मैलवेयर क्या है और इसके प्रकार – What is Malware in Hindi?

हेल्लो दोस्तों! आज हम इस पोस्ट में What is Malware in Hindi (मैलवेयर क्या है?) के बारें में पढेंगे. इसे बहुत ही आसान भाषा में लिखा गया है. इसे आप पूरा पढ़िए, यह आपको आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-

Malware in Hindi – मैलवेयर क्या है?

  • Malware एक बहुत ही हानिकारक सॉफ्टवेयर होता है जिसका इस्तेमाल हैकर और साइबर अपराधियों के द्वारा किसी व्यक्ति की महत्वपूर्ण जानकारी को चुराने के लिए किया जाता है.

  • मैलवेयर को Malicious Software या Malicious Program के नाम से भी जाना जाता है.

  • दुसरे शब्दों में कहें तो, “Malware एक खतरनाक सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम होता है जो आपकी जानकारी के बिना आपके कंप्यूटर में प्रवेश कर जाता है और आपके कंप्यूटर में जितना भी डेटा है उसे चुरा लेता है और डेटा को डिलीट भी कर देता है.”

  • मैलवेयर का मुख्य उद्देश्य कंप्यूटर को नुकसान पहुँचाना, नेटवर्क को हैक करना, व्यक्ति के प्राइवेट डेटा को चोरी और डिलीट करना होता है.

  • जब एक बार malware कंप्यूटर में प्रवेश कर जाता है तो वह अपने आप ही पूरे कंप्यूटर में फ़ैल जाता है और कंप्यूटर में मौजूद सभी programs और data को corrupt कर देता है.

  • हैकर मैलवेयर का इस्तेमाल व्यक्ति के बैंक खाते से पैसे चुराने के लिए भी करते है। इसके साथ-साथ इसका इस्तेमाल करके हैकर बड़ी-बड़ी कंपनियों के डेटा को चुराते है और उस डेटा का गलत इस्तेमाल करते है।

  • Malware केवल कंप्यूटर के लिए ही हानिकारक नहीं है बल्कि सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों के लिए हानिकारक है उदहारण के लिए- लेपटॉप , मोबाइल , टेबलेट, नेटवर्क, और सर्वर आदि।

  • मैलवेयर सबसे ज्यादा इंटरनेट के माध्यम से हमारे कंप्यूटर में प्रवेश करता है, जब हम इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं तो कई बार हम सॉफ्टवेयर के crack वर्जन को डाउनलोड कर लेते हैं या अनजाने में किसी लिंक को क्लिक कर देते है. जैसे ही हम लिंक को क्लिक करते हैं तो मैलवेयर हमारे कंप्यूटर या मोबाइल में आ जाता है.

  • Malware से बचने के लिए हमें अपने कंप्यूटर में एंटी मैलवेयर या एंटीवायरस का इस्तेमाल करना चाहिए। एंटीवायरस एक सॉफ्टवेयर होता है जो सभी वायरस और मैलवेयर को कंप्यूटर सिस्टम से डिलीट कर देता है।

Types of Malware in Hindi – मैलवेयर के प्रकार

Malware मुख्य रूप से 10 प्रकार का होता है:-

  1. Ransomware
  2. Trojan Horse
  3. Worm
  4. Spyware
  5. Virus
  6. Logic Bombs
  7. Fileless Malware
  8. Adware
  9. Rootkits
  10. KeyLogger
types of malware in Hindi

1- Ransomware (रैनसमवेयर)

Ransomware एक प्रकार का मैलवेयर है जो यूजर के डेटा को चोरी करता है और चोरी करने के बाद यूजर को ब्लैकमेल करता है। यह यूजर से डेटा के लिए फ़िरौती की मांग करता है, अगर यूजर फिरौती नहीं देता तो यह यूजर को डेटा वापस नहीं करता है.

यदि पीड़ित व्यक्ति पैसे दे भी देता है तब भी इस बात की कोई गारंटी नहीं होती कि वह पीड़ित के डेटा को वापिस कर देगा।

2- Trojan horse (ट्रोजन हॉर्स)

Trojan Horse एक हानिकारक सॉफ्टवेयर होता है जो हमें शुरुआत में किसी सामान्य सॉफ्टवेयर की तरह ही लगता है इसलिए हम इसे अपने कंप्यूटर में install कर लेते हैं. जैसे हम इसे इनस्टॉल करते हैं तो यह हमारे डेटा और सूचना को चुराने लग जाता है.

