हेल्लो दोस्तों! आज हम इस आर्टिकल में (Error Detection in Hindi – एरर डिटेक्शन क्या है?) के बारें में पढेंगे. इसे बहुत ही आसान भाषा में लिखा गया है. इसे आप पूरा पढ़िए, यह आपको आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-
टॉपिक
Error क्या है?
Error Detection को समझने से पहले हमे यह समझना पड़ेगा की एरर क्या होता है।
जब भी कोई सेन्डर किसी रिसीवर के पास डेटा को भेजता है और रिसीवर को वह डेटा प्राप्त नहीं होता जो सेन्डर ने भेजा था तो उसे हम error कहेंगे।
सरल शब्दो में कहे तो “सेन्डर के द्वारा भेजे गया डेटा यदि रिसीवर के पास नहीं पहुँचता उसके बदले कोई और डेटा पहुँचता है तो उसे हम error कहेंगे।”
Error Detection in Hindi – एरर डिटेक्शन क्या है?
- Error detection एक ऐसी विधि है जिसके माध्यम से डेटा में छुपे हुए error का पता लगाया जाता है।
- दुसरे शब्दो में कहे तो “एरर डिटेक्शन एक ऐसी तकनीक है जिसका उपयोग data में मौजूद शोर (noise) और data की हानि (loss) का पता लगाने के लिए किया जाता है।”
- यह तकनीक सुनिश्चित करती है कि sender के द्वारा रिसीवर के पास जो डेटा भेजा गया है वह खराब है या नहीं।
- इसे हम एक उदहारण के माध्यम से समझते है मान लीजिये सेन्डर ने रिसीवर के पास 100 बिट का डेटा भेजा और रिसीवर को 101 बिट का डेटा प्राप्त हुआ। इस स्थिति को हम एरर कहेंगे।
- यदि डेटा में कोई खराबी होती है तो error correction विधि (method) का उपयोग करके उसे ठीक कर दिया जाता है। त्रुटि (error) का पता लगाने के लिए कुछ लोकप्रिय तकनीक या विधिया है जैसे :- Simple Parity check, Checksum, और Cyclic redundancy check .
इसे भी पढ़े –
Types of Error in Hindi – एरर के प्रकार‘
इसके दो प्रकार होते है:-
1- Single-Bit Error (सिंगल बिट एरर)
Single bit error का मतलब होता है कि डेटा का केवल एक बिट बदलेगा। इसमें 0 जो है वह 1 में बदल जाता है या 1 जो है वह 0 में बदल जाता है।
2- Burst Error (बर्स्ट एरर)
Burst Error का मतलब होता है कि डेटा के दो या दो से अधिक bits बदलेंगे। इसमें 0 से 1 या 1 से 0 में बदला जाता है। Burst error में शोर की अवधि (noise duration) सिंगल-बिट एरर की तुलना में अधिक होती है।
Types of Error Detection in Hindi – एरर डिटेक्शन के प्रकार
इसके चार प्रकार होते है:-
1- Simple Parity check
यह एक ऐसी विधि (method) है जो डेटा में छुपे error का पता लगाती है। यह संचार (communication) के दौरान सटीक (accurate) तरीके से त्रुटियों (error) का पता लगाने में सक्ष्म है।
सिंपल पैरिटी चेक विधि में, original data में parity bit को जोड़ा जाता है। इसके बाद data link के माध्यम से डेटा को ट्रांसफर किया जाता है। यदि डेटा में कोई खराबी होती है तो उसका पता लग जाता है।
2- Two-dimensional Parity check
यह error का पता लगाने की एक तकनीक है जिसमे प्रत्येक लाइन की जांच की जाती है। यह ज्यादा मात्रा में डेटा में छिपी गलतियों का पता लगाने में सक्षम है और सटीक (accurate) तरीके से डेटा का पता लगाती है।
3- Checksum
checksum तकनीक का इस्तेमाल डेटा में छिपे error को चेक करने के लिए किया जाता है। यह तकनीक सुनिश्चित करती है की डेटा में कोई error नहीं है। इस तकनीक में checksum segment को डेटा के साथ भेजा जाता है।
4- Cyclic redundancy check
इसे शार्ट फॉर्म में CRC कहते है जो binary division पर आधारित तकनीक है। इस तकनीक में bits को डेटा इकाई (units )के अंत में जोड़ा जाता हैं।
Difference Between Error Detection & Error Correction In Hindi
Error Detection | Error Correction |
यह डेटा में मौजूद गलतियों को पहचानने की एक विधि (method) होती है। | यह डेटा में मौजूद गलतियों को ठीक करने की एक विधि (method) होती है। |
यह एरर करेक्शन की तुलना में कम बेहतर है। | यह ज्यादा बेहतर विधि है। |
इसके पास गलतियों का पता लगाने के लिए चार प्रकार की विधियां है। | इसके पास गलतियों को ठीक करने के लिए दो प्रकार की विधियां है। |
Exam में पूछे जाने वाले प्रश्न
Error detection एक ऐसी विधि है जिसके माध्यम से डेटा में छुपे हुए error का पता लगाया जाता है.
सेन्डर के द्वारा भेजे गया डेटा यदि रिसीवर के पास नहीं पहुँचता उसके बदले कोई और डेटा पहुँचता है तो उसे हम error कहेंगे.
Reference:– https://www.geeksforgeeks.org/error-detection-in-computer-networks/
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What is an error de texting code in hindi?