हेल्लो दोस्तों! आज हम इस पोस्ट में Peer to Peer Network in Hindi (P2P नेटवर्क क्या है?) के बारें में पढेंगे. इसे बहुत ही आसान भाषा में लिखा गया है. इसे आप पूरा पढ़िए, यह आपको आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-
टॉपिक
- 1 Peer to Peer (P2P) Network in Hindi – P2P नेटवर्क क्या है?
- 2 P2P network काम कैसे करता है? – P2P Network Working in Hindi
- 3 Advantages of P2P network in Hindi – P2P नेटवर्क के लाभ
- 4 Disadvantages of P2P Network in Hindi – P2P नेटवर्क के नुकसान
- 5 Types of Peer to Peer (P2P) Network in Hindi – पीयर टू पीयर नेटवर्क के प्रकार
- 6 पीयर टू पीयर नेटवर्क के उदाहरण
- 7 Difference between P2P network & Client server network in Hindi – P2P नेटवर्क और क्लाइंट सर्वर नेटवर्क के बीच अंतर
Peer to Peer (P2P) Network in Hindi – P2P नेटवर्क क्या है?
- Peer to Peer Network एक विशेष प्रकार का कंप्यूटर नेटवर्क है जिसका इस्तेमाल एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में डेटा और फाइल को ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है.
- दूसरे शब्दों में कहें तो, “पीयर-टू-पीयर नेटवर्क, जिसे P2P नेटवर्क के नाम से भी जाना जाता है, एक विशेष प्रकार का नेटवर्क है जिसमें एक यूजर दूसरे यूजर को बिना किसी सेंट्रल सर्वर के डेटा और फाइल share कर सकता है.”
- इसमें प्रत्येक कंप्यूटर client और server दोनों की तरह कार्य करता है. इसलिए इसमें किसी central server (सेंट्रल सर्वर) की जरूरत नहीं पड़ती.
- P2P नेटवर्क की सबसे बड़ी ख़ासियत यह है कि इसके द्वारा हम बहुत बड़ी मात्रा में डेटा को आसानी से ट्रांसफर कर सकते हैं.
- इसका अविष्कार 1979 में हुआ था.
P2P network काम कैसे करता है? – P2P Network Working in Hindi
पीयर-टू-पीयर नेटवर्क में, एक यूजर इंटरनेट कनेक्शन के माध्यम से दूसरे यूजर के साथ जुड़ता है। इसमें कोई सेंट्रल सर्वर नहीं होता है इसलिए जब कोई यूजर किसी फ़ाइल को अपलोड या डाउनलोड करना चाहता है तो वह सीधे दूसरे यूजर के साथ संपर्क करता है और फ़ाइल को अपलोड या डाउनलोड कर लेता है.
Advantages of P2P network in Hindi – P2P नेटवर्क के लाभ
इसके लाभ निम्नलिखित होते हैं:-
1:- P2P नेटवर्क को इनस्टॉल और सेटअप करना बहुत ही आसान होता है.
2:- इसको मैनेज करना आसान होता है.
3:- इसमें किसी नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम की जरूरत नहीं पड़ती.
4:- इसमें प्रत्येक कंप्यूटर सर्वर की तरह कार्य करता है इसलिए हमें किसी सर्वर को खरीदने की आवश्यकता नहीं होती जिससे हमारे बहुत सारें पैसे बच जाते हैं.
5:- इस नेटवर्क में अगर कोई कंप्यूटर ख़राब हो जाता है तो उसका बुरा प्रभाव दूसरे कंप्यूटरों पर नहीं पड़ता.
6:- P2P नेटवर्क को मैनेज करने के लिए किसी मैनेजर की जरूरत नहीं होती है क्योंकि इसमें प्रत्येक यूजर अपने कंप्यूटर को मैनेज करता है.
Disadvantages of P2P Network in Hindi – P2P नेटवर्क के नुकसान
1:- P2P नेटवर्क बहुत ज्यादा सुरक्षित नहीं होता है इसलिए इसको हैकर hack कर सकते हैं और यूजर के डेटा को चुरा सकते हैं.
2:- इसमें कोई सेंट्रल सर्वर नहीं होता है इसलिए इसमें हम डेटा का बैकअप नहीं ले सकते.
3:- इसमें वायरस आने का खतरा होता है.
4:- यह client/server network की तुलना में धीमा होता है अर्थात् इसमें बहुत कम speed में डेटा का ट्रान्सफर होता है.