Trojan Horse एक बहुत ही हानिकारक मैलवेयर होता है इसलिए हमें किसी भी अनजाने सॉफ्टवेयर को अपने कंप्यूटर में इनस्टॉल नहीं करना चाहिए.

3- Worm (वोर्म)

Worm एक मैलवेयर होता है जो बहुत तेजी से कंप्यूटर में फ़ैलता है. यह अपने आप ही पूरे कंप्यूटर में फैलकर कंप्यूटर में मौजूद files को डिलीट कर देता है और कंप्यूटर की स्पीड को बहुत धीमा कर देता है.

Worm को कंप्यूटर में फैलने के लिए किसी भी प्रकार के प्रोग्राम की आवश्यकता नहीं पड़ती। यह ऑटोमैटिक कंप्यूटर में फैलकर फाइलों को नुकसान पंहुचा सकता है।

Worm हमारे कंप्यूटर में पेन ड्राइव, हार्ड ड्राइव और ईमेल की वजह से प्रवेश करता है.

4- Spyware (स्पाइवेयर)

स्पाइवेयर एक प्रकार का malware है जो आपके कंप्यूटर में आपकी जानकारी के बिना घुस जाता है और आपकी संवेदनशील जानकारी (जैसे कि- बैंक की जानकारी या पासवर्ड आदि) को चुराकर आपको नुकसान पहुंचाता है.

Spyware में spy का मतलब होता है जासूस, जिस प्रकार जासूस चोरी छिपे किसी व्यक्ति की जासूसी करता है उसी प्रकार spyware एक खतरनाक सॉफ्टवेयर है जो आपके कंप्यूटर में होने वाली गतिविधियों की जासूसी करता है.

इसे पूरा पढ़ें:- Spyware क्या है?

5- Virus (वायरस)

वायरस एक प्रकार का प्रोग्राम होता है जो किसी अनजान फाइल से जुड़ा होता है। जब कोई यूजर उस अनजान फाइल को डाउनलोड करता है तो वायरस कंप्यूटर में प्रवेश कर जाता है और कंप्यूटर को नुकसान पहुचाने लग जाता है।

वायरस अपने आप ही पूरे कंप्यूटर को संक्रमित कर देता है क्योंकि यह खुद की copy बना लेता है. वायरस के पास अपनी खुद की copy बनाने की क्षमता होती है जिसके कारण यह एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में आसानी से फैल जाता है।

इसे पूरा पढ़ें:- वायरस क्या है और इसके प्रकार

6- Logic Bomb (लॉजिक बम)

Logic Bomb एक हानिकारक कोड होता है जिसे जान बुझकर किसी सॉफ्टवेयर में डाला जाता है. लॉजिक बम का मुख्य उद्देश्य महत्वपूर्ण फाइल को डिलीट करना, प्राइवेट जानकारी को चुराना और हार्ड डिस्क में मौजूद डाटा को डिलीट करना होता है.

लॉजिक बम का ज्यादातर इस्तेमाल कंपनी में काम करने वाले लोगो के द्वारा किया जाता है, अगर किसी व्यक्ति को कंपनी से निकाल दिया जाता है तो वह कंपनी से बदला लेने के लिए logic bomb का इस्तेमाल करता है.

7- Fileless Malware (फ़ाइललेस मैलवेयर)

Fileless Malware एक प्रकार का हमला है जो चोरी छिपे होता है। इस हमले के बारे में यूजर को कोई जानकारी नहीं होती। यह यूजर के कंप्यूटर में प्रवेश करके जरुरी जानकारी को चुराता है।

इस मैलवेयर को एंटीवायरस के द्वारा नहीं पकड़ा जा सकता क्योकि यह हमला चोरी छिपे होता है। अन्य मैलवेयर की तुलना में Fileless Malware ज्यादा खतरनाक होता है।

8- Adware (एडवेयर)

Adware एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो कंप्यूटर पर विज्ञापन (ads) दिखाता है। यह कंप्यूटर पर ऐसे विज्ञापन दिखाता है जिनमे वायरस होता है और जैसे ही आप उस विज्ञापन में क्लिक करते हैं तो वह वायरस कंप्यूटर में प्रवेश कर जाते है।

