक लिंकर)
डायनामिक लिंकर एक ऐसा लिंकर है जो executable module के उत्पन्न होने तक बाहरी module को रोकने का काम करता है।
Loader in Hindi – लोडर क्या है?
- लोडर भी एक विशेष प्रोग्राम होता है जो लिंकर के द्वारा उत्पन्न की गयी फाइल को प्राइमरी मेमोरी में लोड करता है.
- Loader ऑपरेटिंग सिस्टम का एक मुख्य भाग होता है जो यह सुनिश्चित करता है कि सभी जरुरी प्रोग्राम और फाइल प्राइमरी मेमोरी में लोड चुके हैं।
- लोडर का इस्तेमाल प्रोग्राम को start (शुरू) करने के लिए किया जाता है।
- लोडर प्रोग्राम के वर्चुअल एड्रेस को फिजिकल एड्रेस बदलने का काम भी करता है।
लोडर के प्रकार – Types of Loader in Hindi
Loader के तीन प्रकार होते है:-
- Absolute Loading
- Relocatable Loading
- Dynamic Run-Time Loading
Difference Between Linker & Loader in Hindi – लिंकर और लोडर के बीच अंतर
Linker और Loader के मध्य अंतर को हम नीचे दी गयी टेबल के आधार पर आसानी से समझ सकते हैं:-
Linker | Loader |
---|---|
लिंकर का मुख्य कार्य .exe फाइलों को उत्पन्न (generate) करना होता है। | लोडर का मुख्य कार्य लिंकर के द्वारा उत्पन्न की गयी .exe फाइलों को प्राइमरी मेमोरी में लोड करना होता है। |
यह कम्पाइलर और असेम्बलर के द्वारा प्रदान किये गये ऑब्जेक्ट कोड को इनपुट की तरह इस्तेमाल करता है. | यह लिंकर के द्वारा प्रदान किये गये .exe फाइल को इनपुट की तरह इस्तेमाल करता है. |
लिंकर का प्रमुख उद्देश्य .exe फाइल को उत्पन्न करना होता है. | लोडर का प्रमुख उद्देश्य .exe फाइल को मेमोरी में लोड करना होता है. |
इसका इस्तेमाल सभी modules को आपस में मिलाने के लिए किया जाता है. | इसका इस्तेमाल .exe फाइल को एड्रेस प्रदान करने के लिए किया जाता है. |
यह objects को सुव्यवस्थित करने के लिए जिम्मेदार होता है. | यह प्रोग्राम के अंदर इस्तेमाल किये जाने वाले reference को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार होता है. |
इसे पढ़ें:-
Exam में पूछे जाने वाले प्रश्न–
लिंकर एक विशेष प्रोग्राम होता है जो कम्पाइलर या असेम्बलर के द्वारा उत्पन्न हुई object files को आपस में जोड़ता है और एक .exe फाइल बनाता है.
एक लिंकर एक महत्वपूर्ण उपयोगिता प्रोग्राम है जो असेंबलर और कंपाइलर द्वारा निर्मित ऑब्जेक्ट फ़ाइलों और अन्य कोड को एक निष्पादन योग्य फ़ाइल में शामिल करने के लिए लेता है। लोडर एक ऑपरेटिंग सिस्टम का एक महत्वपूर्ण घटक है जो प्रोग्राम और लाइब्रेरी लोड करने के लिए जवाबदेह है।
Reference:– https://byjus.com/gate/difference-between-linker-and-loader/
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