Secure Connection in Hindi – सिक्योर कनेक्शन क्या है?

हेल्लो दोस्तों! आज हम इस आर्टिकल में (Secure Connection in Hindi – सिक्योर कनेक्शन क्या है?) के बारें में पढेंगे. इसे बहुत ही आसान भाषा में लिखा गया है. इसे आप पूरा पढ़िए, यह आपको आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-

Secure Connection in Hindi – सिक्योर कनेक्शन क्या है?

  • Secure Connection एक प्रकार का कनेक्शन होता है जो इन्टरनेट में डेटा को सुरक्षित रखता है। जब भी दो या दो से अधिक devices डेटा को आपस में ट्रांसफर कर रहे होते है तो यह कनेक्शन उस डेटा को (secure) सुरक्षित करता है।

  • जब भी एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर को data या information ट्रान्सफर किया जाता है तो सिक्योर कनेक्शन उस data या information को hacker से सुरक्षित रखता है.

  • Secure connection यह सुनिश्चित करता है कि डेटा सुरक्षित तरीके से ट्रांसफर हो रहा है।

  • यह कनेक्शन डेटा को सिक्योर करने के लिए एक या एक से अधिक प्रोटोकॉल का उपयोग करके डेटा को encrypt कर देता है।

कनेक्शन को सुरक्षित करने के बहुत से तरीके होते है जिन्हे हम निचे पढ़ने वाले है।

Methods of secure connection in Hindi – कनेक्शन को सुरक्षित करने के तरीके

इसके निम्नलिखित प्रकार होते है जो निचे दिए गए है :-

1- Data encryption (डेटा एन्क्रिप्शन)

डेटा एन्क्रिप्शन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें data और information को secret codes में कन्वर्ट कर दिया जाता है जिसे cipher text भी कहते है। Cipher text को आसानी से समझा नही जा सकता है इसे केवल expert ही समझ सकते है।

जो original data या information होती है उसे हम plain text कहते है और उसे cipher text में encrypt कर दिया जाता है।

डेटा एन्क्रिप्शन का मुख्य उद्देश्य डिजिटल डेटा या इनफार्मेशन( जो internet के माध्यम से transmit होता है) को सुरक्षित करना होता है।

यदि कोई यूजर encrypted data को पढ़ना चाहता है तो उसके पास उस डेटा को पढ़ने के लिए Key होनी चाहिए।

2- Firewall (फ़ायरवॉल)

फ़ायरवॉल नेटवर्क को सुरक्षित करने वाला एक डिवाइस या सिस्टम होता है जो कि unauthorize यूजर को नेटवर्क में access करने से बचाता है जिसकी वजह से यूजर का डेटा सुरक्षित रहता है।

यह डिवाइस हमारे नेटवर्क के लिए फ़िल्टर की तरह काम करता है जो harmful information को रोकने में मदद करता है। यह हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों प्रकार का होता है।

इस डिवाइस को स्थापित (establish) करने के लिए प्राइवेट नेटवर्क और इंटरनेट कनेक्शन का उपयोग किया जाता है।

इसे पूरा पढ़ें:- फ़ायरवॉल क्या है?

3- Antivirus (एंटीवायरस)

एंटीवायरस एक प्रोग्राम होता है जो कंप्यूटर में उन प्रोग्राम या वायरस को डिलीट करता है जो हमारे डेटा या कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाते है। यह प्रोग्राम कंप्यूटर में मौजूद harmful virus को स्कैन करके डिलीट करता है।

एंटीवायरस को Anti-Malware के नाम से भी जाना जाता है। एंटीवायरस का मुख्य उदेश्य सिस्टम में छुपे वायरस का पता लगाना और उसे डिलीट करना होता है। इसके अलावा यह यूजर के डेटा को हैकर्स से प्रोटेक्ट भी करता है।

जब भी कोई यूजर कंप्यूटर में किसी नई फाइल या सॉफ्टवेयर को इनस्टॉल करता है तो यह प्रोग्राम सबसे पहले उस फाइल को स्कैन करता है ताकि उस फाइल में मौजूद वायरस कंप्यूटर में प्रवेश ना कर सके।

4- HTTPS

HTTPS का पूरा नाम (Hyper Text Transfer Protocol Secure) होता है। यह एक ऐसा प्रोटोकॉल है जिसके द्वारा यूजर ब्राउज़र से किसी भी वेबसाइट पर सुरक्षित तरीके से संचार (communication) कर सकता है।

यह प्रोटोकॉल भी आपके डेटा को सिक्योर करने का काम करता है। इस प्रोटोकॉल के कारण ब्राउज़र और वेबसाइट में जितना भी संचार होता है वह सभी encrypted होता है।

5- SSL

SSL का पूरा नाम (secure socket layer) है। यह एक ऐसी तकनीक है जिसकी मदद से यूजर वेबसाइट तथा ब्राउज़र के बिच एक encrypted link को स्थापित (established) करता है जिसकी वजह से वेबसाइट तथा ब्राउज़र के मध्य एक सुरक्षित कनेक्शन का निर्माण होता है।

सरल शब्दो में कहे तो इंटरनेट में डेटा को ट्रान्सफर करने के लिए यह एक security प्रोटोकॉल है जिसकी मदद से यूजर का डेटा सिक्योर रहता है।

यह एक encryption तकनीक भी है जिसका निर्माण वर्ष 1990 में नेटस्केप के द्वारा किया गया था।

SSL का प्रयोग ज्यादातर क्रेडिट कार्ड नंबर, डेबिट कार्ड नंबर, ऑनलाइन transaction और अन्य महत्पूर्ण documents को सुरक्षित तरीके से transmit करने के लिए किया जाता है।

इसे पढ़ें:- वायरस क्या है और इसके प्रकार

Advantages of Secure Connection in Hindi – सिक्योर कनेक्शन के फायदे

1- सिक्योर कनेक्शन यूजर के डेटा को सुरक्षित रखता है।

2- यह कनेक्शन हैकर को डेटा चोरी करने से रोकता है।

3- यह सुनिश्चित करता है की दो डिवाइस में ट्रांसफर हो रहा डेटा पूरी तरह से सुरक्षित है।

4- सिक्योर कनेक्शन यूजर को सुरक्षित वेबसाइट से कनेक्ट करता है।

5- सिक्योर कनेक्शन वेबसाइट के trust को इम्प्रूव भी करता है।

Exam में पूछे जाने वाले प्रश्न

सिक्योर कनेक्शन क्या है?

सिक्योर कनेक्शन एक प्रकार का कनेक्शन होता है जो डेटा को सुरक्षित रखता है।

डेटा को सुरक्षित करने के कोई तीन तरीके?

डेटा को सुरक्षित करने के तीन तरीके :- data encryption , HTTPS और SSL .

Reference:https://securelist.com/secure-connections-how-secure-are-they/36136/

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