यह एक हानिकारक प्रोग्राम है जो यूजर की अनुमति के बिना ब्राउज़र में विज्ञापन , बड़े बैनर और फ़ुल-स्क्रीन ऑटो-प्ले विज्ञापन दिखाता है।

यह स्पाइवेयर के समान होता है लेकिन यह यूजर के कंप्यूटर पर इनस्टॉल नहीं होता है। इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल यूजर की चीज़ो को चुराने के लिए किया जाता है। उदहारण के लिए यदि कोई यूजर अपना लॉगिन आईडी पासवर्ड दर्ज करता है तो यह वायरस उस लॉगिन आईडी पासवर्ड को चोरी कर लेगा।

9- Rootkit (रूटकिट)

Rootkit एक कंप्यूटर प्रोग्राम है जिसका इस्तेमाल हैकर के द्वारा कंप्यूटर तक पहुंचने और उसमे मौजूद डेटा को चुराने के लिए किया जाता है। इसमें हैकर कंप्यूटर को पूरी तरह नियंत्रित कर सकता है।

इसके अलावा यह आपके कंप्यूटर की जासूसी करता है और फर्मवेयर पर हमला करता है। Rootkit को पहचानना काफी कठिन होता है।

Rootkit कंप्यूटर में phishing, malicious file और छेड़छाड़ की गई शेयर ड्राइव के माध्यम से फैलता है। रूटकिट का उपयोग कीलॉगर्स (keyloggers) को छुपाने के लिए भी किया जा सकता है।

10- Keylogger (कीलॉगर)

KeyLogger एक विशेष प्रकार का मैलवेयर है जिसके द्वारा हैकर यह पता लगा सकता है कि कीबोर्ड पर क्या type किया जा रहा है। इसके जरिये यह पता लग जाता है कि कंप्यूटर में क्या टाइप किया जा रहा है.

आप कीबोर्ड में जो भी key दबाओगे वह सभी जानकारी यह रिकॉर्ड करके save कर लेता है. Keylogger बैकग्राउंड मे चलने वाला एक सॉफ्टवेयर है जिससे कि यूजर को इसका पता नहीं चल पता। अगर कोई आपके कंप्यूटर मे कोई Keylogger को इनस्टॉल करता है तो वह Keylogger आपके कंप्यूटर की activity जैसे कि- पासवर्ड , डेबिट कार्ड , क्रेडिट कार्ड और web search details आदि को रिकॉर्ड कर देता है।

मैलवेयर से बचाव के तरीके

मैलवेयर से बचने के निम्नलिखित तरीके होते है :-

1- एंटीवायरस इनस्टॉल करें

मैलवेयर या किसी अन्य वायरस से बचाव के लिए यूजर को कंप्यूटर में एंटीवायरस को इनस्टॉल करके रखना चाहिए। एंटीवायरस एक प्रकार का सॉफ्टवेयर होता है जो मैलवेयर या वायरस को डिटेक्ट करके उसे डिलीट करता है।

2- कंप्यूटर को अपडेट करें

कंप्यूटर को मैलवेयर से बचाने के लिए हमे कंप्यूटर को नियमित रूप से अपडेट करना होगा। क्योकि जब सिस्टम update होता है तो उसमे नए Feature Add होते जो कंप्यूटर को मैलवेयर से बचाने में मदद करते है।

3- मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें

मैलवेयर से बचाव के लिए यूजर को हमेशा strong password का उपयोग करना चाहिए। यदि यूजर कंप्यूटर में डेटा और फाइलों को सुरक्षित करने के लिए कमजोर पासवर्ड का इस्तेमाल करता है तो हैकर और वायरस आसानी से डेटा को चुरा सकता है और कंप्यूटर में फ़ैल सकता है।

4- फ़ायरवॉल का इस्तेमाल करें

मैलवेयर से बचने के लिए कंप्यूटर सिस्टम में Firewall का इस्तेमाल करना चाहिए। फ़ायरवॉल एक दीवार की तरह होता है जो Malware से कंप्यूटर सिस्टम को बचाता है। Antivirus की तुलना में फ़ायरवॉल बेहतर तरीके से सिस्टम को मैलवेयर से बचाता है।

5- Pop Up ब्लॉकर का इस्तेमाल करें

कंप्यूटर सिस्टम को मैलवेयर से बचाने के लिए हमे Popup Blocker का प्रयोग करना चाहिए। pop up ब्लॉकर ब्राउज़र में आने वाले pop up विज्ञापनों को ब्लॉक कर देता है.

