Computer Organization (कंप्यूटर ऑर्गनाइजेशन) क्या है?
Computer Organization कंप्यूटर के स्ट्रक्चर और इसके काम करने के तरीके के बारें में बताता है। यह ये भी बताता है कि कंप्यूटर के Components एक दूसरे से किस प्रकार जुड़े हुए होते हैं।
दूसरे शब्दों में कहें तो, “ Computer Organization यह निर्धारित करता है कि कंप्यूटर का हार्डवेयर कैसे organize (व्यवस्थित) किया गया है।” इसलिए Computer Organization को “हार्डवेयर ऑर्गनाइजेशन” भी कहा जाता है।
Computer Architecture (कंप्यूटर आर्किटेक्चर) क्या है?
Computer Architecture कंप्यूटर के डिजाइन और इसकी कार्यक्षमता के बारें में बताता है। यह कंप्यूटर के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बीच के तालमेल समझने में मदद करता है। अर्थात यह हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बीच इंटरफेस की तरह कार्य करता है।
कंप्यूटर आर्किटेक्चर (Computer Architecture) कंप्यूटर सिस्टम के डिज़ाइन और संरचना (structure) को समझने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह हमें बताता है कि कंप्यूटर कैसे काम करता है, उसके अलग-अलग भाग कैसे आपस में जुड़े होते हैं, और डेटा कैसे प्रोसेस (process) होता है।
कंप्यूटर आर्किटेक्चर, कंप्यूटर के अंदरूनी हिस्सों (internal components) और उनके काम करने के तरीके को डिज़ाइन करने की कला है। इसमें हार्डवेयर (hardware) और सॉफ्टवेयर (software) के बीच का संबंध भी शामिल होता है। यह हमें बताता है कि कैसे CPU, memory, input/output devices, और storage devices आपस में मिलकर काम करते हैं।
Computer Organization और Computer Architecture को अच्छे से समझने के लिए हमें इनके मध्य अंतर को समझना पड़ेगा।
Difference between Computer Architecture and Computer Organization in Hindi
इनके बीच के अंतर को हम नीचे दी गई table के आधार पर आसानी से समझ सकते हैं:-
Computer Architecture | Computer Organization |
---|---|
Computer architecture यह बताता है कि कंप्यूटर क्या कर सकता है. | Computer organisation यह बताता है कि कंप्यूटर इसे कैसे करता है. |
computer architecture यह बताता है कि कंप्यूटर सिस्टम को बनाने के लिए hardware components एक दूसरे के साथ किस प्रकार जुड़े (connect) रहते है. | Computer Organization कंप्यूटर के स्ट्रक्चर और इसके काम करने के तरीके के बारें में बताता है। |
इसका डिजाईन high level का होता है. | इसका low level का होता है. |
यह hardware और software के बीच इंटरफ़ेस का कार्य करता है. | यह कंप्यूटर के Components के बारें में बताता है। |
यह हमें कंप्यूटर सिस्टम के कार्यक्षमताओं (functionalities) को समझने में मदद करता है. | यह हमें यह बताता है कि computer में सभी hardware units किस प्रकार एक दूसरे से जुड़ी हुई है. |
एक Programmer जो है वह computer architecture को देख सकता है. अर्थात् वह computer के instructions, addressing modes, तथा registers को देख सकता है. | यह architecture का परिचय करवाता है. अर्थात यह architecture का perception (अनुभूति) देता है. |
कंप्यूटर सिस्टम को डिजाईन करने के लिए सबसे पहले हमें architecture को देखना पड़ेगा. | organisation जो है वह architecture के बाद आता है. architecture के अनुसार ही हमें computer का organisation करना पड़ेगा. |
Architecture के अंदर logic आता है जैसे:- instruction sets, addressing modes, data types, cache optimization आदि). | Organization के अंदर physical components आते है जैसे:- circuit design, adders, signals, peripherals) आदि. |

कंप्यूटर आर्किटेक्चर और आर्गेनाईजेशन के examples
- intel और AMD जो है वह x86 CPUs को बनाती है जहाँ X86 एक CISC architecture का एक example है. तो आप देख सकते है intel और AMD दो organizations है जो एक architecture (x86) को बनाती है.
- Nvidia और Qualcomm जो है वह GPUs (graphics processing unit) को बनाती है. ये GPUs, ARM architecture पर आधारित होते हैं. ARM यहाँ पर computer architecture है जिसे दो आर्गेनाईजेशन (Nvidia और Qualcomm) बनाती है.
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