5:- इसका इस्तेमाल torrent में किया जाता है जहाँ कॉपीराइट songs और videos को अवैध रूप से डाउनलोड किया जाता है.
Types of Peer to Peer (P2P) Network in Hindi – पीयर टू पीयर नेटवर्क के प्रकार
P2P नेटवर्क के तीन प्रकार होते हैं:-
1:- Unstructured P2P network
Unstructured P2P नेटवर्क का कोई भी स्ट्रक्चर नहीं होता है इसलिए इसमें एक कंप्यूटर को दूसरे कंप्यूटर से जुड़ने में बहुत मुश्किल होती है.
इस network में कंप्यूटर कभी भी दूसरे कंप्यूटर से connect हो सकता है और कभी भी disconnect हो सकता है. इस नेटवर्क को बनाना बहुत आसान होता है.
2:- Structured P2P Network
Structured P2P नेटवर्क का एक स्ट्रक्चर होता है इसलिए इसमें एक कंप्यूटर, दुसरे कंप्यूटर से आसानी से जुड़ सकता है. इस नेटवर्क का इस्तेमाल बड़ी मात्रा में डेटा को share करने के लिए किया जाता है.
इस नेटवर्क को बनाना मुश्किल होता है लेकिन इसमें डेटा और फ़ाइल को ट्रान्सफर करना आसान होता है.
3:- Hybrid P2P Network
वह नेटवर्क जो Unstructured और Structured P2P network से मिलकर बना होता है उसे Hybrid P2P Network कहा जाता है. इस नेटवर्क में इन दोनों नेटवर्कों की विशेषताएं शामिल होती हैं.
उदाहरण के लिए– YouTube एक Hybrid P2P network है, जहां Live Video Streaming की जाती है.
पीयर टू पीयर नेटवर्क के उदाहरण
1- Torrent (टोरेंट) – टोरेंट पीयर टू पीयर नेटवर्क का एक उदाहरण है जिसमें यूजर फ़ाइलों को अपलोड और डाउनलोड करते हैं। इसके द्वारा यूजर movies, songs और softwares को डाउनलोड करते हैं।
2- Chatting application (चैटिंग एप्लीकेशन)- चैट एप्लीकेशन (जैसे- फेसबुक और WhatsApp) भी पीयर टू पीयर नेटवर्क का प्रयोग करते हैं. जिसमें यूजर सीधे और सुरक्षित तरीके से एक-दूसरे से chat कर सकते हैं।
3- Bitcoin (बिटकॉइन)- क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में भी P2P network का इस्तेमाल किया जाता है.
Difference between P2P network & Client server network in Hindi – P2P नेटवर्क और क्लाइंट सर्वर नेटवर्क के बीच अंतर
P2P Netwok | Client server network |
इसमें प्रत्येक कंप्यूटर सर्वर और क्लाइंट दोनों की तरह कार्य करता है. इसमें सेंट्रल सर्वर नहीं होता है. | इसमें अलग से सेंट्रल सर्वर होता है. |
यह सस्ता होता है. | यह महंगा होता है. |
यह कम stable (स्थिर) और scalable (स्केलेबल) होता है. | यह ज्यादा stable (स्थिर) और scalable होता है. |
इसमें प्रत्येक कंप्यूटर request भी कर सकता है और respond भी कर सकता है. | इसमें क्लाइंट सर्वर से service की request करता है. |
इसका इस्तेमाल छोटे नेटवर्क में किया जाता है. | इसका इस्तेमाल बड़े और छोटे दोनों नेटवर्कों में किया जाता है. |
यह कम सुरक्षित होता है. | यह ज्यादा सुरक्षित होता है. |
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Exam में पूछे जाने वाले प्रश्न –
पीयर टू पीयर नेटवर्क एक नेटवर्क है जो कंप्यूटर या उपकरणों को सीधे एक दूसरे से जुड़ता है, बिना किसी केंद्रीय सर्वर के। इसमें, सभी कंप्यूटर या उपकरण एक दूसरे के समानाधिकारी होते हैं और डेटा और संसाधनों को साझा कर सकते हैं।
पीयर टू पीयर नेटवर्क बड़े स्केल पर फाइल शेयरिंग, ऑनलाइन गेमिंग, डॉक्यूमेंट साझा करने, डिवाइसों के बीच संचार, और डेटा सुरक्षा के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें नेटवर्क के एक खराब होने पर भी बाकी पीयर्स अपने काम कर सकते हैं।
Reference:- https://www.geeksforgeeks.org/what-is-p2ppeer-to-peer-process/
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