6- अज्ञात लिंक पर क्लिक ना करें

हमें किसी भी अनजाने link पर क्लिक करने से बचना चाहिए। चाहे वह ईमेल, वेबसाइट या whatsapp के माध्यम से आया हो, अगर कोई link बिना जानकारी के लगता है, तो उससे दूर रहें।

Symptoms of Malware in Hindi – मैलवेयर के लक्षण

हम नीचे दिए गये लक्षणों के आधार पर पता लगा सकते हैं कि कंप्यूटर में मैलवेयर आ चूका है या नहीं.

1- यदि मैलवेयर आपके कंप्यूटर में प्रवेश कर चूका है तो आपके कंप्यूटर के कार्य करने की स्पीड धीमी हो सकती है। क्योकि यह आपके कंप्यूटर की मेमोरी को पूरी तरह भर देता है जिसकी वजह से कंप्यूटर की स्पीड धीमी हो जाती है।

2- यदि कंप्यूटर या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में अपने आप सॉफ्टवेयर या एप्लीकेशन open होने लगे तो समझ लीजिये मैलवेयर आपके डिवाइस में प्रवेश कर चूका है।

3- वेब ब्राउज़र की गति का धीमा होना भी मैलवेयर का एक लक्ष्ण है। यदि ब्राउज़िंग करते वक़्त ब्राउज़र धीमी गति से काम कर रहा है तो हो सकता है की मैलवेयर आपके डिवाइस में प्रवेश कर चूका है।

4- यदि यूजर की अनुमति के बिना उसके सोशल मीडिया अकाउंट में पोस्ट हो जाते है तो मैलवेयर आपके डिवाइस में प्रवेश कर चूका है।

5- यदि आपका ब्राउज़र आपको गलत वेबसाइट पर लेकर जा रहा है तो यह भी मैलवेयर का एक लक्ष्ण है।

6- अचानक से आपका सोशल मीडिया अकाउंट suspend (निलंबित) होना भी इसका एक लक्ष्ण है।

7- आपकी अनुमति के बिना सुरक्षा सेटिंग में परिवर्तन मैलवेयर का एक लक्ष्ण है।

मैलवेयर के नुकसान – Disadvantages of Malware in Hindi

इसके निम्नलिखित नुकसान है :-

1- मैलवेयर कंप्यूटर के कार्य करने की गति को धीमा कर देता है।

2- यह व्यक्ति की private जानकरी को भी चुरा लेता है जिनमे बैंक खाते की जानकारी , ATM का पिन आदि जानकारी शामिल है।

3- यह यूजर की जरुरी डेटा और फाइलों को चुराकर उस डेटा का गलत इस्तेमाल करता है।

4- यह यूजर की गतिविधियों पर नजर रखता है जो अपराध है।

5- यह यूजर के डेटा की चोरी करके उसके बदले पैसे मांगता है। यह यूजर को ब्लैकमेल करने का काम करता है।

6- यह यूजर की अनुमति के बिना उसके सोशल मीडिया अकाउंट पर गलत पोस्ट करता है।

7- यह यूजर की अनुमति के बिना उसके पुरे कंप्यूटर सिस्टम को कण्ट्रोल करता है।

Exam में पूछे जाने वाले प्रश्न

मैलवेयर का क्या अर्थ है?

मैलवेयर एक बेहद खतरनाक और हानिकारक सॉफ़्टवेयर होता है जिसे विशेष रूप से किसी कंप्यूटर या उसमें स्टोर किये गये डाटा को नुकसान पहुंचाने के लिए बनाया जाता है. यह संवेदनशील जानकारी (क्रेडिट कार्ड के नंबर या पासवर्ड) चुरा सकता है या यूजर की जानकारी के बिना उसके ईमेल खाते से जाली ईमेल भेज सकता है.

मैलवेयर कितने प्रकार के होते है?

Malware के निम्नलिखित प्रकार होते हैं:-
(1.) वायरस (Virus)
(2.) स्पाइवेयर (Spyware)
(3.) वोर्म (Worms)
(4.) एडवेयर (Adware)
(5.) रैंसमवेयर (Ransomware) आदि.

Reference:https://www.mcafee.com/en-in/antivirus/malware.html

MALWARE IN HINDI

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