नमस्कार दोस्तों! आज हम इस पोस्ट में Classification of DBMS in Hindi (DBMS का वर्गीकरण के बारें में पढेंगे. इसे बहुत ही आसान भाषा में लिखा गया है. इसे आप पूरा पढ़िए, यह आपको आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-
टॉपिक
Classification of DBMS in Hindi – DBMS का वर्गीकरण
DBMS को विभिन्न आधार पर वर्गीकृत कर सकते है। जो कि निम्नलिखित है।
1- Data models के आधार पर
- Relational Model,
- Network Model
- Hierarchical model
- Object-oriented Model
- Object-relational Model
2– Number of users के आधार पर
- Single User
- Multi-User
- Centralized User
- Distributed User
1- Data Model के आधार पर
Relational Model (रिलेशनल मॉडल)
Relational model को सन 1970 में EF code ने विकसित किया था। इस मॉडल का इस्तेमाल पहली बार IBM (International Business Machine) कंपनी के द्वारा database में किया गया था।
रिलेशनल मॉडल में डेटा को table में स्टोर किया जाता है और प्रत्येक टेबल में बहुत सारें row और column होते हैं. यूजर इस मॉडल को आसानी से समझ सकता है इसलिए इसमें कार्य करना आसान होता है.

इसे पूरा पढने के लिए क्लिक करें:- रिलेशनल मॉडल क्या है?
Network Model (नेटवर्क मॉडल)
नेटवर्क मॉडल डेटा को हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर कंपोनेंट के माध्यम से संगठित (organize) करता है। इस मॉडल में डेटा को नेटवर्क की तरह संगठित किया जाता है.
नेटवर्क मॉडल का अविष्कार Charles Bachman (चार्ल्स बचमैन) ने 1969 में किया था।

Hierarchical Model (पदानुक्रमित मॉडल)
Hierarchical Model में डेटा को एक पेड़ जैसी संरचना (structure) में स्टोर किया जाता है. इसे 1968 में IBM ने विकसित किया था.
जिस तरह पेड की शाखाएं पेड से जुडी रहती है उसी तरह इसमें भी डेटा स्टोर रहता है.

Object Oriented Model (ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड मॉडल)
Object Oriented मॉडल में डेटा को object (ऑब्जेक्ट) के रूप में स्टोर किया जाता है. इसका अविष्कार 1980 में किया गया था.
यह मॉडल class और objects से मिलकर बना होता है. इस मॉडल को बनाने के लिए प्रोग्रामिंग भाषा जैसे- C++, Java और Python आदि का प्रयोग किया जाता है.

Object Relational Model (ऑब्जेक्ट रिलेशनल मॉडल)
Object Relational Model, ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड मॉडल और रिलेशनल मॉडल दोनों से मिलकर बना होता है. इसमें ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड और रिलेशनल मॉडल दोनों की विशेषताएं शामिल होती है.
इसमें डेटा को टेबल और ऑब्जेक्ट के रूप रूप में स्टोर किया जाता है.
2- Number of Users के आधार पर
Single User (सिंगल यूजर)
इस DBMS का प्रयोग केवल एक यूजर के द्वारा किया जाता है. इसका इस्तेमाल पर्सनल डेटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है.
Multi User (मल्टी यूजर)
इस DBMS का प्रयोग बहुत सारें users एक ही समय में कर सकते है. इसमें प्रत्येक यूजर की अलग-अलग login id और password होता है.
Centralized User (सेंट्रलाइज्ड यूजर)
Centralized User एक ऐसा DBMS है जिसमें सभी users एक ही सेंट्रल सर्वर के साथ जुड़े हुए होते हैं। इस DBMS में, सभी users एक ही डेटाबेस का उपयोग करते हैं और उसे प्रबंधित (manage) करते हैं।
इस प्रकार के DBMS में एक ही सेंट्रल स्टोरेज व्यवस्था के कारण डेटा को संगठित (organize) रखना और मैनेज करना सरल बन जाता है।
Distributed User (डिस्ट्रिब्यूटेड यूजर)
Distributed User एक ऐसा DBMS है जो users को अलग-अलग स्थानों से डेटा को एक्सेस और मैनेज करने करने की अनुमति देता है।
इस DBMS में, डेटा को विभिन्न सर्वरों में स्टोर किया जाता है जिससे विभिन्न स्थानों से users एक ही समय में डेटा को एक्सेस कर सकते हैं।
इसे पढ़ें:-
Reference:- https://binaryterms.com/classification-of-database-management-system.html
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Mujhe ye post bahut acchi lagi
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