हेल्लो दोस्तों! आज हम इस पोस्ट में Software Risk Management in Hindi (सॉफ्टवेयर रिस्क मैनेजमेंट क्या है?) के बारें में पढेंगे, इससे पहले मैंने software risks के बारें में लिखा हुआ है आप उसे भी पढ़ सकते हैं:-
Software Risk Management in Hindi
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में, Risk Management एक कार्यप्रणाली है जिसे risks को identify, manage और control करने के लिए development process के दौरान पूरा किया जाता है.
सरल शब्दों में कहें तो, “Risk management का अर्थ है risk को identify करना, manage करना, और उसे नियंत्रित करना”.
Risks के तीन मुख्य वर्गीकरण है जो कि एक software project को प्रभावित कर सकते है:-
- Project risks
- Technical risks
- Business risks
Project Risks :- Project risks में बजट, कर्मचारी, schedule, संसाधन और ग्राहक सबंधी समस्याएं आती है. इसका जो सबसे महत्वपूर्ण risk है वह schedule slippage है. चूँकि सॉफ्टवेयर intangible होता है इसलिए software project को monitor और control करना बहुत मुश्किल होता है. उस चीज को जिसे हम identify नहीं कर सकते उसे control करना बहुत ही मुश्किल होता है.
Technical Risks:- Technical risks में method (विधि), implementation, interfacing, testing, और maintenance आदि के issues आते हैं. इसके अलावा इसमें अस्पष्ट specification, अधूरे specification, बदलते specification, और तकनीकी अनिश्चितता (uncertainty) भी आती है.
सबसे ज्यादा technical risks तब आते है जब development team को project के बारें में बहुत कम knowledge होता है.
Business Risks:- इसमें ऐसे product के निर्माण का risk होता है जिसे कोई प्रयोग नही करता है. अर्थात् इस product की जरूरत किसी को नही होती है. इससे बजट और कर्मचारियों की मेहनत का नुकसान होता है.
Principle of Risk Management in Hindi – रिस्क मैनेजमेंट के सिधांत
Global Perspective:- इसमें, हम बड़े system के description, design, और implementation को review करते है. हम इसमें risk के chance को देखते है और इसके होने वाले प्रभाव को भी देखते है.
Forward looking view:- इसमें उस risk (खतरे) पर विचार किया जाता है जो भविष्य में घटित हो सकता है. और आगे होने वाली घटनाओं के लिए भविष्य के plans को create किया जाता है.
Open communication:- यह क्लाइंट (client) और team members के बीच communication करने की अनुमति देता है ताकि वे risks (जोखिमों) के बारे में निश्चित हों।
Integrated management:- इस विधि में risk management को project management का एक अभिन्न अंग बनाया जाता है.
Continuous Process:- इस phase में, risks को लगातार track किया जाता है.
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